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यूपी: नाबालिग बेटियों ने गैंगरेप के बाद की थी आत्महत्या, अब पिता ने भी दे दी जान

एक ईंट भट्ठे के ठेकेदार और उसके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने शराब पिलाकर दोनों बहनों का रेप किया था. इस मामले में पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं.

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hamirpur two minor girls father suicide
एक हफ़्ते पहले दोनों बहनों ने जान दे दी थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर - आजतक)
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हरीश
7 मार्च 2024 (Updated: 7 मार्च 2024, 03:03 PM IST)
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हमीरपुर ज़िले की दो नाबालिग बहनों ने कथित गैंगरेप (Gangrape) के बाद आत्महत्या कर ली थी. एक ईंट भट्ठे के ठेकेदार और उसके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने शराब पिलाकर दोनों बहनों का रेप किया था. अब घटना के एक हफ़्ते बाद पीड़ित पिता ने भी अपनी जान दे दी है. आरोप है कि ईंट भट्ठे के ठेकेदार की तरफ़ से परिवार को लगातार समझौता करने की धमकी मिल रही थी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिसोलर थाना क्षेत्र के एक गांव का एक परिवार कानपुर (Kanpur) के घाटमपुर में ईंट भट्ठों में मज़दूरी करता था. जिस ईंट भट्ठे में परिवार काम करता था, उसके ठेकेदार और साथियों पर आरोप है कि उन लोगों ने दोनों बहनों को शराब पिलाकर भट्ठे पर उनका गैंगरेप किया. बहनों की आत्महत्या के बाद पुलिस ने ठेकेदार रामस्वरूप और दोनों साथियों रज्जू और संजू को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था.

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आरोप है कि घटना के बाद से ही भट्ठा ठेकेदार की तरफ़ से पीड़ित परिवार को मामले में समझौते की धमकी दी जा रही थी. बताया जा रहा है कि आरोपी इलाके में अच्छा-खासा प्रभाव रखते हैं. वो लगातार परिवार पर समझौते का दबाव बना रहे थे. ऐसे में पिता ने भी जान दे दी. इधर, पुलिस का कहना है कि पीड़ित परिवार ने दबाव बनाए जाने के संबंध में कोई शिकायत नहीं की थी. कानपुर साउथ के DCP रवींद्र कुमार ने कहा कि अगर उन्हें दबाव बनाने की जानकारी मिलती, तो कार्रवाई की जाती.

इस मामले में पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के बाद परिवार कानपुर से हमीरपुर लौट गया था. ऐसे में पुलिस से पूछा जा रहा है कि अगर परिवार लौटा नहीं, तो कार्रवाई के संबंध में पुलिस ने उससे संपर्क क्यों नहीं किया?

विपक्षी नेता हमलावर

इस मामले में राहुल गांधी समेत दूसरे विपक्षी नेता उत्तर प्रदेश सरकार को घेर रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि डबल इंजन सरकार में न्याय मांगना गुनाह है. उन्होंने लिखा,

"नरेंद्र मोदी की डबल इंजन सरकार में डबल अन्याय हो रहा है. दो बहनों ने अपने साथ हुए दुष्कर्म के बाद फांसी लगा ली, अब न्याय न मिलने और मुकदमा वापस लेने के दबाव के बाद उनके पिता को भी फांसी लगानी पड़ी. पीड़ित ही नहीं, बल्कि उनके परिवारों तक से दुश्मन जैसा व्यवहार भाजपा शासित राज्यों में परंपरा बन चुकी है."

वहीं, प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में यूपी सरकार को घेरा है. उन्होंने लिखा,

"पीड़ित बच्चियों-महिलाओं के न्याय मांगने पर उनके परिवारों को बर्बाद करना नियम बन चुका है. उन्नाव, हाथरस से लेकर कानपुर तक, जहां भी महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ, उनके परिवार को बर्बाद कर दिए गए. जंगलराज में महिला होना अपराध हो गया है. यहां कानून नाम की कोई चीज़ नहीं बची है."

नाबालिग लड़कियों की आत्महत्या के बाद चंद्रशेखर आज़ाद ने भी इस घटना को डरावनी और दुखद बताया था. चंद्रशेखर ने कहा था कि योगी सरकार की पुलिस का इक़बाल शून्य है. इसीलिए अपराधियों और अराजक तत्वों का हौसला शिखर पर है. यूपी की कानून व्यवस्था से गुंडों के ज़हन में बिल्कुल भी डर नहीं है.

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