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गलवान जैसा हमला चीन ने फिर किया, लेकिन इस बार नतीजा कुछ और रहा!

9 दिसंबर, 2022 का वो दिन, अमेरिका ने भारत की मदद की

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US intelligence to Indian military
जॉन किर्बी ने रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी (फोटो- ट्विटर/आजतक)
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प्रशांत सिंह
22 मार्च 2023 (Updated: 22 मार्च 2023, 03:32 PM IST)
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9 दिसंबर 2022. चीन ने गलवान जैसा हमला फिर किया. बहुत घायल हुए. तनाव हुआ. लेकिन नतीजा इस बार कुछ और रहा. एक खबर है, वो ये बता रही है कि अमेरिका ने भारत को चुपके से खुफिया खबर पकड़ा दी, और भारत ने इसकी मदद ली. हमले की दिशा पलट गई है.

अमेरिका की न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि पिछले साल उसने भारत को इंटेलिजेंस इनपुट दिया था. रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिका ने पहली बार अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में PLA द्वारा घुसपैठ के दौरान चीनी सेना के बारे में रियल टाइम डेटा उपलब्ध कराया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2022 में 9 दिसंबर के दिन सैकड़ों भारतीय और चीनी सैनिक LAC पर आमने-सामने भिड़ गए थे. इस इंटेलिजेंस के कारण भारतीय सेना चीनी सेना को LAC से पीछे हटाने में कामयाब रही थी, ऐसा रिपोर्ट में दावा किया गया था.

हालांकि अमेरिका ने उस रिपोर्ट की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में कोऑर्डिनेटर जॉन किर्बी (John Kirby) ने मीडिया से बात के दौरान इस बात की पुष्टि की है. रिपोर्ट के बारे में सवाल पूछे जाने पर किर्बी ने कहा,

“नहीं, मैं इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता.”

इंडिया के पास क्या-क्या डेटा आया था?

सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि भारत ने पिछले साल के अंत में अमेरिकी सेना से कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की थी. जिसके कारण भारत LAC से चीनी सैनिकों को पीछे हटाने में सफल रहा था. रिपोर्ट में आगे बताया गया था कि पेंटागन ने सैटेलाइट इमेजरी सहित कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी. ये जानकारियां, पहले के मुकाबले काफी तेजी से भारतीय सेना के साथ साझा की गई थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2022 के बॉर्डर क्लैश के दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने किसी भी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया था. लेकिन, दोनों सेनाओं के कुछ जवान इस क्लैश में घायल हुए थे. इस घटना के बाद भारत और चीन सेना के कमांडरों ने मीटिंग कर आगे ऐसी किसी घटना को रोकने पर बात की थी.

भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक संसदीय ब्रीफिंग में दावा किया था कि ये घटना तब शुरू हुई जब चीनी सैनिकों ने तवांग सेक्टर में LAC पर एकतरफा रूप से यथास्थिति बदलने की कोशिश की. वहीं, चीन की ओर से इन बातों को नकार दिया गया था. चीन ने कहा था कि बॉर्डर पर स्थिति नियंत्रण में है.

हाल ही में, विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपनी सालाना रिपोर्ट 2021-22 में कहा था कि चीन द्वारा LAC की यथास्थिति को बदलने के लिए किए जा रहे एकतरफा प्रयासों ने दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित किया है. मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अप्रैल-मई 2021-22 से LAC के पश्चिमी क्षेत्र पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव के कई प्रयास किए हैं. इसके कारण LAC पर शांति भंग हुई है.
 

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