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गुजरात के भ्रष्ट अधिकारियों की 'दरियादिली', गरीबों से EMI में ले रहे हैं रिश्वत

गुजरात (Gujarat) में कई अफ़सरों पर EMI के ज़रिए रिश्वत लेने का आरोप लगा है. अकेले 2024 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 10 ऐसे मामले दर्ज किए हैं.

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Gujarat officials accept bribes in EMIs
EMI के ज़रिए ली जा रही रिश्वत. (प्रतीकात्मक तस्वीर - इंडिया टुडे)
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हरीश
6 जून 2024 (Updated: 6 जून 2024, 02:22 PM IST) कॉमेंट्स
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गुजरात (Gujarat) के कुछ अधिकारियों पर 'सहानुभूतिपूर्वक भ्रष्टाचार' के आरोप लगे हैं. रिश्वत के लिए बहुत ज़्यादा पैसों की मांग से कमज़ोर शख़्स पर वित्तीय बोझ आ गया. इस बोझ को कम करने के लिए अफ़सरों ने एकमुश्त कर्ज लेने के बजाय, हर माह की किश्त में भुगतान करने की ‘छूट’ दे दी (Gujarat Officials Accept Bribes In EMIs) . गुजरात (Gajarat) में EMI के रूप में रिश्वत लेने के कई मामले सामने आए हैं. साल 2024 में ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा ऐसे 10 मामले दर्ज किए गए हैं.

मार्च 2024 में एक व्यक्ति से SGST फ़र्जी बिलिंग घोटाले में 21 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. इस रकम के लिए कई भुगतान किए गए. इनमें दो-दो लाख रुपये की 9 और एक लाख रुपये की एक EMI भुगतान की गई थी, जिससे एकमुश्त भुगतान से बोझ ना पड़े. टाइम्स ऑफ़ इंडिया से जुड़े आशीष चौहान की रिपोर्ट के मुताबिक़, ऐसा ही एक मामला 4 अप्रैल को सूरत से आया. इसमें एक उप सरपंच और तालुका पंचायत सदस्य ने गांव के एक शख़्स के खेत को समतल करने के लिए 85,000 रुपये की रिश्वत मांग ली. इससे वो व्यक्ति परेशान हो गया. उसकी इस परेशानी का हल आरोपियों ने EMI से भुगतान के विकल्प के रूप में दिया. आरोपियों ने पहले 35,000 रुपये देने की मांग की और इतने की रुपये की 2 और किश्त देने को कहा.

ऐसा ही एक मामला 26 अप्रैल को सामने आया, जब एक मामले में CID निरीक्षक ने एक अपराध के सिलसिले में ज़ब्त लैपटॉप और कंप्यूटर समेत कई चीज़ों के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत मांग ली. इसी महीने की शुरुआत में गुजरात जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड के एक सेकेंड रैंक के अफ़सर ने एक ठेकेदार को बिल पास कराने के लिए 1.20 लाख रुपये की मांग कर दी. इसके लिए ठेकेदार से 30,000 रुपये की चार किश्तों में भुगतान मांगे गए.

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गुजरात के ACB निदेशक और DGP (कानून व्यवस्था) शमशेर सिंह का कहना है,

“ACB सिर्फ़ उन मामलों की रिपोर्ट करने में सक्षम होता है, जिनमें विक्टिम शुरुआती किश्तों का भुगतान करने के बाद हमसे संपर्क करते हैं.”

रिपोर्ट के मुताबिक़, ऐसे ही एक मामले में साइबर क्राइम के एक पुलिस अधिकारी ने 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और इसे 4 अलग-अलग किश्तों में चुकाने की बात कही. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के अफ़सरों का कहना है कि इस तरह के मामले बढ़ रहे हैं. एक सीनियर अफ़सर ने बताया कि अकेले 2024 में अभी तक ऐसे 10 मामले सामने आ चुके हैं. आरोपी उन लोगों का फ़ायदा उठाते हैं, जो या तो किसी अपराध के सिलसिले में पुलिस से संपर्क करते हैं या सरकार की योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं. क्योंकि व्यक्ति आमतौर पर ग़रीब और कमज़ोर स्थिति में होता है, इसीलिए वो पूरी रिश्वत एकमुश्त नहीं दे सकता. भ्रष्ट अधिकारी पैसा कमाने का एक भी मौक़ा गंवाना नहीं चाहते.

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