चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे माधव सिंह सोलंकी का निधन, मोदी ने इस तरह याद किया
क्या था उनका 'खाम' समीकरण?

“माधव सिंह सोलंकी जी अद्भुत लीडर थे. उन्होंने दशकों तक गुजरात की राजनीति में अहम भूमिका निभाई. उन्हें समाज की जो सेवा की, उसके लिए उन्हें याद रखा जाएगा. उनके निधन से दुखी हूं. मैंने उनके बेटे भरत सोलंकी जी से बात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.राजनीति से इतर, माधव सिंह जी पढ़ने के शौकीन थे और कल्चर के प्रति जुनूनी थे. जब कभी भी हम मिलते तो वे मुझसे किताबों के बारे में बात करते थे. बताते थे कि उन्होंने कौन सी नई किताब पढ़ी. हमारी बातों को मैं हमेशा याद रखूंगा.”
राहुल गांधी ने ट्वीट किया –Shri Madhavsinh Solanki Ji was a formidable leader, playing a key role in Gujarat politics for decades. He will be remembered for his rich service to society. Saddened by his demise. Spoke to his son, Bharat Solanki Ji and expressed condolences. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2021
“माधव सिंह सोलंकी जी के निधन से दुखी हूं. कांग्रेस की विचारधारा को मजबूत करने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. उनके परिवार और मित्रों के साथ मेरी संवेदनाएं.”
इनके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारम्मैया और तमाम अन्य राजनेताओं ने दुख व्यक्त किया.Saddened by the demise of Shri Madhavsinh Solanki.
He will be remembered for his contribution in strengthening the Congress ideology & promoting social justice. Heartfelt condolences to his family & friends. — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 9, 2021
My heartfelt condolences at the passing away of veteran Congress leader, former union minister & former CM of Gujarat Sh. Madhavsinh Solanki ji. May God give strength to his family members & supporters to bear this loss. May his soul rest in peace.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 9, 2021
सोलंकी का खाम समीकरण माधव सिंह सोलंकी पहली बार 1976 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद 1980, 1985 और 1989 में वे सीएम बने. गुजरात की राजनीति में जीत का एक बड़ा समीकरण उन्हीं की देन माना जाता है. ये समीकरण है - खाम (KHAM). यानी क्षत्रिय (ओबीसी), हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम. यह बात अलग है कि उन्होंने अपने मुंह से कभी ‘खाम’ शब्द का उपयोग नहीं किया. इसी समीकरण के दम पर कांग्रेस ने 1985 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 149 सीट जीती थीं. ये ऐसा रिकॉर्ड था, जिसे आज तक गुजरात का कोई सीएम तोड़ नहीं सका. आई रिपीट – कोई भी सीएम नहीं तोड़ सका. 2012 के गुजरात विधानसभा से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों से कहा था कि इस बार हमें किसी भी हालत में माधव सिंह सोलंकी का रिकॉर्ड तोड़ना है. इस चुनाव में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला, लेकिन सोलंकी का वो रिकॉर्ड नहीं टूट सका.Saddened by the death of former Gujarat Chief Minister & Senior @INCIndia leader Shri. Madhav Singh Solanki. It is a great loss for the country.
He always fought for the rights of marginalised to ensure equality & social justice. My deepest condolences to his family members. pic.twitter.com/MZS0Zc068Z — Siddaramaiah (@siddaramaiah) January 9, 2021