The Lallantop
Advertisement

क्या हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार खतरे में है? राज्यसभा चुनाव में कैसे फंस गया पेंच

Himachal Pradesh में CM Sukhwinder Singh Sukhu के इस्तीफे की मांग हो रही है.

Advertisement
Abhishek Manu Singhvi and Harsh Mahjan
दोनों उम्मीदवारों के बीच 34-34 मतों से मुकाबला बराबर हो गया था. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
pic
मंजीत सहगल
font-size
Small
Medium
Large
28 फ़रवरी 2024 (Updated: 28 फ़रवरी 2024, 08:47 IST)
Updated: 28 फ़रवरी 2024 08:47 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

राज्यसभा चुनाव में एकमात्र सीट गंवाने के बाद हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) सरकार खतरे में आ गई है. बीजेपी दावा कर रही है कि राज्य सरकार अपना बहुमत खो चुकी है. हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट (Himachal Pradesh Rajya Sabha Election) पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) को अपना उम्मीदवार बनाया था. सिंघवी को भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन (Harsh Mahajan) ने हरा दिया. दोनों उम्मीदवारों के बीच 34-34 मतों से मुकाबला बराबर हो गया था. जिसके बाद लॉटरी सिस्टम से हर्ष महाजन की जीत हो गई.

इंडिया टुडे से जुड़े मंजीत सहगल की रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में भाजपा के विधायक दल ने 28 फरवरी की सुबह राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की है. BJP ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जनादेश खो चुके हैं. भाजपा राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकती है.

राज्यपाल से मुलाकात के बाद हिमाचल प्रदेश के BJP नेता जयराम ठाकुर ने कहा,

“हमने राज्यपाल को विधानसभा में जो हुआ उसके बारे में सूचित किया है. विधानसभा में फाइनेंस बिल के दौरान हमने मत विभाजन की मांग की तो इसकी अनुमति नहीं दी गई. सदन को दो बार स्थगित किया गया. मार्शलों ने हमारे विधायकों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया वो ठीक नहीं था. हमें संदेह है कि विधानसभा अध्यक्ष भाजपा विधायकों को निलंबित कर सकते हैं और कांग्रेस के कुछ विधायक जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट दिया था, उन्हें भी निलंबित किया जा सकता है. फिलहाल, कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का अधिकार खो चुकी है.”

इससे पहले, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात पर BJP नेता जयराम ठाकुर ने कहा था, 

''हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो कुछ हुआ है, उसके राजनीतिक दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.'' 

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े मनोज सीजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल में काग्रेस के 6 विधायकों ने और 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया है. इस क्रॉस वोटिंग के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार खतरे में है.

इससे पहले राज्य में सिंघवी की इस हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने यहां दो पर्यवेक्षकों को बहाल किया था. कांग्रेस ने भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को हिमाचल प्रदेश में पर्यवेक्षक बनाया है. पार्टी की प्राथमिकता राज्य में 28 फरवरी को फाइनेंस बिल पास कराना था. 

ये भी पढ़ें: सपा में उठापटक, अखिलेश यादव के चीफ़ व्हिप का इस्तीफ़ा, 'व्हिप' के विपरीत राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग

एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि राज्य में विधायकों का एक वर्ग सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रहा है. दोनों पर्यवेक्षक हिमाचल प्रदेश के विधायकोें से बात करके स्थिति को समझने की कोशिश करेंगे.

हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा सीट है. फिलहाल कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं और भाजपा के पास 25. इनके अलावा 3 निर्दलीय विधायक हैं. हर्ष महाजन 2022 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. उन्हें 34 वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस ने भाजपा की इस जीत को अलोकतांत्रिक बताया है.

वहीं इस बीच भाजपा ने भी सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे की मांग की है. BJP नेता जयराम ठाकुर ने कहा है कि भाजपा की इस जीत को देखते हुए मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ एक साल के अंदर ही विधायकों ने CM का साथ छोड़ दिया है. उन्होंने आगे कहा कि इतना बड़ा बहुमत होेने के बावजूद भी कांग्रेस को राज्यसभा में हार का सामना करना पड़ा है.

वीडियो: राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग अखिलेश यादव ने क्या कह दिया?

thumbnail

Advertisement

Advertisement