The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • divorce on the ground of sex d...

पत्नी सेक्स नहीं करती, तलाक चाहिए... पता है हाई कोर्ट ने इस पति को क्या जवाब दिया?

एक व्यक्ति ने यूपी के मिर्जापुर के फैमिली कोर्ट में क्रूरता के आधार पर तलाक की अर्जी दाखिल की थी. कहा था कि पत्नी सेक्स से इनकार करती है, हालांकि फैमिली कोर्ट ने उसकी तलाक की अर्जी खारिज कर दी थी. फिर इस व्यक्ति ने Allahabad High Court का रुख किया.

Advertisement
Allahabad High Court
पति ने क्रूरता के आधार पर तलाक मांगा था. (सांकेतिक फोटो: आजतक)
pic
सुरभि गुप्ता
11 नवंबर 2024 (Updated: 11 नवंबर 2024, 04:27 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सेक्स से इनकार किया जाना कानूनन तलाक मांगे जाने का आधार हो सकता है. लेकिन इस तरह की एक अपील इलाहाबाद हाई कोर्ट में खारिज कर दी गई. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए ये साबित किया जाना चाहिए कि सेक्स से इनकार लगातार लंबे समय तक किया गया. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डोनादी रमेश की बेंच ने ये भी कहा कि शारीरिक अंतरंगता का मुद्दा कोर्ट के अधीन नहीं है.

ये पूरा मामला क्या है?

मिर्जापुर की फैमिली कोर्ट ने एक शख्स की ओर से दायर तलाक की याचिका खारिज कर दी थी. इस आदेश के खिलाफ शख्स ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था. दरअसल, इस शख्स ने अपनी शादी के 9 साल बाद क्रूरता के आधार पर तलाक की अर्जी दी थी. कहा था कि उसकी पत्नी एक धार्मिक गुरु के प्रभाव में आकर सेक्स करने से इनकार करती है. वहीं पत्नी ने पति की बातों का खंडन किया. कहा कि उनके दो बच्चे हैं. इसी से ये साबित होता है कि उनके बीच एक सामान्य और स्वस्थ वैवाहिक संबंध हैं.

ये पति-पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं. इनकी शादी 1999 में हुई थी. इनके दो बच्चे हैं, एक पिता के साथ रहता है और दूसरा मां के साथ रहता है. पति दिल्ली में प्राइवेट प्रैक्टिस करता है, वहीं पत्नी अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति तक भारतीय रेलवे में कार्यरत थी.

ये भी पढ़ें- मां कमाती है तो भी तलाक के बाद पिता को देना होगा बच्चों का खर्च, हाई कोर्ट का अहम फैसला

इलाहाबाद HC ने क्या कहा?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी इस शख्स की अपील खारिज कर दी. कोर्ट ने नोट किया कि साक्ष्य से स्पष्ट होता है कि दोनों पक्षों के बीच एक सामान्य वैवाहिक संबंध रहा. इसमें उनकी शादी के दो साल के अंदर दो बच्चे हुए.

साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टिप्पणी की,

"शारीरिक अंतरंगता के संबंध में, पक्ष किस प्रकार का संबंध बनाए रखने में सक्षम हो सकते हैं, ये मुद्दा कानून के अधीन नहीं है. वैवाहिक संबंधों में रह रहे दो पक्षों के बीच निजी संबंध की सटीक प्रकृति के बारे में कोई कानून बनाना कोर्ट का काम नहीं है."

कोर्ट ने कहा कि यौन संबंध बनाने से इनकार किए जाने पर तलाक की मांग की जा सकती है, लेकिन तभी जब ऐसा लंबे समय तक लगातार जारी रहा हो.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: CJI चंद्रचूड़ का कोर्ट में आखिरी दिन, AMU का अल्पसंख्यक दर्जा रहेगा या जाएगा?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement