'रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत से परेशान हैं ट्रंप, लेकिन ये नाराजगी केवल इस बात पर ही नहीं है'
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदता है, इससे रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है. हालांकि, रुबियो ने ये भी कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में ये एकमात्र परेशानी नहीं है.

रूस से व्यापार को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर से भारत पर निशाना साधा है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदता है, इससे रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है. हालांकि, रुबियो ने ये भी कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्तों (India US Relation) में ये एकमात्र परेशानी नहीं है.
31 जुलाई को फॉक्स रेडियो के साथ एक इंटरव्यू में रुबियो ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इस बात से नाराज हैं कि भारत अब भी रूस से तेल खरीद रहा है, जबकि और भी बहुत सारे तेल विक्रेता उपलब्ध हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि तेल खरीदकर भारत रूस को युद्ध में आर्थिक मदद पहुंचा रहा है. उन्होंने कहा,
भारत को बहुत ज्यादा उर्जा की जरूरत है. इसमें तेल, कोयला, गैस और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जरूरी चीजें शामिल हैं. ये हर देश के लिए जरूरी हैं. भारत इन चीजों को रूस से खरीदता है. क्योंकि रूसी तेल पर प्रतिबंध है और ये सस्ता भी है. कई मामलों में, प्रतिबंधों के कारण वो इसे वैश्विक कीमत से कम पर बेच रहे हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने आगे कहा,
दुर्भाग्य से इससे रूस को युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है. इसलिए निश्चित रूप से भारत के साथ हमारे संबंधों में ये एक परेशानी का विषय है. लेकिन परेशानी का ये एकमात्र कारण नहीं है. कई अन्य कारण भी हैं.
ये भी पढ़ें: 'राष्ट्रीय हितों के लिए...', डॉनल्ड ट्रंप के 25% टैरिफ पर पीयूष गोयल ने संसद में क्या कहा?
अमेरिका की परेशानी क्या है?डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त पेनल्टी लगाने की घोषणा की है. ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से लगातार सैन्य उपकरण खरीद रहा है, इसलिए पेनल्टी लगाई गई है.
वहीं भारत सरकार ने कहा है कि व्यापार समझौते के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत को फाइनल करने के लिए चर्चा चल रही है. भारत वार्ता के लिए प्रतिबद्ध है.
कुछ महीनों से दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर बात चल रही है. लेकिन कुछ फाइनल नहीं हो पाया है. अमेरिका चाहता है कि उसके लिए भारत के कृषि और डेयरी सेक्टर को खोल दिया जाए. अमेरिका इन क्षेत्रों में टैरिफ कटौती की मांग कर रहा है. भारत सरकार ने इसका विरोध किया है. उनका कहना है कि देश में सस्ती और सब्सिडी वाली अमेरिकी कृषि वस्तुओं के होने से लाखों छोटे किसानों की आय को नुकसान होगा.
वीडियो: डॉनल्ड ट्रंप ने टैरिफ की नई लिस्ट जारी की, किन देशों पर कितना टैरिफ लगा?