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शवों से बॉडी पार्ट चुराकर बेच देता था मुर्दाघर का मैनेजर, अब ये सजा मिली है

Ex-Harvard morgue manager news: मैनेजर बॉडी पार्ट्स को मुर्दाघर से अपने घर ले जाता था. इसके बाद वो और उसकी पत्नी इन मानव अंगों को खरीदारों को बेचते थे. क्या है पूरा मामला?

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Ex-Harvard morgue manager news
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुर्दाघर के पूर्व मैनेजर सेड्रिक लॉज को सज़ा सुनाई गई है. (फ़ोटो- सोशल मीडिया)
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हरीश
26 मई 2025 (Published: 09:18 AM IST) कॉमेंट्स
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हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुर्दाघर का एक पूर्व मैनेजर इन दिनों चर्चा है. ये मैनेजर क़रीब दो साल तक शवों के सिर, दिमाग, त्वचा, हाथ, चेहरे जैसे शरीर के कई अंगों को चुराता था. फिर उनकी कालाबाज़ारी करता था. इस काम में मैनेजर की पत्नी भी उसका हाथ बंटाती थी.

मुर्दाघर अमेरिका के बोस्टन में था. 57 साल के इस पूर्व मैनेजर का नाम सेड्रिक लॉज है. जबकि उसकी पत्नी का नाम डेनिस लॉज है. इन दोनों ने अमेरिका की पेंसिल्वेनिया फेडरल कोर्ट में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. सेड्रिग लॉज को 10 साल तक की जेल और 250,000 डॉलर (2 करोड़ रुपये) के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है. जबकि उसकी पत्नी डेनिस लॉज की सज़ा तय होनी बाक़ी है.

हार्वर्ड एनाटॉमिकल गिफ्ट प्रोग्राम को ये शव मेडिकल रिसर्च और एजुकेशन के लिए दान में दिए गए थे. लेकिन सेड्रिक लॉज इन शवों से शरीर के अलग-अलग अंग चुरा लेता था. फिर उनकी तस्करी करता था. उसका ये काम 2018 से लेकर मार्च 2020 तक चलता रहा.

कैसे देता था अंजाम?

कोर्ट में पेश किए गए डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक़, सेड्रिक लॉज ज़्यादातर उन शवों से बॉडी पार्ट्स को निकालता था, जो पहले से ही एकेडमिक मकसद के लिए इस्तेमाल किए जा चुके थे. लेकिन तब तक उनका अंतिम संस्कार नहीं किया गया होता था, उन्हें दफनाया नहीं गया था या दान देने वालों को समझौतों के अनुसार वापस नहीं किया गया था.

इसके लिए वो हार्वर्ड, दान देने वालों या उनके परिवारों में से किसी की मंजूरी नहीं लेता था. ना ही किसी को जानकारी देता था. फिर उन बॉडी पार्ट्स को बोस्टन के मुर्दाघर से न्यू हैम्पशायर के गोफस्टाउन में अपने घर ले जाता था. इसके बाद वो और उसकी पत्नी डेनिस लॉज इन पार्ट्स को राज्य की सीमाओं के पार खरीदारों को बेचते थे. ये व्यापार कभी सीधे होता, तो कभी बिचौलियों के ज़रिए.

ये भी पढ़ें- मुर्दाघर में रखे शव की आंख गायब, अस्पताल बोला- 'चूहा खा गया होगा'

तस्करी का नेटवर्क मैसाचुसेट्स, न्यू हैम्पशायर और पेंसिल्वेनिया तक फैला हुआ था. इस मामले के सामने आने के बाद मेडिसिन फैकल्टी के डीन जॉर्ज डेली और मेडिकल एजुकेशन के डीन एडवर्ड हंडर्ट ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा,

हमारा कैंपस दूसरों के इलाज और सेवा के लिए समर्पित है. लेकिन हमें ये जानकर बहुत दुःख हुआ कि यहां इतनी परेशान करने वाली घटना भी हो सकती है.

इस मामले में कई अन्य लोगों पर भी आरोप लगाए गए हैं. कइयों को दोषी ठहरा दिया गया है. कइयों को सज़ा भी मिल चुकी है. वहीं, कइयों के ख़िलाफ़ मामले कोर्ट में चल रहा है.

वीडियो: ग्राउंड रिपोर्ट: मुर्दाघर से लौटकर आया मणिपुर का ये लड़का

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