फ्रांस में तीसरी रात भी हिंसा, दुकानें लूटीं, बैंक जला दी, सड़कों पर युद्ध जैसे हालात!
पुलिस के खिलाफ क्यों नहीं थम रहा लोगों का गुस्सा?

नाबालिग लड़के को गोली मारने की घटना के बाद से फ्रांस में प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. लगातार तीसरी रात भी देश के कई शहरों में प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनों के दौरान तोड़फोड़, आगजनी और आतिशबाजी की घटनाएं हुई हैं. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार, 29 जून की रात को पेरिस के पश्चिम में स्थित नैनतेरे शहर में प्रदर्शनकारियों ने कारों में और एक बैंक की बिल्डिंग में आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर बैरिकेड लगा दिए और पुलिस पर गोले फेंके. कई शहरों में प्रदर्शनों के दौरान दुकानों में लूट की घटनाएं भी सामने आई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ शहरों में तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में भी लूटपाट की है.
दुकानों में खूब हो रही चोरीफ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमनिन ने बताया है कि बीते रात भर में प्रदर्शन के दौरान कम से कम 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गृह मंत्री ने दावा किया है कि रात भर प्रदर्शनकारियों ने देशभर के स्कूलों, टाउन हॉल और पुलिस स्टेशनों को निशाना बनाया है. पेरिस पुलिस ने बताया कि 30 लोगों को राजधानी पेरिस से अरेस्ट किया गया है. इनमें से कुछ लोग पेरिस की एक शॉपिंग स्ट्रीट पर दुकान के दरवाजे तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. इसके अलावा कुछ को कुछ दुकानों से चोरी किए गए सामान के साथ गिरफ्तार किया गया है.
वहीं, फ्रांस की नेशनल पुलिस ने बताया कि उसके अधिकारियों को मार्सिले, ल्योन, पाउ, टूलूज़ और लिली इलाकों में आगजनी,आतिशबाजी और तोड़फोड़ की घटनाओं का सामना करना पड़ा है. अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए गुरुवार रात को फ्रांस में चालीस हज़ार पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया. ये संख्या इससे एक रात पहले से लगभग चार गुना ज्यादा है. पुलिस बंदोबस्त के साथ-साथ सरकार और अधिकारी लगातार लोगों से शांत होने की अपील भी कर रहे हैं.
कैसे हुई थी 17 साल के लड़के की मौत?बीती 27 जून को राजधानी पेरिस के एक कस्बे नैनतेरे में दो पुलिसवालों ने ट्रैफिक चेकपॉइंट पर एक कार को रोका. इसमें तीन लोग सवार थे. बताया गया कि कार 17 साल का एक लड़का नाएल एम चला रहा था. पुलिस वालों ने दावा किया कि थोड़ी देर तक रुकने के बाद उसने गाड़ी आगे बढ़ा दी. इसके बाद पुलिस ने फायरिंग की. इसमें नाएल की मौत हो गई. इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इसमें दो पुलिसवालों को ड्राइवर सीट के बाहर खड़ा देखा जा सकता है. एक पुलिसवाले के हाथ में बंदूक भी दिख रही है.
पुलिस का कहना है कि नाएल ट्रैफ़िक रूल्स तोड़ रहा था. वो रुकने के लिए भी तैयार नहीं था. लेकिन नाएल के घरवालों का आरोप है कि बिना किसी गलती के उसकी हत्या की गई. उनका कहना है कि ये नस्लभेद की वजह से हुआ है. घटना की खबर फैलने के बाद पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. इसकी एक बड़ी वजह नाएल एम की पहचान भी है. वो अल्जीरियाई मूल का था. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 के बाद से फ्रांस में ट्रैफिक सिग्नल्स पर पुलिस की फायरिंग में मारे गए अधिकतर लोग अरब मूल के थे.
अभी ये साफ़ नहीं है कि गोलीबारी से पहले पुलिसवालों और कार में बैठे लोगों के बीच क्या हुआ. इसलिए, किसी भी दावे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. कई सवालों का जवाब मिलना बाकी है. मसलन, किस वजह से पुलिस ने गोली चलाई? क्या कार को किसी और तरीके से रोका जा सकता था? क्या नस्लभेद की वजह से पुलिस ने नाएल को मारा?
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि ये शूटआउट 'अक्षम्य' है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "कुछ भी एक युवा की मौत को सही नहीं ठहरा सकता." वहीं फ्रांस पुलिस इस घटना में कार्रवाई करते हुए गोली मारने के आरोपी पुलिस अधिकारी पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है.
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