जहां राजा, रानी और वायसरॉय फोटो खिंचाते थे, उसका शटर गिर गया
दुनिया का सबसे 'पुराना' फोटो स्टूडियो 176 साल बाद बंद हो गया.
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फोटो - thelallantop
आसान सा काम है ना. फ़ोन निकाला, क्लिक, क्लिक, डिलीट, क्लिक, क्लिक, क्लिक. फ़ोटो स्टूडियो केवल तब याद आता है जब पासपोर्ट साइज़ वाली फ़ोटो खिंचवानी होती हैं. लेकिन पहले के टाइम में फ़ोटो स्टूडियो बहुत बड़ी लग्ज़री हुआ करते थे. वो पापा के पुराने एल्बम में जो छोटी-छोटी सी पीली वाली फ़ोटो होती हैं ना. जिसमे छोटी सी दादी होती हैं, या बुआ की क्लास फर्स्ट की फ़ोटो होती है. वो सब स्टूडियो जा कर ही खिंचवाई जाती थीं.
कोलकाता का 176 साल पुराना फ़ोटो स्टूडियो बंद हो गया. नाम था, बॉर्न एंड शेफर्ड. एक ऐसा फ़ोटो स्टूडियो जिसने इतिहास बनाया. दुनिया का सबसे लम्बे समय तक चलने वाला स्टूडियो. लेकिन नई डिजिटल फोटोग्राफी टेक्नोलॉजी के सामने इसको झुकना ही पड़ गया.



इस स्टूडियो को सैम्युअल बॉर्न और चार्ल्स शेफर्ड ने 1866 में बनाया था.
कोलकाता के एस एन बनर्जी रोड पहुंच जाओ तो इस स्टूडियो का गॉथिक आर्किटेक्चर और एग्ज़ोटिक लुक अपनी तरफ बहुत अट्रैक्ट करता है. 19वीं और 20वीं सेंचुरी की सबसे ज्यादा कमर्शियल इंडियन फिल्में यहीं बनी थीं. इसके बहुत सारे आउटलेट पेरिस और लन्दन में भी थे. यहां डेवेलोप की गई कुछ फोटो नेशनल गैलरी आफ पोट्रेट्स, लंदन और कैम्ब्रिज यूनीवर्सिटी लंदन में भी लगी हुई हैं. रामकृष्ण परमहंस की पहली फ़ोटो भी इसी स्टूडियो में खींची गई थी.
कुछ बेहतरीन और हिस्टोरिकल फ़ोटोज़

Duffernin, Wikipedia

Rudyard Kipling, 1892,
Wikipedia

khusru Bagh, Allahabd, wikipedia
लेकिन 1991 में यहां आग लग गई थी. बहुत भयानक. हज़ारों फ़ोटोज़ और आर्टिकल जल गए थे. उसके बाद से इस स्टूडियो की हालत बहुत खराब हो गई थी. फिर जब से डिजिटल फ़ोटोग्राफी का चलन शुरू हुआ. स्टूडियो को कोई पूछता ही नहीं था. पैसा और काम कुछ भी नहीं था अब स्टूडियो वालों के पास. इसलिए 16 जून को इस पर फाइनल ताला मार दिया गया. थर्सडे को जब ये स्टूडियो बंद हुआ, इसको फेयरवेल देने के लिए कोई भी मौजूद नहीं था.