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AMCA और तेजस छोड़िए, भारत अपने इस ड्रोन में भी कावेरी इंजन लगा रहा है

DRDO सिर्फ Ghatak नाम का Stealth Drone नहींं बल्कि Loyal Wingman के कॉन्सेप्ट पर आधारित HAL Cats Warrior भी बना रहा है.

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india developing stealth drones drdo ucav ghatak cant be detected by radars
डी आर डी ओ के घातक की एक तस्वीर (PHOTO-X)
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मानस राज
2 जून 2025 (Published: 03:28 PM IST) कॉमेंट्स
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बीते दिनों खबर आई कि भारत ने अपने पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ विमान (Stealth) एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी AMCA के एग्जीक्यूशन मॉडल को मंजूरी दे दी है. भारत अब उन देशों में शामिल होने जा रहा है जो अपना खुद का स्टेल्थ विमान ऑपरेट करेंगे. अब एक और खबर आई है कि भारत अपने स्टेल्थ ड्रोन (India Stealth Drone) ‘घातक’ पर भी काम कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस ड्रोन में 'कावेरी' (Kaveri Engine) इंजन लगाया जा सकता है.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO ने हाल ही में रूस में कावेरी जेट इंजन की टेस्टिंग की है. इसकी असली क्षमता कितनी है, ये तो अभी साफ नहीं है लेकिन ख़बरों की मानें तो इसका थ्रस्ट 46kn हो सकता है. रक्षा अधिकारियों के मुताबिक इस इंजन का परिक्षण अपने अंतिम स्टेज में है. सब ठीक रहा तो इस इंजन को भारत के स्टेल्थ ड्रोन में लगाया जाएगा.

DRDO सिर्फ घातक नाम का स्टेल्थ ड्रोन नहीं बल्कि लॉयल विंगमैन के कॉन्सेप्ट पर आधारित HAL Cats Warrior भी बना रहा है. रूस में टेस्ट किए जा रहे कावेरी इंजन का इस्तेमाल इस प्रोग्राम के लिए भी किया जा सकता है. तय टाइमलाइन के मुताबिक साल 2025 के अंत तक घातक की पहली टेस्टिंग की जा सकती है. अब इसमें क्या फीचर्स होंगे, ये तो इसके आने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन जो बातें अब तक सामने आई हैं, उनके मुताबिक ये स्टेल्थ तो होगा ही, साथ ही इसमें बिना आफ्टरबर्नर वाला इंजन लगा होगा. आफ्टरबर्नर विमान का वो हिस्सा होता है जहां से फ्लेम निकलती है जिससे विमान को स्पीड मिलती है. इसके जलने की वजह से ये आसानी से रडार की पकड़ में आ सकता है. आफ्टरबर्नर न होने से रडार पर दिखने की संभावना काफी कम हो जाती है.

घातक ड्रोन का संभावित वजन 12 से 13 टन के आसपास हो सकता है. साथ ही ये 1.5 से 2 टन का पेलोड ले जाने में सक्षम होगा. इसे पावर देने के लिए कावेरी का ड्राई इंजन इस्तेमाल किया जाएगा. अनुमानित ऑपरेशनल माने मिशन की रेंज 2500 किलोमीटर के आसपास होने की संभावना है. 

ड्रोन की असली पावर या खासियत क्या होगी, ये तो इसके पूरी तरह ऑपरेशनल होने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन इस ड्रोन के बनने से भारत के लिए लाइन ऑफ कंट्रोल से लगे घने जंगलों और सीमा पर निगरानी करना आसान हो जाएगा. स्टेल्थ तकनीक की वजह से दुश्मन के रडार इसे पकड़ नहीं पाएंगे. इससे ये भारत का ये ड्रोन वाकई में दुश्मनों के लिए बड़ा सिरदर्द साबित होगा.

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