The Lallantop
Advertisement

मॉडिफाइड ट्रैक्टर, 6 महीने का राशन, गद्दे..किसान आंदोलन 2.0 की पूरी तैयारी

Kisan Andolan 2.0: प्रदर्शनकारी किसानों की दिल्ली कूच को रोकने के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं. इस बीच ये जानकारियां भी सामने आ रही हैं कि किसानों ने इस आंदोलन की क्या-क्या तैयारी कर ली हैं.

Advertisement
farmers Delhi Chalo march
किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च 13 फरवरी से शुरू हो गया है. गाज़ीपुर बॉर्डर समेत दिल्ली की अन्य सीमाओं पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. (फोटो: PTI)
pic
श्रेया चटर्जी
font-size
Small
Medium
Large
13 फ़रवरी 2024 (Updated: 14 फ़रवरी 2024, 15:32 IST)
Updated: 14 फ़रवरी 2024 15:32 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

किसानों का Delhi Chalo March शुरू हो चुका है. दिल्ली की सीमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली से लगे राज्यों के बॉर्डर पर ही किसानों को रोकने की तैयारी की गई है. इस बीच हरियाणा के कुरुक्षेत्र में प्रदर्शनकारी किसान सीमेंट के बैरिकेड हटाते दिखे. अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर फ्लाईओवर के सेफ्टी बैरियर को तोड़ दिया. वहीं पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़े.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में ये बताया गया है कि इस बार किसान किन तैयारियों के साथ आंदोलन करने आ रहे हैं. इससे अंदाजा यही लग रहा है कि इस बार भी तैयारी लंबे समय तक डटे रहने की है. बताते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या-क्या जानकारियां हैं.

किसान आंदोलन 2.0 की तैयारी 

- रिपोर्ट के मुताबिक किसान संगठन अंबाला के शंभू बॉर्डर, जींद के खनौरी बॉर्डर और सिरसा के डबवाली बॉर्डर से दिल्ली में एंट्री कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के दूर-दराज और बगैर मोटर-गाड़ियों वाली सीमाओं से भी प्रवेश कर सकते हैं. 

ये भी पढ़ें- जिस मांग पर सरकार को घेर रहे हैं किसान, उस पर राहुल गांधी का बड़ा वादा

- इसमें बताया गया है कि सिर्फ पंजाब से 1500 ट्रैक्टर और 500 वाहन किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए जुटाए गए हैं. 

(फोटो: आजतक)

- दिल्ली की ओर जाने वाले ट्रैक्टरों में छह महीने का राशन लदा है. ट्रैक्टरों को इस तरह मॉडिफाई किया गया है कि उसे रहने का ठिकाना बनाया जा सके. कई ट्रैक्टरों में गद्दे, बेड, बड़े-बड़े ड्रम रखे गए हैं. 

(फोटो: आजतक)

- किसानों के विरोध प्रदर्शन के आह्वान से पहले, किसान मजदूर संघर्ष समिति का वरिष्ठ नेतृत्व और कोर कमिटी के सदस्यों ने केरल, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और तमिलनाडु का दौरा किया. इन राज्यों के किसानों से समर्थन मांगा.

- रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किसानों ने छोटे-छोटे समूहों में आने और दिल्ली के गुरुद्वारों, धर्मशालाओं, आश्रमों, गेस्ट हाउसों में रुकने की योजना बनाई है. इसके बाद सारे किसान एकजुट होंगे और आंदोलन को तेज करेंगे. 

ये भी पढ़ें- पिछली बार से कितना अलग है किसान आंदोलन-2.0? MSP कानून की मांग के पीछे का सच

वीडियो: Farmers Protest: सरकार और किसानों के बीच नहीं बनी बात, क्या कारण पता चला?

thumbnail

Advertisement

Advertisement