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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: इंजीनियर रशीद को मिली अंतरिम बेल, प्रचार के लिए कोर्ट ने राहत दी

Jammu-Kashmir की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर रशीद टेरर फंडिंग मामले में साल 2019 से जेल में हैं. अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी है.

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Engineer Rashid Bail
जज ने इंजीनियर रशीद पर कई शर्तें भी लगाईं हैं. इनमें ये भी शामिल है कि वो गवाहों या जांच को प्रभावित नहीं करेंगे. (फाइल फोटो: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
10 सितंबर 2024 (Updated: 21 सितंबर 2024, 13:35 IST)
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जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर रशीद को टेरर फंडिंग केस में मंगलवार, 10 सितंबर को बड़ी राहत मिली. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शेख रशीद उर्फ ​​इंजीनियर रशीद को अंतरिम जमानत दी है. पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशन्स जज (ASJ) Chander Jit Singh ने कहा कि रशीद 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर रहेंगे. इंजीनियर रशीद को ये जमानत जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान के लिए दी गई है. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में (18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर) विधानसभा चुनाव होना है. वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी.

न्यूज एजेंसी PTI-भाषा के मुताबिक पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशन्स जज ने कहा,

"मैं दो अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दे रहा हूं. उन्हें (इंजीनियर रशीद को) 3 अक्टूबर को सरेंडर करना होगा."

जज ने इंजीनियर रशीद पर कई शर्तें भी लगाईं हैं. इनमें ये भी शामिल है कि वो गवाहों या जांच को प्रभावित नहीं करेंगे. इसके अलावा कोर्ट ने सांसद रशीद की नियमित जमानत याचिका पर अपना आदेश कल, 11 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रखा है.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर चुनाव: BJP का घोषणापत्र जारी, महिलाओं को हर साल आर्थिक मदद का वादा

इंजीनियर रशीद टेरर फंडिंग मामले में साल 2019 से जेल में हैं. वो तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बारामूला सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में इंजीनियर रशीद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को 2 लाख से अधिक वोटों से हराया. लोकसभा सदस्य के तौर पर पद की शपथ लेने के लिए उन्हें 5 जुलाई को तिहाड़ जेल से बाहर निकलने की मंजूरी दी गई थी.

NIA ने 30 मई, 2017 को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के को-फाउंडर हाफिज मुहम्मद सईद और अन्य 'अलगाववादी' नेताओं के खिलाफ एक केस दर्ज किया था. ये मामला आपराधिक साजिश और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज किया गया था. इसमें बताया गया कि अलगाववादी नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में 'आतंकवादी गतिविधियों' के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आतंकवादियों के साथ मिलकर हवाला चैनलों के जरिए पैसे 'जुटाए' थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मई 2017 के केस में इंजीनियर रशीद का नाम नहीं था. न ही वो 18 जनवरी, 2018 को दायर मामले में एजेंसी की पहली चार्जशीट में नामित 12 आरोपियों में शामिल थे. रशीद का नाम बाद की जांच के दौरान सामने आया और उन्हें 9 अगस्त, 2019 को इस मामले में गिरफ्तार किया गया. 4 अक्टूबर, 2019 को NIA ने अपनी दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक के साथ इंजीनियर रशीद सहित पांच लोगों को आरोपी बनाया.

वीडियो: Kanhaiya Lal Murder Case में आरोपी को मिली बेल, NIA से कहां हुई चूक?

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