कपिल मिश्रा के वीडियो पर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर हड़काया!
FIR दर्ज करने को कहा तो दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
इस पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश हो रहे वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए. कहा कि अगर कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर जैसे लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस को FIR दर्ज करने में हिचकिचाहट है तो उसका कारण है. कारण ये कि ये सभी सरकार का हिस्सा हैं. और इसमें मिनिस्टर तक शामिल हैं. कहा कि पुलिस को बिना किसी भय या दबाव के क़ानून की रक्षा करनी चाहिए. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि पुलिस कोई पिकनिक नहीं मना रही है. वो भी अटैक झेल रही है. गोंजाल्विस के बयान के बाद हुआ थोड़ा बवाल. कोर्ट रूम में मौजूद हिंदू महासभा के वरुण सेना मौजूद थे. कहा कि इस याचिका में बीजेपी के नेताओं का नाम क्यों लिया गया है? क्या लोगों ने टीवी पर असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान के बयान को नहीं देखा है? उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए? इस याचिका में उन पर FIR करने की बात क्यों नहीं कहीं की गई है?Delhi violence matter in Delhi HC: Court played BJP leader Kapil Mishra's video clip in the court in the presence of all lawyers and DCP Deo and Solicitor General Tushar Mehta.
— ANI (@ANI) February 26, 2020
इसको लेकर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसी तरह की चीज़ों के मद्देनजर फिलहाल हम FIR दर्ज नहीं करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि दिल्ली में शांति और अमन बहाल हो. अभी इस मामले में FIR दर्ज करके गिरफ्तारी करने से माहौल और बिगड़ सकता है. हम फिलहाल अभी उस दबाव के वातावरण में हैं, जिसमें चीजों को ठंडा करना पहले जरूरी है. इसके साथ ही कोर्ट में एक अलग बात आई. तुषार मेहता ने कहा कि मसला सिर्फ तीन वीडियो पर नहीं सिमटा हुआ होना चाहिए. ऐसे कई सारे दूसरे केस हैं, जहां दूसरों ने भी भड़काऊ भाषण किये हैं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि आपको क्या लगता है कि भड़काऊ भाषणों की इन सारी क्लिप्स में कब FIR की जानी चाहिए? कितनी संपत्तियों में आग लगाई जाएगी? कितनी मौतें होंगी? इस पर तुषार मेहता ने कहा,Delhi violence matter: Delhi High Court expresses concern over body an IB officer found in north-east Delhi. Court says it is "very unfortunate". Court also asks the highest functionaries in state and central government to personally meet the victims and their families. https://t.co/Z08ji92G32
— ANI (@ANI) February 26, 2020
"FIR दर्ज करने के लिए Conducive यानी अनुकूल स्थिति होनी चाहिए."इस पर कोर्ट ने कहा कि अनुकूल स्थिति बनानी होगी. पुलिस को दिखाना होगा कि उसका मकसद काम करना है. तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट को गुस्सा नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हम गुस्सा नहीं हैं, हम दुखी हैं. फिर सवाल किया. कहा, "कब लगता है कि FIR दर्ज करने का समय हो गया है? आप हमें बताइये कि FIR दर्ज न करने के क्या परिणाम हो सकते हैं? स्थितियां तो 15 दिसंबर से खराब हो रही हैं. हाईकोर्ट का पूरा आदेश नीचे पढ़िए :
इस पर तुषार मेहता ने कहा कि हमें यहां से विभाग नहीं चलाना चाहिए. समय की मांग की. कहा कि याचिका भी इसी समय आई. इसके बाद कोर्ट ने स्पेशल सीपी प्रवीर रंजन से सवाल-जवाब शुरू किया. कहा कि एक हेट स्पीच पर FIR दर्ज करने से लोगों को पता चलेगा कि क्या नहीं बोलना चाहिए. ऐसे भाषणों से और भाषण उपजेंगे. और आप कह रहे हैं कि ये FIR दर्ज करने का सही समय नहीं है? कोर्ट ने कहा,Another order passed earlier today this time by the roster bench of Delhi High Court comprising of HMJ Dr S Muralidhar and HMJ Talwant Singh. Pages 1 to 4👇 pic.twitter.com/MKRTcmozGO
— Rahul Mehra (@TheRahulMehra) February 26, 2020
"जब आपने जलते हुए घर और मकान देखे, मरे लोगों को देखा तो आपने तत्परता के साथ कार्रवाई की. जब आप ये हेट स्पीच देख रहे हैं, तो आप ये तत्परता क्यों नहीं दिखा रहे हैं? FIR दर्ज करिए."इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कहा कि आज ही कमिश्नर सभी इलाकों के डीसीपी के साथ बैठें. हेट स्पीच के सारे वीडियो देखें. नोटिस जारी किया. कमिश्नर से कहा कि कल अपना जवाब दाखिल करें. और मामला कल यानी 27 फरवरी को दोपहर 2:15 पर सुना जाएगा.
कोर्ट दिल्ली हिंसा से जुड़े जिस मामले में सुनवाई कर रहा है, जिसमें कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर के भड़काऊ बयानों के आधार पर उन पर FIR दर्ज करने की मांग की गई है. इन तीनों ही नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के समय भड़काऊ भाषण दिए थे. चुनाव आयोग की कार्रवाई भी हुई थी. 23 फरवरी को दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में कपिल मिश्रा ने खुलेआम धमकी दी. कहा कि तीन दिन के बाद हम फिर दिल्ली पुलिस की भी नहीं सुनेंगे. और इसके ठीक बाद दिल्ली में भड़क गयी हिंसा.Delhi violence matter in Delhi High Court: The court adjourns the matter for tomorrow and states that the authorities must go strictly by the mandate of the law. https://t.co/2ExFwnbXXa
— ANI (@ANI) February 26, 2020
लल्लनटॉप वीडियो : आधी रात को दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को क्या आदेश दिया?