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गुंजन सक्सेना के साथ एयरफोर्स में काम कर चुकी पायलट ने फिल्म बनाने वालों को खूब सुनाया

'गुंजन सक्सेना: दी कारगिल गर्ल' की कुछ बातों को लेकर सवाल उठाए हैं.

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गुंजन सक्सेना: दी कारगिल गर्ल मूवी में जान्हवी कपूर ने लीड रोल किया है.
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16 अगस्त 2020 (Updated: 17 अगस्त 2020, 11:31 AM IST) कॉमेंट्स
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'गुंजन सक्सेना: दी कारगिल गर्ल' फिल्म विवादों में है. पहले वायुसेना ने फिल्म को लेकर आपत्ति जताई थी. अब वायुसेना की एक रिटायर्ड विंग कमांडर नम्रता चांदी ने फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि इस फिल्म के जरिए झूठ फैलाया जा रहा है. चांदी ने फिल्म के निर्माता धर्मा प्रोडक्शन को निशाने पर लिया. बता दें कि यह फिल्म फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना के जीवन पर है. उन्होंने 1999 के कारगिल वॉर में सेवाएं दी थीं. अपनी साथी ऑफिसर श्रीविद्या राजन के साथ वह कॉम्बेट में जाने वाली पहली महिला भारतीय एयरफोर्स ऑफिसर बनी थीं. फिल्म को बताया 'शैतानी' नम्रता चांदी ने अंग्रेजी मैगजीन 'आउटलुक' के लिए अपने लेख में कहा कि उन्होंने और गुंजन ने एक साथ ही ट्रेनिंग ली थी. वे बदतर हालात में एक दूसरे के साथ थे. वे जो कुछ भी लिख रही हैं उसका गुंजन से कोई लेनादेना नहीं है. उनका लेख धर्मा प्रोडक्शंस और फिल्म के लेखकों के बारे में है. चांदी ने 'गुंजन सक्सेना: दी कारगिल गर्ल' फिल्म को शैतानी बताया. उन्होंने कहा,
मैंने यह फिल्म बेहद कम उम्मीदों के साथ देखी. बहुत कम फिल्में सच के साथ न्याय कर पाती है. फिल्म निर्माता अक्सर सिनेमाई और क्रिएटिव छूट का सहारा लेते हैं. लेकिन सिनेमाई और क्रिएटिव छूट 'कभी खुशी कभी गम' जैसी बबल गम सिनेमा पर लागू की जा सकती है. इंडियन एयरफोर्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से जुड़े नियमों पर नहीं. मुझे नहीं पता कि गुंजन ने फिल्म के रिसर्चर्स को अपने अनुभवों के बारे में क्या बताया, लेकिन यह बात पूरे भरोसे के साथ कह सकती हूं कि जिसने 5-6 साल भी वर्दी पहनी है, वह भी इस तरह की जानकारी छिछोरा सिनेमा बनाने वालों को नहीं देगा.
कहा- लेडिज टॉयलेट नहीं थे लेकिन... नम्रता ने अपने लेख में माना कि शुरू में एयरफोर्स में महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम या लेडिज टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं थी. लेकिन कभी भी इस वजह से असुविधा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि कई मौकों पर कपड़े चेंज करने के दौरान पुरुष अफसर बाहर ध्यान रखते थे. फिल्म में महिला अफसरों के साथ बदसलूकी दिखाए जाने पर नम्रता चांदी ने लिखा कि 15 साल के उनके करियर में ऐसा कभी नहीं हुआ. एयरफोर्स में चाहे पुरुष हो या महिला सभी पायलटों को अपनी क्षमता साबित करनी होती है. नम्रता ने अपना उदाहरण देते हुए कहा,
पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उड़ान भरने वाली मैं पहली महिला ऑफिसर हूं. यह काम मैंने 1996 में किया था. मुझ पर साथ बैठने वाले सभी अफसरों का भरोसा था. मैं पहली महिला पायलट थी जिसे लेह में तैनात किया गया और सियाचिन ग्लेशियर में चीता हेलीकॉप्टर उड़ाने का मौका मिला.
फिल्म पर लगाया झूठ फैलाने का आरोप नम्रता ने फिल्म निर्माताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा,
कारगिल जाने वाली पहली महिला पायलट श्रीविद्या राजन थी न कि गुंजन. हालांकि मुझे पता है कि श्रीविद्या इस पर शिकायत नहीं करेगी.
जान्हवी कपूर को दी एक सलाह उन्होंने कहा कि यह फिल्म महिलाओं को एयरफोर्स में शामिल होने से रोकने का काम करती है. फिल्म में महिलाओं को जिस तरह दिखाया गया है, उससे उनकी साथी महिला अफसर हैरान और दुखी हैं. उन्होंने एक्ट्रेस जान्हवी कपूर को भी एक सलाह दी. कहा कि भविष्य में कभी ऐसी फिल्म मत करना. भारतीय पेशेवर महिला और पुरुषों की गलत छवि दिखाना बंद होना चाहिए. एयरफोर्स ने सेंसर बोर्ड से की थी शिकायत इससे पहले इंडियन एयरफोर्स ने सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर इस फिल्म के बारे में धर्मा प्रोडक्शंस की शिकायत की थी. इसमें कहा गया था कि फिल्म में एयरफोर्स को बेवजह नकारात्मक रूप में पेश किया गया है. बता दें कि 'गुंजन सक्सेना: दी कारगिल गर्ल' फिल्म 12 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी.
Video: फिल्म रिव्यू: गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल

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