भारत की सर्जिकल स्ट्राइक 3.0 को हमसे क्यों छुपाया गया?
पूरे 15 दिनों तक चले इस ऑपरेशन की सबसे ख़ास बातें जानिए!
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भारतीय आर्मी ने म्यांमार आर्मी के साथ मिलकर आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया (सांकेतिक तस्वीर - रॉयटर्स)
उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक किया. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल एयर स्ट्राइक किया. दोनों स्ट्राइक पाकिस्तान के खिलाफ थे. अब चूंकि अब दो सर्जिकल स्ट्राइक हो चुके थे, इसलिए दोनों को देश की आवाम सीक्वल की तरह सर्जिकल स्ट्राइक 1.0 और सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 के नाम से पुकारने लगी. लेकिन क्या आपको पता है जब तक हम भारतीय इन दोनों की बातें कर रहे थे तब तक भारत की आर्मी ने सर्जिकल स्ट्राइक 3.0 को भी अंजाम दे दिया.
ये सर्जिकल स्ट्राइक म्यांमार के आतंकियों पर किया गया था. और भारतीय सेना ने ये स्ट्राइक म्यांमार की सेना के साथ मिलकर किया था. दो हफ्ते तक चले इस सर्जिकल स्ट्राइक को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था.
# सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी कहानी
भारत के पूर्वोत्तर में एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट चल रहा है. ये एक बड़ा ट्रांज़िट प्रोजेक्ट है. जो कोलकाता के हल्दिया पोर्ट को म्यांमार के सित्वे पोर्ट से जोड़ेगा. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर म्यांमार से मिजोरम की दूरी करीब 1000 किलोमीटर कम हो जाएगी. यहां तक दोनों के बीच ट्रैवल में जो टाइम लगता है उसमें भी करीब 4 दिनों की कमी आएगी. कुल मिलाकर बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है. बढ़िया प्रोजेक्ट है. लेकिन इस प्रोजेक्ट पर आतंकियों की बुरी नज़र थी. भारतीय आर्मी को खबर मिली कि इस प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचाने के लिए म्यांमार की अराकान आर्मी प्लानिंग कर रही है. ये आर्मी काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी के अंदर ही काम करती है. चूंकी इसके लास्ट में आर्मी लगा है इसीलिए इसे असली वाली आर्मी मत समझियेगा. म्यांमार की सरकार ने इसे आतंकवादी संगठन घोषित कर रखी है.हां, तो भारत को खबर लगी कि अराकान आर्मी ट्रांजिट प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचाने की प्लानिंग कर रहे है. ये आतंकी दक्षिण म्यांमार में अपना अड्डा बनाए हुए हैं. पक्के इंटेलिजेंस सबूत के बाद भारत ने म्यांमार आर्मी के साथ मिलकर आतंकियों को खदेड़ने की प्लानिंग की. एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया. इंडियन आर्मी ने पहले मिजोरम इलाके से आतंकी कैंपों की सफाई शुरू की. फिर नागा ग्रुप के कई कैंपों को तबाह किया. 17 फरवरी से शुरू हुआ ये ऑपरेशन 2 मार्च को खत्म हुआ. पहले चरण में भारतीय आर्मी ने मिजोरम से आतंकियों के कैंप को उड़ाया. फिर अगले चरण में म्यांमार आर्मी के साथ मिलकर अराकान आर्मी के कई अड्डे को धवस्त किए. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक KIA ने 2 साल के भीतर 3 हजार आतंकियों को ट्रेंड किया है. जो अलग-अलग गुट में काम करते हैं. म्यांमार की KIA काचिन प्रांत में काफी एक्टिव है, जो चीन के से काफी सटा हुआ है. कई सोर्सेज़ ये भी बताते हैं कि चूंकि ये काचिन प्रांत चीन से काफी सटा हुआ है इसीलिए इस आतंकी संगठन को मदद पहुंचाना चीन के लिए काफी आसान था.BREAKING @IndiaToday: Big infra project vital for North East connecting Kolkata to Mizoram via Sitwe port in Myanmar under threat. How Indian Army thwarted the danger to #KaladanProject in a 2 week operation when focus was on responding to Pak post Pulwama More updates coming up pic.twitter.com/UgEzxCoHIw
— Abhishek Bhalla (@AbhishekBhalla7) March 15, 2019