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'टैरिफ लगाने से रोका तो भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर खतरा', ट्रंप सरकार की कोर्ट में अजीब दलील

India-Pakistan Ceasefire: अमेरिका के छोटे व्यापारियों ने Donald Trump के प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. उनका कहना है कि IEEPA के तहत राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं है. ट्रंप प्रशासन इसी कानून के तहत भारी टैरिफ लगा रहा है.

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डॉनल्ड ट्रंप को टैरिफ पर अपने फैसलों को लेकर मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है. (PTI)
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मौ. जिशान
28 मई 2025 (Published: 12:20 AM IST) कॉमेंट्स
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अमेरिका की एक अदालत में टैरिफ लगाने को लेकर ट्रंप प्रशासन ने बड़ा दावा किया है. ट्रंप प्रशासन ने कहा कि अगर कोर्ट ने राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ लगाने की ताकत को सीमित किया, तो इससे भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ हालिया सीजफायर भी खतरे में पड़ सकता है. पिछले हफ्ते यह बात यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड में सुनवाई के दौरान प्रशासन के सीनियर अधिकारियों ने कही.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के छोटे व्यापारियों ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. उनका कहना है कि इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) के तहत राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं है. ट्रंप प्रशासन इसी कानून के तहत भारी टैरिफ लगा रहा है.

23 मई को अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटकनिक ने कोर्ट में कहा,

"IEEPA को सीमित करने वाले फैसले का हर उस क्षेत्र पर असर होगा जिसमें रणनीतिक प्रभाव के लिए आर्थिक साधनों का इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के लिए, भारत और पाकिस्तान- दो परमाणु शक्तियां जो सिर्फ 13 दिन पहले मिलिट्री ऑपरेशन में लगी हुई थीं- 10 मई, 2025 को एक अनिश्चित सीजफायर पर पहुंचीं."

लटकनिक ने आगे दलील दी,

"यह सीजफायर तभी हासिल हुआ जब राष्ट्रपति ट्रंप ने हस्तक्षेप किया और दोनों देशों को फुल-स्केल वॉर पर युद्ध को टालने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापार करने की पेशकश की. इस मामले में राष्ट्रपति की शक्ति में रुकावट डालने का उलट फैसला भारत और पाकिस्तान को राष्ट्रपति ट्रंप की पेशकश की वैधता पर सवाल उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और लाखों लोगों की जान को खतरा हो सकता है."

24 मई की कोर्ट फाइलिंग में कहा गया कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के समय रणनीतिक तरीके से बातचीत कर सीजफायर कराया था. साथ ही अमेरिका कई अन्य वैश्विक खतरों से भी निपट रहा है.

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कोर्ट में कहा कि हमारे कई व्यापारिक समझौते राष्ट्रपति की IEEPA के तहत टैरिफ लगाने की क्षमता पर आधारित हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट इसमें दखल देता है, तो हमारे विदेशी साझेदारों को लगेगा कि ट्रंप के पास टैरिफ पर फैसला लेने की शक्ति नहीं है. इससे वे जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं.

वहीं, भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 13 मई को ट्रंप के उस दावे से इनकार किया कि सीजफायर व्यापार के दबाव में हुआ. उन्होंने कहा था, "7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने की सहमति बनने तक भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच सैन्य हालात पर बातचीत होती रही. इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा."

इस बीच ट्रंप ने एक बार फिर भारत को टैरिफ की धमकी दी है. उन्होंने एप्पल को चेताया कि अगर अमेरिका में भारत में बने आईफोन बेचे गए तो 25 फीसदी टैरिफ देना होगा.

वीडियो: 'पुतिन आग से खेल रहे हैंं', ट्रंप का या बयान रूस को पसंद नहीं आया है

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