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सोहराबुद्दीन शेख के एनकाउंटर को फर्जी बताने वाली अफसर गुजरात की पुलिस प्रमुख बनीं

इन्होंने ही माफिया डॉन अब्दुल लतीफ को गिरफ्तार किया था. लतीफ पर ही फिल्म 'रईस' बनी थी.

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रुचिका
4 अप्रैल 2017 (Updated: 21 अक्तूबर 2017, 07:33 PM IST) कॉमेंट्स
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गुजरात के डीजीपी पीपी पांडे के हटने के बाद उनकी जगह वरिष्‍ठ आईपीएस अधिकारी गीता जौहरी को नया डीजीपी नियुक्‍त किया गया है. गीता वही ऑफिसर हैं जिन्होंने माफिया डॉन अब्दुल लतीफ को पकड़ा था. लतीफ पर ही शाहरुख खान की फिल्म रईस बनी थी.

गीता जौहरी के बारे में 9 बातें:

1. गीता जौहरी 1982 बैच की गुजरात की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने अपना करियर अहमदाबाद से शुरू किया था. इसके बाद उनकी तैनाती गांधीनगर और वडोदरा में की गई. गीता वडोदरा में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की प्रिंसिपल भी थीं.


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गीता

2. 1990 के बाद गीता जौहरी के करियर ग्राफ में काफी उतार-चढ़ाव आए. सितंबर 1992 में गीता माफिया डॉन अब्दुल लतीफ को पकड़ने में कामयाब रहीं. लतीफ और उसके गनमैन शरीफ ख़ान को गीता ने दरियापुर के पोपटियावाड़ में पकड़ा था. जिसके कारण वो काफी मशहूर हो गई थीं. हालांकि लतीफ बाद में भाग निकला था.

3. 1998 में जब गीता गांधीनगर में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में कार्यरत थीं, तब किसी मामले की जांच को लेकर उनका कुछ बड़े नेताओं के साथ विवाद हो गया था. जिसके बाद पनिशमेंट पोस्टिंग के तौर पर उनको वडोदरा के ट्रेनिंग एकेडमी में भेज दिया गया.


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गीता

4. 2006 में जब वो सीआईडी में थीं, उस दौरान उन्होंने सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी एनकाउंटर और उसकी पत्नी कौसर बी की हत्या की जांच का नेतृत्व किया. ये जांच सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद शुरू हुई. उनकी सख्त जांच ने इस बात को साबित कर दिया कि वो एनकाउंटर फर्ज़ी था. जांच में जो सबूत मिले उससे पता लगा कि इसमें कई पुलिस अधिकारी शामिल थे. 13 पुलिस अफ़सरों को गिरफ्तार किया गया था. जिसमें से कुछ नाम थे डीआईजी डी जी बंजारा, एसपी राजकुमार पांडियन और दिनेश एम एन. ये गिरफ्तारी डीआईजी जनीश राय ने की थी, जिन्हें जांच का ज़िम्मा सौंपा गया था.

5. जल्द ही राय को जांच छोड़ने को कह दिया गया. इस जांच का ज़िम्मा फिर जौहरी के सिर आ गया. जाते-जाते राय ने बड़े अफ़सरों को वो सीडी सौंप दी जिसमें उन तीन आरोपियों के टेलीफोन रिकॉर्ड्स थे. जौहरी का मुकाबला अब उन अधिकारियों के साथ था. उन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया. हालांकि इस मामले में सत्र अदालत में दायर उनकी चार्जशीट की काफ़ी आलोचना की गई. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि ये मामला सीबीआई को तभी सौंपा जाएगा जब ये सामने आएगा कि इस केस को संभालते हुए उन्होंने कोई गड़बड़ी की है.
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गीता

6. सुप्रीम कोर्ट ने भी जौहरी की जांच को नाकामयाब बताया. जिस पर 2010 में उन्होंने 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच के लिए बने विशेष जांच दल से इस्तीफ़ा दे दिया.

7. 2015 में सीबीआई ने गीता जौहरी पर लगे सारे आरोप हटा लिए. जिसके बाद अप्रैल 2015 में उन्हें गांधीनगर में डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) पोस्ट पर प्रमोट कर दिया गया. विशेष सीबीआई कोर्ट ने उन पर लगे सारे आरोप हटा दिए क्योंकि जांच एजेंसी गुजरात सरकार से जौहरी पर मुकदमा चलाने की मंज़ूरी लेने में नाकामयाब रही.

8. जौहरी ने सुप्रीम कोर्ट में सोहराबुद्दीन केस और उसकी पत्नी कौसर बी के अचानक गायब होने की FIR दर्ज कराई. जिसके कारण आखिर में तीन आईपीएस अधिकारियों को पकड़ लिया गया. जिसमें से दो गुजरात के थे और तीसरे राजस्थान के. इनमें से एक डी जी बंजारा भी थे.

9. गुजरात की पहली महिला पुलिस अधिकारी गीता जौहरी अब वहां की पहली महिला पुलिस प्रमुख भी हैं.




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