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UP: 300 को नौकरी से निकाला, FIR तक करवा दी फिर भी हड़ताल नहीं रोक रहे बिजली कर्मचारी

बिजली कटौती की वजह से कई जिलों में पानी की समस्या भी हो रही है.

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Uttar Pradesh Power Department employees went on 72 hour long strike
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर (फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
18 मार्च 2023 (Updated: 18 मार्च 2023, 12:54 PM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल के चलते बिजली संकट बढ़ता रहा जा रहा है. बिजली नहीं होने की वजह से कई जिलों में पानी की समस्या भी होने लगी है (Uttar Pradesh Power Crisis). राज्य सरकार की कार्रवाई का हड़ताल पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा. खबर है कि अबतक 300 से ज्यादा संविदाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. कुछ कर्मचारी नेताओं और कर्मचारियों के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई है. मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक बुलाई है.

लल्लनटॉप से जुड़े रणवीर की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ के ग्रामीण हिस्सों के अलावा गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, बहराइच, गोंडा, बस्ती, आजमगढ़, मऊ, अयोध्या, मिर्ज़ापुर, बागपत, सहारनपुर, बिजनौर समेत कई जिलों में बिजली संकट से लोग परेशान हैं. आरोप है कि कई इलाकों में कर्मचारियों ने जानबूझकर बिजली लाइन में फॉल्ट किया. वहीं कुछ इलाकों में फॉल्ट होने पर उसे ठीक नहीं किया जा रहा है.

हाईकोर्ट ने वारंट जारी किया

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हड़ताल कर रहे संगठनों के नेताओं के खिलाफ वारंट जारी किया है. उनसे सोमवार को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है. बिजली विभाग ने भी हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है. कई जिलों में विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है.

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा लगातार जिलों अधिकारियों से संपर्क में हैं और स्थिति कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारी जो जानबूझकर लाइन में फॉल्ट कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में ऐसा क्या हुआ जो तीन की हड़ताल पर बैठ गए हैं बिजली कर्मचारी?

खबर है कि हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ बैठक बुलाई है. बिजली विभाग के तमाम अफसर भी मीटिंग में शामिल होंगे.  

कर्मचारियों की मांग क्या है?

-बिजली कर्मचारियों को कई सालों का बकाया बोनस दिया जाए

-कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जाएं

-25 हजार करोड़ रुपये के मीटर खरीद आदेश को रद्द किया जाए

-पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए

-बिजली निगमों के अस्थाई कर्मियों को नियमित किया जाए

-मौजूदा चेयरमैन को हटाकर निर्धारित चयन प्रक्रिया के तहत बड़े पदों पर नियुक्ति हो

-बिजली उपकेंद्रों को आउटसोर्सिंग से चलाने के निर्णय को रद्द किया जाए

-निजीकरण की प्रक्रिया को रद्द किया जाए

-विद्युत उत्पादन निगम को ओबरा और अनपरा में 800-800 मेगा वॉट की 2-2 यूनिट दी जाए

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