'शनि मंदिर की पवित्रता के लिए औरतों को तेल नहीं चढ़ाने दूंगी': अध्यक्ष
महिला अध्यक्ष उम्मीद की जा सकती है कि कमसकम औरतों के लिए काम करेगी. पर यहां तो मामला उल्टा निकला.
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फोटो - thelallantop
महाराष्ट्र के शिंगणापुर शनि मंदिर के 400 पुराने इतिहास में ऐसे ऐसा पहली बार हुआ कि एक औरत मंदिर के ट्रस्ट की अध्यक्ष चुनी गई है. कौन इस बात को काबिल-ए-तारीफ नहीं मानेगा. हमने भी माना. अब एक महिला अध्यक्ष से जनता क्या उम्मीद कर सकती है? ये कि कमसकम वो औरतों के हक में काम करेगी. पर यहां तो मामला उल्टा निकला.
मंदिर के रूल के मुताबिक महिलाएं शनि भगवान को तेल नहीं चढ़ा सकतीं. और अध्यक्ष अनिता शेटे का ने कहा है कि वो महिलाओं को मंदिर के चबूतरे पर आकर तेल चढ़ाने की परमिशन नहीं देंगी. ' यहां की परंपरा 400 साल पुरानी है. हम उसे कायम रखना चाहते हैं. मंदिर की पवित्रता के लिए गांव के ज्यादातर लोगों की भी यही मान्यता है.' अनिता का कहना है कि अपनी तीन साल की बेटी को भी कभी तेल नहीं चढ़ाने देंगी.
क्यों चढ़ाते हैं शनि को तेल?
शनिदेव को अपनी ताकत का घमंड हो गया था. जा कर चैलेंज कर दिया हनुमान को लड़ाई के लिए. हनुमान ने पहले मना किया. पर जब शनि भगवान ने जिद नहीं छोड़ी तो हनुमान रेडी हो गए. और हरा दिया शनि को बुरी तरह. शनि भगवान रोते हुए माफी मांगने लगे. तब हनुमान ने प्यार से उनकी चोटों पर तेल लगाया. और वरदान दिया कि धरती के लोग उन्हें तेल चढ़ा कर उनकी कृपा पाएंगे.
