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संजय पांडे ED की कस्टडी में भेजे गए, आखिर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर पर आरोप क्या है?

फोन टैपिंग मामले में CBI ने केस दर्ज किया था. उसके बाद ED ने जांच शुरू की थी.

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Sanjay Pandey
संजय पांडे. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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सौरभ
20 जुलाई 2022 (Updated: 20 जुलाई 2022, 09:41 PM IST) कॉमेंट्स
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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे को कोर्ट ने 9 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में भेज दिया है. संजय पांडे पर फोन टैपिंग के आरोप लगे थे. फोन टैपिंग मामले में CBI ने केस दर्ज किया. इसके बाद पूर्व IPS ED के रडार पर आए गए थे.

क्या है संजय पांडे का पूरा मामला?

मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, नेशनल स्टॉक एक्सजेंच (NSE) की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण ने NSE कर्मचारियों पर अवैध रूप से जासूसी करने के लिए एक निजी फर्म को काम दिया. CBI और ED को अंदेशा है कि दोनों ये पता लगाना चाहते थे कि कर्मचारी क्या बात कर रहे थे और क्या वे एक्सचेंज से संबंधित जानकारी लीक कर रहे हैं.

आरोप है कि फोन टैपिंग का ये जिम्मा IPS संजय पांडेय की कंपनी iSec सर्विसेज को दिया गया था. और इस ठेके के ऐवज में उनकी कंपनी को करीब 4.45 करोड़ रुपये मिले थे. ये कथित जासूसी, बोले तो स्नूपिंग 2009 से 2017 तक हुई. संयोग से उसी समय जब को-लोकेशन घोटाला हुआ था. और बाद में NSE ने स्नूपिंग मशीन को ई-वेस्ट बता कर नष्ट कर दिया.

ED ने अदालत को बताया कि संजय पांडे ने अप्रैल 2000 में सेवा से इस्तीफा दे दिया था. इस दौरान उनकी सेवा को लेकर 2001-2006 के बीच मुकदमा चला था. बाद में, उन्होंने 2007 में VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति सेवा) के लिए अप्लाई कर दिया, जिसे उन्होंने अक्टूबर 2008 में वापस ले लिया.

ED ने अदालत को बताया कि संजय पांडे ने 2001 में iSec सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी का गठन किया. केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि जब इस फर्म को बनाया गया था, तब भी संजय पांडे पुलिस सर्विस में थे, भले ही वह कंपनी के निदेशक नहीं थे.

संजय पांडे बीती 30 जून को पुलिस सेवा से रिटायर हुए थे. इसके बाद ही CBI ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों के अवैध रूप से फोन टैप करने के मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज की. इस FIR को आधार बनाकर ही ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से मामले की जांच शुरू की. ED ने पांडे को पहली बार 5 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके बाद 19 जुलाई को ED ने उनको दिल्ली दफ्तर में पेश होने को कहा. 

दिल्ली में ही हिरासत में NSE की पूर्व CEO और एमडी चित्रा रामकृष्ण के सामने बैठा कर संजय पांडे से पूछताछ की गई. बाद में देर शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. आज कोर्ट की पेशी में उन्हें 9 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया.

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