NIA, IB, RAW के संयुक्त अभियान में ISIS मॉड्यूल का पता चला, 5 गिरफ्तार
जम्मू-कश्मीर में 10 जगहों पर एजेंसी ने की छापेमारी.
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रविवार 11 जुलाई को छापेमारी के दौरान की एक तस्वीर. फोटो सोर्स- आजतक
NIA ने IB और RAW के साथ मिलकर कश्मीर में ISIS मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. एजेंसी ने रविवार 11 जुलाई को 10 जगहों पर छापेमारी की. 5 युवाओं को भी गिरफ्तार किया है. ISIS टेरर ग्रुप से लिंक के आरोप में. केंद्रीय जांच एजेंसी ने जम्मू और कश्मीर में 10 अलग अलग जगहों पर छापेमारी की जिनमें अनंतनाग, श्रीनगर, अवंतीपोरा और बारामुला शामिल हैं. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस नए ISIS मॉड्यूल और टेरर फंडिंग केस को 10 दिन पहले दर्ज किया गया था, लेकिन पिछले करीब 3 महीनों से संदिग्धों पर नजर रखी जा रही थी.
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भारतीय उपमहाद्वीप में ऑनलाइन कट्टरपंथ को बढ़ावा दिए जाने की बातें सामने आई थी. कनेक्शन श्रीलंका और मालदीव से जुड़ रहा था. रविवार को NIA ने 5 युवाओं को गिरफ्तार कर पूछताछ की. इनमें साउथ कश्मीर के मोहल्ला अछाबल का रहने वाला उमर भट भी शामिल है जो करीब 20 साल का है. इंडिया टुडे ने इंटेलीजेंस सोर्सेस के हवाले से लिखा है कि उमर भट अब एक कट्टरपंथी मैगजीन के प्रिंट एडिशन का चेहरा है. इस मैगजीन का मकसद भारतीय मुस्लिमों को सिस्टम के खिलाफ भड़काना है.
मैगजीन के 17 संस्करण छप चुके हैं
जांच एजेंसियों ने इस मामले में अभी तक कई लोगों से पूछताछ की है. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक ISIS की मैगजीन के अभी तक 17 संस्करण छप चुके हैं. इस मासिक मैगजीन में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव के बारे में कवरेज की जाती है. ऐसा माना जा रहा था कि ये मैगजीन अफगानिस्तान से प्रकाशित होती थी, लेकिन अब जांच में पता चला कि इसका लिंक जम्मू-कश्मीर और दिल्ली से है.
जांच के लिए NIA की टीम 9 जुलाई को कश्मीर पहुंची थी. IB की टीम भी इसी दिन कश्मीर पहुंची थी. जम्मू-कश्मीर के 11 सरकारी कर्मचारियों को आतंकी फंडिंग के मामले में बर्खास्त किए जाने के एक दिन बाद ये छापेमारी हुई है.
आजतक की इस रिपोर्ट के मुताबिक वॉयस ऑफ इंडिया मैगजीन को लेकर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल भी दो साल पहले खुलासा कर चुकी है. जांच में पता चला था कि तिहाड़ जेल में बंद आतंकी मैगजीन का कंटेंट जेल के अंदर से भेजता था. इस मामले में जम्मू कश्मीर के रहने वाले पति-पत्नी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. बाद में यह केस NIA ने लिया और पुणे से भी गिरफ्तारी की गई थी. 2020 में हुए दिल्ली दंगों की तस्वीरों के साथ काफी भड़काने वाले कंटेंट भी वॉयस ऑफ इंडिया मैगजीन में छापे गए थे.