दिल्ली की रणजी टीम को धोनी की ये तस्वीर देख शर्म से डूब मरना चाहिए
रणजी ट्रॉफी फाइनल से आया एक वीडियो परेशान कर देने वाला है.


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30 दिसंबर 2017. इंदौर. दिल्ली वर्सेज़ विदर्भ. रणजी ट्रॉफी फाइनल. विदर्भ की टीम बैटिंग कर रही थी. रजनीश गुरबानी दिल्ली की पहली इनिंग्स में विदर्भ की तरफ से हैट्रिक ले चुके थे. विदर्भ की टीम जीत के करीब थी. खेजरोलिया बॉलिंग पर थे. लेफ्ट आर्म मीडियम फ़ास्ट. एक छोटी गेंद जो देह की लाइन में फेंकी गई थी जाकर बल्लेबाज सिद्धेश नेरल को लगी. सिद्धेश ने अभी-अभी छक्का मारा था. खेजरोलिया ने अगली गेंद पटक दी. गेंद जाकर नेरल की पसलियों में लगी. नेरल ने बल्ला फेंका और वहीं लोट गए. उन्हें बहुत दर्द हो रहा था. दूसरे छोर पर खड़े वाडकर ने तुरंत पवेलियन की और इशारा किया और फिज़ियो को बुलाया.
लेकिन इस बीच किसी भी दिल्ली के खिलाड़ी ने इतनी भी ज़हमत नहीं उठाई कि वो जाकर नेरल का हाल-चाल ले सके. चोट खाए हुए नेरल के दस कदम के घेरे में कम से कम 5 खिलाड़ी मौजूद थे लेकिन किसी ने भी उसकी सुध लेने की नहीं सोची. इस पूरे दौरान नेरल ज़मीन अपर पड़े कराह रहे थे. यहां तक कि गेंद फेंकने वाले खेजरोलिया ने भी अपने फॉलोथ्रू के बाद पैर वापस खींच लिए. मानो कुछ हुआ ही न हो.
दिल्ली के खिलाड़ियों को थोड़ा शऊर सीख लेना चाहिए. यकीनन इन सभी में कोई भी ऐसा क्रिकेटर नहीं होगा जो पिछले कम से कम दस सालों से क्रिकेट न खेल रहा हो. कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं होगा जिसे खेलने के दौरान चोट न लगी हो. और अगर न भी लगी हो तो कम से कम इंसानियत तो थोड़ी बहुत जिंदा ही होगी. एक भी खिलाड़ी झांकने तक नहीं आया. दिल्ली की टीम को शर्म से मर जाना चाहिए.
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