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'टूरिस्ट वीजा पर आकर फैलाई कट्टरता', भारत ने बांग्लादेश के 6 धर्मगुरुओं को ब्लैकलिस्ट किया

असम पुलिस ने जांच में पाया कि ये सभी आरोपी टूरिस्ट या मेडिकल वीजा पर भारत आते थे, लेकिन काम धार्मिक प्रचार का करते थे.

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S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो- PTI)
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साकेत आनंद
20 जून 2022 (Updated: 20 जून 2022, 08:30 AM IST) कॉमेंट्स
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भारत सरकार ने बांग्लादेश के 6 धर्मगुरुओं और एक गायक को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. इन सभी पर असम और देश के दूसरे हिस्सो में 'आपत्तिजनक गतिविधियों' में शामिल होने और युवाओं को कट्टर बनाने के लिए उकसाने का आरोप है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने असम पुलिस की रिपोर्ट के बाद ये कार्रवाई की है. असम पुलिस अंसारुल्ला बांग्ला टीम (एबीटी) की जांच कर रही थी, जिसमें ये बात सामने आई कि ये धर्मगुरू युवाओं को कट्टर बना रहे थे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, असम पुलिस ने जांच में पाया कि ये सभी आरोपी टूरिस्ट या मेडिकल वीजा पर भारत आते थे, लेकिन काम धार्मिक प्रचार का करते थे. पुलिस ने जांच की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को भेजी. इसके बाद विदेश मंत्रालय ने 7 आरोपियों का वीजा ब्लैकलिस्ट कर दिया. इनमें जलालुद्दीन उस्मानी, अहमद हुसैन, अबु ताहिर, मोहम्मद जकरिया, ख्वाजा बदरुद्दोजा हैदर, मुहेमिन उन नाहर (मुनिया मून), हजरत मौलाना मुफ्ती रफीकुल शामिल हैं. पुलिस ने कहा है कि ये सभी कट्टर धर्म प्रचारक हैं, लेकिन किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं.

वीजा नियमों का किया उल्लंघन 

अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि इन धार्मिक गुरुओं ने कई बार असम का दौरा किया. ये धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए और भड़काऊ भाषण भी दिए. अधिकारियों ने बताया कि सिंगर मुनिया मून ने भी टूरिस्ट वीजा नियमों का उल्लंघन किया है. एक अधिकारी ने अखबार को बताया, 

"अगर कोई व्यक्ति टूरिस्ट वीजा के साथ आता है, तो वह धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सकता है. इसके लिए बहुउद्देशीय वीजा अनिवार्य होता है."

दरअसल, अंसारुल्ला बांग्ला टीम पर असम में युवाओं को भड़काने का आरोप लगता रहा है. समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने NIA ने असम में दो जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें इस संगठन का भी नाम सामने आया था. NIA ने कहा था कि बारपेटा में इस संगठन से जुड़े एक सक्रिय मॉड्यूल का नेतृत्व एक बांग्लादेशी कर रहा था, जिसने भारत में अवैध तरीके से प्रवेश किया था.

बांग्लादेशी विदेश मंत्री भारत दौरे पर

बांग्लादेश के इन धर्मगुरुओं के खिलाफ ये कार्रवाई तब हुई है, जब वहां के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन भारत दौरे पर हैं. दोनों देशों के बीच 19 जून को संयुक्त सलाहकार आयोग (JCC) की सातवीं बैठक भी हुई. इसके बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि भारत और बांग्लादेश ने व्यापार, साइबर सिक्योरिटी और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बैठक के बाद कहा कि ये दोनों देशों के बीच एक शोनाली अध्याय (स्वर्णिम अध्याय) है.

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