''पीएम - गृह मंत्री को खुश करने के लिए फिल्में बनाने वालों, लानत है''- यशपाल शर्मा
'गंगाजल' के सुंदर यादव ने CAA की पूरी प्रक्रिया से पब्लिक पर पड़ने वाले असर पर बड़ी असरदार बात कह दी.
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एक मीडिया इंटरैक्शन के दौरान एक्टर यशपाल शर्मा.
''कलाकार का कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती. कलाकार ही अपने आप में एक जाति है. एक धर्म है. उसमें न ऊंच, न नीच. न गरीब, न अमीर. न बीजेपी, न कांग्रेस. न जाट, न ब्राह्मण. न मुस्लिम, न हिंदू. कलाकार तो कलाकार है. जिस दिन आपने ऐज़ अ कलाकार या डायरेक्टर ये सोच लिया कि इसको खुश करने के लिए फिल्म बनानी है, तो उस दिन ही आप मर गए. या आपने ये सोचा कि चलो प्रधानमंत्री को खुश कर देते हैं. या गृह मंत्री को खुश कर देते हैं, ऐसे अगर सोचकर कोई फिल्म बनाना शुरू किया, तो फिर आपकी क्रिएटिविटी पर लानत है मुझे.''ये कहना है मशहूर एक्टर यशपाल शर्मा का. ये बातें उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कही. गोविंद निहलानी की 'हज़ार चौरासी की मां' से लाइमलाइट में आने के बाद वो कई बड़े और चर्चित फिल्मों में दिखाई दिए. उन्हें प्रकाश झा के डायरेक्शन में बनी अजय देवगन स्टारर 'गंगाजल' में सुंदर यादव के रोल के लिए आज भी याद किया जाता है. जब यशपाल से फिलहाल देश के सबसे चर्चित मसले CAA/NRC के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बड़ी साफगोई और ईमानदारी से इसका जवाब दिया. वो कहते हैं-
''मैं बिलकुल CAA को सपोर्ट नहीं करता. मैं खिलाफ हूं. CAA मेरे हिसाब से, जो मैं जान पाया हूं, हालांकि मैं 100 परसेंट कंफर्म नहीं बोलता हूं क्योंकि मुझे इसकी पूरी डिटेल्स नहीं मालूम. लेकिन मैं इसके खिलाफ हूं क्योंकि बेकाम उलझाकर रख दिया है पूरे देश को. एक डर सा पैदा कर रहे हैं. लाइनों में लगने का काम. कागज़ ढूंढने का काम. बेरोज़गार हैं, तो ये थोड़ी काम हुआ. रोजगार दीजिए, ऐसे बिज़ी करने से थोड़ी होगा.''CAA पर उनकी राय चाहे जो भी लेकिन इस पूरी प्रक्रिया से आम आदमी पर क्या असर पड़ रहा है, इसका उन्होंने बड़ा असरदार जवाब दिया है. नोटबंदी के दौरान बैंक और एटीएम के बाहर लाइन लगाने के बाद अब पब्लिक को इन सरकारी कामों में उलझना पड़ेगा. अगर किसी के पास रोजगार नहीं है, वो इन पचड़ों में फंसने की बजाय काम ढूंढेगा. लेकिन सरकार लोगों को काम कहां से देगी, वो तो उनका समय भी फर्जी के कामों में वेस्ट करवा रही है. जहां उन्होंने ये सारी बातें कही, वो वीडियो आप नीचे देख सकते हैं:
अपने इसी इंटरव्यू में वो आगे गृह मंत्री अमित शाह की तर्ज पर क्रोनोलॉजी समझाते हैं. यशपाल के मुताबिक, दिल्ली में जो दंगे हुए, उसके ज़िम्मेदार भड़काऊ बयान देने वाले कपिल मिश्रा जैसे नेता हैं. बकौल यशपाल ये तो ठीक वैसा ही माहौल बन गया है जैसे फिल्मों में दिखाया जाता है. ट्रकों पर आते पत्थर, जय श्री राम और अल्लाह हू अकबर के नारे उन्हें 2002 गुजरात दंगों की याद दिला दे रहे हैं. जबसे यशपाल शर्मा के इस इंटरव्यू का टुकड़ा सोशल मीडिया पर पहुंचा है, CAA विरोधी और समर्थक उनके बयान का पोस्टमॉर्टम करने में लगे हुए हैं. संशोधित नागरिकता कानून के समर्थक जहां उन्हें बेवकूफ कह रहे हैं, वहीं इस कानून के विरोधी उनके बयान की तारीफ करते नहीं अघा रहे. कुछ लोगों ने तो इस घटना को उनके फिल्मी किरदारों से भी जोड़ दिया. नमूना यहां देखिए:Actor Yashpal Sharma came down heavily on #BJP leader #KapilMishra & other leaders who gave provocative remarks right before the #Delhiriots and called the #violence a glimpse of #Gujaratriots2002. He also criticised the #CAA saying it has induced fear & will increase paperwork pic.twitter.com/xtilgu8uVT
— GoNewsIndia (@GoNews_India) February 28, 2020

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