The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Former Arunachal CM KalikhoPul...

कलिखो पुल: नहीं रहा BJP के समर्थन वाला एक नाकाम कांग्रेसी

कलिखो पुल की लाश पंखे से लटकती हुई मिली. पिछले महीने तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे कलिखो पुल.

Advertisement
Img The Lallantop
कलिखो पुल का शव इसी पंखे (बाएं) से लटका पाया गया था.
pic
कुलदीप
9 अगस्त 2016 (Updated: 9 अगस्त 2016, 06:05 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
बेहद चौंकाने वाली खबर!
एक पूर्व मुख्यमंत्री की खुदकुशी?
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की मौत हो गई है. घर में उनकी लाश पंखे पर लटकती हुई मिली. सुबह उनके कमरे का दरवाजा खोलने की कोशिश की गई, लेकिन दरवाजा बंद था. उसके बाद जो आदमी सबसे पहले अंदर गया, उसने उनकी लटकती हुई लाश देखी.
साथ वाले कमरे में उनकी पत्नी भी मौजूद थीं. सीएम के बगले में वह अपने पांच बच्चों के साथ रहते थे. कांग्रेस से बगावत करके बीजेपी विधायकों के समर्थन से वो मुख्यमंत्री बने थे. इसके करीब 6 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सरकार को असंवैधानिक बताते हुए बर्खास्त कर दिया. इसके बाद नबाम तुकी की पुरानी कांग्रेस सरकार बहाल कर दी गई थी.
kalikho pul dead body

कौन थे कलिखो पुल?

1. 47 साल के कलिखो पुल ने बीते 6 महीने में बहुत राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे. कोर्ट ने जब उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया था तो उन्होंने मीडिया से कहा था कि मैंने अभी तय नहीं किया है कि अब आगे क्या करूंगा.
2. बताते हैं कि बीते कुछ समय से वह किसी से मिल-जुल नहीं रहे थे. उनके परिवार में भी कोई अभी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है. आशंका यही है कि वह डिप्रेशन में थे और उन्होंने खुदकुशी कर ली.
3. ये कहानी कलिखो पुल की महत्वाकांक्षा से ही शुरू हुई थी. अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी. मुख्यमंत्री थे नबाम तुकी. लेकिन कांग्रेस में ही उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी कलिखो पुल चाहते थे कि तुकी की जगह उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाए. उनकी अगुवाई में 12 विधायकों (इनमें दो निर्दलीय) ने अपनी ही पार्टी और सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी.
4. इसके बाद 26 जनवरी 2016 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. फिर पर्दे के पीछे राजनीतिक दांव-पेच चले. थ्योरी यही है कि कलिखो पुल ने पर्दे के पीछे बीजेपी से मेलजोल के बाद ही बगावत का रिस्क लिया था. एक महीने तक राज्य में राजनीतिक अस्थिरता रही. फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि अरुणाचल से राष्ट्रपति शासन हटा दिया जाए.
अप्रैल 2016 में मुख्यमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी से मिलते हुए कलिखो पुल
अप्रैल 2016 में मुख्यमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी से मिलते हुए कलिखो पुल

5. इसके बाद बीजेपी के 11 विधायक भी कलिखो पुल के साथ आ गए. 15 फरवरी को कलिखो पुल अपने समर्थक विधायकों के साथ राज्यपाल से मिले. राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा की वैसे भी मुख्यमंत्री नबाम तुकी से नहीं बनती थी. केंद्र सरकार को वो नबाम तुकी के खिलाफ कई चिट्ठियां लिख चुके थे.
6. 19 फरवरी को कलिखो पुल को राज्यपाल राजखोवा ने कलिखो पुल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. वह प्रदेश के नौवें मुख्यमंत्री बने.
7. लेकिन इसी 13 जुलाई को बीजेपी और कलिखो पुल को बड़ा झटका लगा. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सरकार को असंवैधानिक माना और नबाम तुकी की सरकार बहाल करने का आदेश दे दिया. कलिखो पुल के साथ के कई विधायक वापस कांग्रेस में चले गए.
8. इस फैसले को कांग्रेस ने लोकतंत्र की जीत बताया. कपिल सिब्बल ने कहा, 'राज्यपाल को परमानेंट छुट्टी पर चले जाना चाहिए. साथ ही बीजेपी के जो नेता इस निर्णय में शामिल थे, उन्हें भी इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.' सुप्रीम कोर्ट के आदेश से तीन दिन पहले से गवर्नर राजखोवा छुट्टी पर हैं. तब त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय को अरुणाचल का एडिशनल चार्ज दिया गया.
9. कलिखो पुल 2003 से 2007 तक अरुणाचल की गेगांग अपांग सरकार में वित्त मंत्री रहे थे. हयुलियांग से वो पहली बार 1995 में विधायक चुने गए थे.
10. 6 साल की उम्र में कलिखो पुल अनाथ हो गए थे. 13 महीने के थे, जब मां की मौत हो गई और 5 साल बाद पिता का भी देहांत हो गया. इसके बाद एक संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए वह कारपेंटर बने. फिर चौकीदारी करने लगे. और फिर अरुणाचल के आठवें मुख्यमंत्री बने. उनके नाम का अर्थ होता है 'एक बेहतर कल.' जहां से उनकी जिंदगी शुरू हुई थी, वह अपने नाम को सार्थक करते रहे. सिवाय इस दर्दनाक अंत के.


ये भी पढ़ें:
अरुणाचल में टूट गया बीजेपी का 'पुल', पुरानी सरकार बहाल

एक एयरपोर्ट के चक्कर में बर्खास्त हुई थी अरुणाचल सरकार?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement