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BBC पर हुई कार्रवाई को विदेशी मीडिया ने मोदी वाली डॉक्यूमेंट्री से जोड़ा, फिर बहुत कुछ लिखा

ज्यादातर संस्थान इस कार्रवाई को BBC की हाल में रिलीज हुई डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' से जोड़कर देख रहे हैं.

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International media on BBC Raid
BBC ऑफिस और दिल्ली दफ्तर के बाहर खड़े मीडियाकर्मी. (फोटो- इंडिया टुडे/PTI)
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साकेत आनंद
15 फ़रवरी 2023 (Updated: 15 फ़रवरी 2023, 01:48 PM IST) कॉमेंट्स
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BBC के दिल्ली और मुंबई ऑफिस में इनकम टैक्स की तलाशी पिछले 24 घंटों से जारी है. इनकम टैक्स की ये कार्रवाई 14 फरवरी की सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई थी. अभी तक ये पूरी तरह साफ नहीं है कि आयकर विभाग ये तलाशी क्यों ले रहा है. हालांकि अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में इसे "वित्तीय अनियमितताओं" का मामला बताया जा रहा है. BBC के दफ्तरों पर इस कार्रवाई की चर्चा दुनिया भर में हो रही है. विदेशी अखबारों और मीडिया संस्थानों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है. ज्यादातर विदेशी संस्थान इस कार्रवाई को हाल में रिलीज हुई BBC की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' से जोड़कर भी देख रहे हैं.

BBC की तलाशी पर क्या बोले विदेशी अखबार?

अमेरिकी अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने लिखा है, 

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय एजेंसियां लगातार स्वतंत्र मीडिया संस्थानों, मानवाधिकार समूहों और थिंक टैंक के खिलाफ ऐसी छापेमारी कर रही हैं. कई एक्टिविस्ट इसे आलोचनात्मक आवाजों को परेशान करने की कोशिश के रूप में देखते हैं. इस तरीके से प्रेस की स्वतंत्रता को छीनने, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को लंबे समय तक जेल में भेजने को लेकर मानवाधिकार समूहों ने लगातार चिंता जताई है. 

'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने इस खबर को शीर्षक दिया है, 'मोदी की आलोचना करने वाली डॉक्यूमेंट्री रिलीज होने के बाद भारतीय टैक्स एजेंसी ने BBC पर छापेमारी की'.

एक और अमेरिकी अखबार 'द वॉशिंगटन पोस्ट' ने लिखा है कि भारत में BBC पर रेड प्रेस पर एक और नया हमला है. अखबार ने लिखा है, 

BBC के नई दिल्ली और मुंबई दफ्तर में IT अधिकारियों के पहुंचने से दुनियाभर का ध्यान भारत में प्रेस की खराब हालत पर गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे 'सर्वे' बताया है, जो एक टैक्स रेड को बताने का अलग तरीका है. इसकी टाइमिंग भी साफ है. तीन हफ्ते पहले BBC ने एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज की थी, जिसमें 2002 में गुजरात के सांप्रदायिक दंगों में नरेंद्र मोदी की कथित भूमिका पर सवाल उठे थे. नरेंद्र मोदी की सरकार ने डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगा दी, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर क्लिप्स को ब्लॉक करने और यूनिवर्सिटी में स्क्रीनिंग को रोकने की कोशिश की.

प्रेस फ्रीडम रैंकिंग को लेकर सवाल

ब्रिटिश अखबार 'द गार्डियन' ने इस खबर को छापने के साथ मोदी सरकार में प्रेस फ्रीडम की गिरती रैंकिंग का भी जिक्र किया है. अखबार ने लिखा है, 

2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से मीडिया पर दबाव लगातार बढ़ा है. बीजेपी सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को परेशान किया गया है, छापेमारी हुई, आपराधिक केस दर्ज हुए और टैक्स जांच का सामना करना पड़ा है. भारत का प्रेस फ्रीडम रैंक भी 180 देशों में 150वें नंबर पर जा पहुंचा है.

ब्रिटिश मीडिया 'द इंडिपेंडेंट' ने भी इस कार्रवाई की खबर को BBC की डॉक्यूमेंट्री से जोड़ते हुए लिखा है. उसका कहना है कि मोदी सरकार ने डॉक्यूमेंट्री रिलीज होने के बाद BBC की जोरदार आलोचना की थी. सरकार ने इस फिल्म को "प्रोपेगैंडा पीस" बताया था और कहा था कि यह "औपनिवेशिक मानसिकता" को दिखाता है.

वहीं जर्मन मीडिया संस्थान 'डॉयचे वेले' (DW) ने इस खबर को शीर्षक दिया है, 'मोदी पर फिल्म के बाद भारतीय टैक्स अधिकारियों ने BBC के दफ्तरों में छापेमारी की'. अमेरिकी मैग्जीन 'फोर्ब्स' ने इस कार्रवाई को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले से जोड़ा है. उसने लिखा है,

सरकार ने विशेष इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल कर डॉक्यूमेंट्री क्लिप को ऑनलाइन शेयर करने पर बैन लगा दिया था.

फोर्ब्स ने भारत की मौजूदा प्रेस फ्रीडम रैंकिंग का जिक्र करते हुए लिखा कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से पहले भारतीय मीडिया की रैंकिंग थोड़ी अच्छी थी.

CPJ ने क्या कहा?

प्रेस फ्रीडम पर निगरानी रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (CPJ) ने लिखा है कि पत्रकारों को उनके काम करने के लिए परेशान नहीं करना चाहिए. संस्था ने लिखा है कि वह BBC ऑफिस में आयकर अधिकारियों की इस कार्रवाई पर वो नजर रख रहा है. CPJ ने भी इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री से जोड़कर देखा है.

BBC की इस डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक सफर को दिखाया गया है. दो एपिसोड वाली इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर भारत में खूब विवाद हुआ. यूनिवर्सिटी में स्क्रीनिंग रोकने की कोशिश की गई. विवाद इसलिए हो रहा है क्योंकि इसमें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं. उस दौरान मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. BBC डॉक्यूमेंट्री का पहला हिस्सा 17 जनवरी को रिलीज हुआ था. वहीं दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को प्रसारित हुआ. हालांकि ये डॉक्यूमेंट्री भारत में रिलीज नहीं हुई है. भारत सरकार ने फिल्म रिलीज होने के बाद ही इसे ट्विटर और यूट्यूब से हटाने का निर्देश जारी कर दिया था.

वीडियो: BBC डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों पर क्या है जिस पर विवाद हो रहा है?

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