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गूगल मैप में पहाड़ों पर दिखा रहस्यमयी 'चेहरा', बताया गया एलियन बेस, फिर वैज्ञानिक ने बताया सच

Mountain Top Alien Base Claim: स्कॉट सी वारिंग ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया. इसमें उन्होंने इस पहाड़ का वीडियो बनाया और लिखा- क्या ये एलियन बेस है? कई अन्य जानकारों ने भी इन दावों को बल दिया. फिर कुछ वैज्ञानिकों ने इस दावे के पीछे की असली कहानी बताई.

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mysterious face claim alien base
गूगल मैप यूजर्स इस 'रहस्यमयी चेहरे' को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. (फोटो- Youtube/UFO Sightings Daily)
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हरीश
3 अगस्त 2025 (Updated: 3 अगस्त 2025, 06:57 PM IST) कॉमेंट्स
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गूगल मैप यूजर्स ने हालिया कुछ सालों में अलग-अलग तरह के दावे किए हैं. ऐसा ही एक दावा इन दिनों चर्चा में है. दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी किनारे पर प्रशांत महासागर से लगा हुआ एक देश है, चिली. बताया जा रहा है कि इस देश में एक पहाड़ की चोटी पर एक रहस्यमयी चेहरा दिखा है. कई लोगों ने दावा किया है कि ये चेहरा एक 'एलियन बेस' हो सकता है. इस पर वैज्ञानिकों का भी जवाब आया है.

अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (UFO) के जानकार स्कॉट सी वारिंग ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया. इसमें उन्होंने एक पहाड़ का वीडियो बनाया और लिखा- 'क्या ये एलियन बेस है? बता दें कि स्कॉट, एलियंस को लेकर वीडियो बनाते रहते हैं. यू-ट्यूब पर उनके करीब 1.3 लाख सब्सक्राइबर्स हैं.

स्कॉट सी वारिंग के इस वीडियो के कॉमेंट सेक्शन में भी इसी तरह से दावे किए गए. कई अन्य UFO जानकारों ने भी इन दावों को बल दिया. लेकिन हर कोई एलियन बेस वाली बात से सहमत नहीं है. कई वैज्ञानिकों का कहना है कि ये एक भ्रम है और इस भ्रम को समझने के लिए एक बहुत ही सरल व्याख्या है.

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‘रहस्यमयी चेहरे’ वाला पहाड़. (फोटो- Youtube/UFO Sightings Daily)
वैज्ञानिकों ने खोजा सच

वैज्ञानिकों का कहना है कि भू-संरचनाएं बदलती रहती हैं. और इन्हीं संरचनाओं को गलती से चेहरा या खोपड़ियां समझ लिया जाता है. लिंकन यूनिवर्सिटी के फेस पर्सेप्शन के जानकार डॉ. रॉबिन क्रेमर ने ब्रिटिश अखबार डेली मेल को बताया,

हमारे फेस डिटेक्शन सिस्टम चेहरों को पहचानने में आजकल बहुत अच्छे हो गए हैं. कहीं भी कुछ दिखने पर उसे चेहरा बताया जा रहा है. ऐसे में कभी-कभी चेहरे देखकर सावधानी बरतना समझदारी की बात होगी.

वैज्ञानिक इस घटना को पैरीडोलिया कहते हैं. दरअसल, पैरीडोलिया निर्जीव चीजों में भी कोई पैटर्न ढूंढने की प्रवृत्ति होती है. डॉ. रॉबिन क्रेमर ने कहा,

फेस पैरीडोलिया ये बताता है कि हम भूवैज्ञानिक संरचनाओं या अन्य किसी भी चीज में चेहरे क्यों देख पाते हैं.

ये भी पढ़ें- US के टॉप सीक्रेट इलाके Area 51 में घुस गया था ये शख़्स, एलियन स्पेसशिप पर चौंकाने वाली बात कही

मैक्वेरी यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान (psychology) के जानकार प्रोफेसर केविन ब्रुक्स ने डेली मेल को बताया,

हम किसी भी चेहरे जैसी चीज को तब तक चेहरा ही मानते हैं, जब तक कि इसके विपरीत कोई चीज साबित न हो जाए. हमारा दिमाग इसी तरह से काम करता है.

कुछ लोग चेहरों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं. इसलिए अपने दैनिक जीवन में उन्हें ज्यादा पेरेडोलिया का अनुभव हो सकता है. आमतौर ये कोई समस्या नहीं मानी जाती. लेकिन अगर पैरीडोलिया की दर ज्यादा हो जाए, तो किसी अलौकिक चीज में विश्वास बढ़ सकता है.

जानकार बताते हैं कि अगर एलियंस से जुड़ी कोई पुख्ता जानकारी सामने आती है, तो उसकी खोज होनी चाहिए. लेकिन कहीं से भी उठाकर कुछ भी कयास नहीं लगाया जाना चाहिए.

वीडियो: संसद के अंदर दिखाए गए एलियन के कंकालों का पूरा सच पता चल गया

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