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मोदी या कांग्रेस, किसकी सरकार में फैला अडाणी का साम्राज्य, पूरा लेखाजोखा जान लीजिए

UPA की सरकार में भी अडानी ग्रुप ने कितना कमाया?

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गौतम अडानी (आज तक)
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आबिद खान
11 फ़रवरी 2023 (Updated: 11 फ़रवरी 2023, 07:39 PM IST) कॉमेंट्स
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24 जनवरी को फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट क्या आई, हर जगह अडाणी-अडाणी के चर्चे होने लगे. शेयर मार्केट से लेकर संसद तक अडाणी का नाम गूंजने लगा. 7 फरवरी को संसद में राहुल गांधी लगातार 53 मिनट इस मुद्दे पर बोले. प्रधानमंत्री से पूछा कि भाजपा और अडाणी का रिश्ता क्या है? पीएम के विदेश दौरे में अडाणी कितनी बार साथ गए?

राहुल गांधी के मुताबिक, NDA के कार्यकाल में अडाणी का कारोबार तेजी से बढ़ा है. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि जब केंद्र में UPA की सरकार थी, तब अडाणी की तरक्की किस तरह हो रही थी और NDA की सरकार बनने के बाद इसमें कितना बदलाव आया है.

पहले थोड़ा अडाणी के कारोबार की शुरुआत को जान लेते हैं. अडाणी ने कारोबार की शुरुआत 1988 में कमोडिटी ट्रेडिंग बिजनेस से की थी. इससे पहले वे हीरे का कारोबार भी करते थे. 1991 में हुए आर्थिक सुधारों का फायदा अडाणी को मिला और कंपनी ने अलग-अलग क्षेत्र में अपने पैर पसारे. 1993 में गुजरात सरकार ने मुंद्रा पोर्ट को ऑपरेट करने का काम प्राइवेट कंपनियों को देने का फैसला लिया. 1995 में पोर्ट का टेंडर अडाणी ग्रुप ने जीत लिया. अगले ही साल अडाणी पावर लिमिटेड की स्थापना हुई. इस दौरान कंपनी ने इंफ्रास्ट्रक्चर, पोर्ट्स, एनर्जी समेत कई क्षेत्रों में निवेश किया.

UPA सरकार में अडाणी का सफर

2004 से लेकर 2014 तक UPA के 10 साल के शासन के दौरान अडाणी ग्रुप ने बड़ी तरक्की की. एस इक्विटी के डेटा के मुताबिक, 2004 से 2014 तक अडाणी एंटरप्राइजेस के शेयर्स में 2,186 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. 2004 तक केवल अडाणी एंटरप्राइजेस ही शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनी थी. 2007 में अडाणी पोर्ट्स और 2009 में अडाणी पावर भी शेयर मार्केट में लिस्ट हुई.

साल 2011 में समूह ने क्वींसलैंड ऑस्ट्रेलिया के एबॉट पॉइंट पोर्ट को 99 साल के लिए लीज पर लिया. कंपनी के लिए ये भारत से बाहर विदेश में कारोबार की शुरुआत थी. नवंबर 2007 से मई 2014 तक अडाणी पोर्ट के शेयर में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. हालांकि, 2009 से 2014 के बीच अडाणी पावर के शेयर में गिरावट आई. 2014 में जब एनडीए की सरकार बनी तब अडाणी ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.20 लाख करोड़ रुपए के आसपास था.

2014 के बाद अडाणी ग्रुप को क्या हुआ?

26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने पहली बार पीएम पद की शपथ ली. इस दिन अडाणी एंटरप्राइजेस के शेयर की कीमत 489 रुपए थी. 21 दिसंबर 2022 को इसी शेयर की कीमत 4,189 रुपए हो गई. यानी 756 फीसदी की बढ़त. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी एंटरप्राइजेस के शेयर्स में भारी गिरावट हुई, लेकिन फिर भी ये 26 मई 2014 के मुकाबले करीब 340 फीसदी ज्यादा है.

इस दौरान अडाणी पावर और अडाणी पोर्ट्स के शेयर्स की कीमत भी काफी तेजी से बढ़ी. 26 मई 2014 से 8 फरवरी 2022 की अवधि में अडाणी पोर्ट्स के शेयर की कीमत 169 फीसदी और अडाणी पावर के शेयर्स में 199 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

एक टेबल से अडाणी ग्रुप के शेयर की कीमतों में आए बदलाव को समझते हैं… 

कंपनी का नाम8 फरवरी 2023 को एक शेयर की कीमत26 मई 2014 को एक शेयर की कीमत
अडाणी ट्रांसमिशन1314.2528.35
अडाणी ग्रीन एनर्जी801.7529.40
अडाणी टोटल गैस1394.1573.70
अडाणी एंटरप्राइजेस2158.65489.25
अडाणी पावर18260.90
अडाणी पोर्ट्स599.45222.65
अडाणी विल्मर419.35265.20
(शेयर की कीमत रुपए में)

वित्त वर्ष 2004 में अडाणी एंटरप्राइजेस का स्टैंडअलोन रेवेन्यू 7,078 करोड़ रुपए था, जो वित्त वर्ष 2014 में बढ़कर 11,699 करोड़ हो गया. वित्तीय वर्ष मार्च 2022 में ये आंकड़ा 26,824 करोड़ पर पहुंच गया.

इसी तरह वित्त वर्ष 2014 में कंपनी को जहां 178 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था, उसके मुकाबले वित्त वर्ष 2022 में 720 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ है. हालांकि, वित्त वर्ष 2014 से 2022 के दौरान अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर को नुकसान हुआ है. वित्त वर्ष 2014 में अडाणी पावर को 596 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ था, लेकिन 2022 में कंपनी को 182 करोड़ का घाटा हुआ है.

अडाणी ग्रुप की बाकी कंपनियों का हाल 

साल 2015 अडाणी ट्रांसमिशन को शेयर मार्केट में लिस्ट किया गया. तब से अब तक इस कंपनी के शेयर्स में 4,536 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2018 में अडाणी टोटल गैस और अडाणी ग्रीन एनर्जी को भी शेयर मार्केट में लिस्ट किया गया. तब से अब तक इन दोनों कंपनियों के शेयर्स में 1 हजार फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. फिलहाल ग्रुप की 10 कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड हैं, जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन 10 लाख करोड़ रुपए के करीब है. ग्रुप में अडाणी एंटरप्राइजेस, अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी टोटल गैस, अडाणी पावर गैस, अडाणी पोर्ट्स, अडाणी विल्मर, एसीसी, अंबुजा सीमेंट और एनडीटीवी शामिल हैं.  एसीसी, अंबुजा सीमेंट और एनडीटीवी को हाल ही में ग्रुप ने खरीदा है.

वीडियो: अडानी को कैसे मिले देश के 6 बड़े एयरपोर्ट? गड़बड़ी के आरोप का सच क्या?

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