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'केवल नमाज़ पर हिंसा नहीं हो सकती', विदेशी छात्रों पर हमले के बाद VC बोलीं कि उन्हें 'सुधरना' होगा

Gujarat University की कुलपति का कहना है कि राज्य के 'शाकाहारी समाज' की भावनाओं को देखते हुए विदेशी छात्रों को अपनी आदतों और आचरण को संवेदनशील बनाने की ज़रूरत है. VC का कहना है कि नमाज पढ़ना हिंसा उकसाने के लिए एकमात्र कारण नहीं हो सकता. उन्होंने इस घटना के पीछे के कुछ अलग कारण बताए हैं.

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हिंसा के बाद वीसी नीरजा गुप्ता पुलिस के साथ मुआयना करते हुए. (तस्वीर - सोशल)
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सोम शेखर
19 मार्च 2024 (Published: 12:02 PM IST) कॉमेंट्स
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शनिवार, 16 मार्च की रात अहमदाबाद के गुजरात विश्वविद्यालय (Gujarat University) में पढ़ने वाले कुछ विदेशी छात्रों पर हमला किया गया था. ये छात्र रमज़ान में रात की नमाज अदा कर रहे थे. कुछ लोकल छात्रों ने इसका विरोध किया. बहस हुई, बात बिगड़ गई, लड़ाई हो गई. घटना में कुछ छात्र घायल भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था. चूंकि घटना में श्रीलंका और ताज़िकिस्तान के दो छात्र बुरी तरह से घायल हुए थे, विदेश मंत्रालय (MEA) तक को बयान जारी करना पड़ा. कहा कि राज्य सरकार अपराधियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई कर रही है. अब इस मामले में विश्वविद्यालय की कुलपति (VC) का बयान आया है. उन्होंने एक अलग ही लाइन ले ली है. VC डॉ. नीरजा गुप्ता का कहना है कि राज्य के 'शाकाहारी समाज' की भावनाओं को देखते हुए विदेशी छात्रों को अपनी आदतों और आचरण को संवेदनशील बनाने की ज़रूरत है.

गुजरात मुख्यता शाकाहारी 

विदेशी छात्रों पर हमले पर इंडियन एक्सप्रेस के साथ हुए एक इंटरव्यू में VC गुप्ता ने कहा कि नमाज पढ़ना हिंसा उकसाने के लिए एकमात्र कारण नहीं हो सकता. कहा,

कोई एक घटना इतनी बड़ी हिंसा की वजह नहीं हो सकती. ये किसी धर्म के बारे में नहीं है, संस्कृति के बारे में है. उदाहरण के लिए, वो मांस खाते हैं और गुजरात मुख्यतः एक शाकाहारी समाज है. उन्होंने कुछ खाया और बचा हुआ इधर-उधर फेंक दिया. तो ये एक मुद्दा बन सकता है. पब्लिक स्पेस सभी का है. चूंकि ये विदेशी छात्र हैं, इसलिए लोगों की नज़र में जल्दी आ जाते हैं. इसलिए मेरा मानना है कि ये सिर्फ़ एक घटना के बारे में नहीं हो सकता.

हम किसी के नमाज़ पढ़ने के प्रति इतने असंवेदनशील या असहिष्णु नहीं हैं. हमें उन्हें बेहतर तरीक़ों से प्रशिक्षित करना होगा और उन्हें स्थानीय समाज, रीति-रिवाजों और भावनाओं के बारे में बताना होगा... ताकि वे सुरक्षित रह सकें.

गुजरात मुख्यतः एक शाकाहारी समाज है – ऐसा कुछ सर्वे भी दावा करते हैं. मांस खाने वाली आबादी के आंकड़े 40% से 60% के बीच हैं. कुछ जगहों पर 40% छपा है, कुछ जगहों पर 60%. गुजराती और अंग्रेज़ी की लेखिका और अशोका यूनिवर्सिटी में अंग्रेज़ी विभाग की प्रमुख रीता कोठारी ने इसी मसले पर द स्क्रोल में एक आर्टिकल लिखा था. उनका तर्क है कि गुजरात कोई शाकाहारी राज्य नहीं है. केवल उन लोगों को लिए है, जिन्होंने ख़ुद को संस्कृति संरक्षक समझ लिया है. राज्य में मांसाहार आम है, लेकिन महसूस ऐसा कराया जाता है कि ये नाजायज़ हो. मांस की बिक्री और खपत भी होती है, लेकिन अगड़ी जातियों की नज़र और संवेदी दुनिया से दूर होना चाहिए.

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गुजरात विश्विद्यालय में अफ़ग़ानिस्तान, उज़्बेकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, सीरिया और अफ्ऱीका से आए क़रीब 300 विदेशी विद्यार्थी पढ़ते हैं. कुलपति के मुताबिक़, उन्हें विश्वविद्यायल परिसर में सुरक्षित रहने के लिए अपनी आदतें 'सुधारनी' होंगी.

VC ने बताया पहले हैंडबुक क्यों दी जाती थी?

कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता इससे पहले 16 बरसों तक विदेश अध्ययन कार्यक्रम (SAP) की समन्वयक थीं. वो किस तरह की सांस्कृतिक संवेदनशीलता की बात कर रही हैं? इस पर उनसे और सवाल पूछे गए, तो उन्होंने बताया,

पहले हम छात्रों को एक हैंडबुक देते थे, जिसमें स्थानीय संस्कृति के बारे में जानकारी होती थी. क्या करना है, क्या नहीं, लिखा होता था. अपेक्षाओं और असलसियत के बीच तो हमेशा फ़र्क़ होता ही है. वो बहुत सारी उम्मीदों के साथ यहां आते हैं, और उन्हें एक अलग माहौल मिल सकता है. मुझे पता चला कि पिछले कुछ समय से अब कोई प्रैक्टिस या हैंडबुक नहीं दी जा रही है.

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दूसरी बात, वो बताती हैं कि संवाद होना चाहिए. किसी भी समाज में हिंसा एक बड़ी समस्या को जन्म देगी ही. इसीलिए उन्हें सुना जाना चाहिए. घटना के बाद छात्रों से बातचीत के सवाल पर वीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी में काउंलर्स और मनोवैज्ञानिक हैं. इसके अलावा वो ख़ुद तीन बार पीड़ित छात्रों से मिल चुकी हैं.

ये हमारे लिए एक अवसर भी है, क्योंकि एक तरह से वो हमारे राजदूत हैं. वो हमारी संस्कृति को दुनिया भर में ले जाते हैं.

गुजरात एक बहुत ही सुरक्षित समाज है. मैंने लगभग दो दशकों तक इस (SAP) विभाग को संभाला है. इसलिए मैंने देखा है कि वो हमारे संगीत, हमारे भोजन और हमारे कपड़ों से प्यार करते हैं.

गुजरात पुलिस ने इस केस में अब तक पांच लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है.  रविवार, 17 मार्च को उन्होंने दो लोगों को उठाया था. एक दिन बाद, दो और लोगों को गिरफ़्तार किया गया.

वीडियो: गुजरात यूनिवर्सिटी में नमाज पढ़ रहे विदेशी छात्रों पर हमले को लेकर विदेश मंत्रालय ने क्या बताया?

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