The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Delhi excise case court extends Manish Sisodias CBI custody by 2 days

दो दिन और CBI की कस्टडी में रहेंगे मनीष सिसोदिया, जमानत पर सुनवाई टली

सिसोदिया ने आरोप लगाया कि CBI बार-बार एक ही सवाल कर उनको मानसिक रूप से परेशान कर रही है.

Advertisement
Manish Sisodia Delhi excise policy case CBI
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो- PTI)
pic
साकेत आनंद
4 मार्च 2023 (Updated: 4 मार्च 2023, 04:10 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

दिल्ली एक्साइज मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की CBI हिरासत 6 मार्च तक बढ़ गई है. 4 मार्च को सिसोदिया की CBI रिमांड खत्म हो रही थी. CBI स्पेशल कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई को भी टाल दिया. अब जमानत याचिका पर 10 मार्च को सुनवाई होगी. कोर्ट में सिसोदिया ने हिरासत अवधि बढ़ाने का विरोध किया. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि CBI बार-बार एक ही सवाल कर उनको मानसिक रूप से परेशान कर रही है. इस पर कोर्ट ने CBI को आदेश दिया कि एक ही सवाल बार-बार ना पूछा जाय.

CBI ने कोर्ट से तीन दिन और हिरासत बढ़ाने की मांग की थी. सिसोदिया के वकील ने हिरासत बढ़ाने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि 96 घंटे में वे कुछ भी नहीं कर पाए तो अगले 72 घंटे में क्या करेंगे? सिसोदिया ने कोर्ट में कहा, 

“हर दिन सुबह 8 बजे से वे एक ही तरह के सवाल पूछते हैं. कोई कागजात नहीं है. यह मानसिक प्रताड़ना है. उनके पास डॉक्यूमेंट्स में कुछ भी नहीं है. जो भी है, सिर्फ मौखिक है.”  

सिसोदिया के आरोपों पर कोर्ट ने CBI से कहा कि हर 24 घंटे में उनकी मेडिकल जांच करवाई जाए. उधर, कोर्ट में CBI ने आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे और सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं.

इससे पहले अपनी जमानत याचिका में सिसोदिया ने कहा था कि CBI के बुलाने पर वो जांच शामिल हुए. सिसोदिया ने कहा कि उनको हिरासत में रखने पर CBI को कुछ हासिल नहीं होगा, क्योंकि मामले में जो रिकवरी होनी थी वो तो पहले की जा चुकी है. 

CBI ने 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था. 9 घंटे की पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद 27 फरवरी को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया था. इसके बाद अगले ही दिन सिसोदिया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

मनीष सिसोदिया पर आरोप

दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने में हुए कथित घोटाले को लेकर CBI ने पिछले साल 17 अगस्त को एक केस दर्ज किया था. शराब नीति में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों पर मामला दर्ज किया था. इसके बाद CBI ने 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर छापेमारी की थी. हालांकि CBI की पहली चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था.

ये कार्रवाई दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना के आदेश के बाद हुई थी. एलजी ने दिल्ली सरकार की 2021 में लागू की गई नई एक्साइज पॉलिस की सीबीआई जांच करवाने का आदेश दिया था. आरोप लगा कि कोविड महामारी के बहाने लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी की गई. इससे शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपये माफ कर दिए गए. शराब लाइसेंस देने में कमीशन लेने का भी आरोप लगा है. चूंकि उस दौरान एक्साइज डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया के पास थी इसलिए आरोपों की आंच उनके ऊपर भी आई.

ये भी पढ़ें- CBI की रडार पर कैसे आए मनीष सिसोदिया? 10 पॉइंट में जानिए अंदर की कहानी

सिसोदिया अपने खिलाफ लगे आरोपों को नकारते रहे हैं. हालांकि CBI का कहना है कि उनके खिलाफ कुछ दस्तावेज और डिजिटल एविडेंस थे. CBI ने मनीष सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने का भी आरोपी पाया है.

वीडियो: नेता नगरी: सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सोनिया और केजरीवाल के बीच फोन पर क्या बातचीत हुई?

Advertisement