दिल्ली की सबसे ठंडी सुबह, पारा - 3.6 डिग्री! उत्तर भारत में और कहां-कहां जारी रेड अलर्ट?
उत्तर भारत का ज़्यादातर हिस्सा भीषण शीतलहर की चपेट में हैं. मौसम विभाग का कहना है, 3-4 दिनों कोई निजात नहीं.

शनिवार, 13 जनवरी की सुबह दिल्ली सीज़न की सबसे सर्द सुबह उठी. न्यूनतम तापमान गिरकर 3.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. लोदी रोड के पास तो पारा और नीचे गिरकर 3.4 डिग्री पर पहुंच गया. घने कोहरे की वजह से ट्रेनें, फ़्लाइट्स और यातायात प्रभावित हैं.
उत्तर भारत के ज़्यादातर हिस्से भीषण शीतलहर की चपेट में हैं. स्थिति को देखते हुए दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि अगले 3-4 दिनों तक - 16 जनवरी तक - उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में घने कोहरे और शीत लहर की स्थिति ऐसी ही रहेगी.
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IMD के मुताबिक़,
"उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में घने कोहरे की चादर छाई हुई है. कम विज़िबिलिटी की वजह से पूरे क्षेत्र में रेल और हवाई यातायात बाधित हो गया है. अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में घना से बहुत घना कोहरा जारी रहेगा."
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के कई शहरों में घने से बहुत घने कोहरे की आशंका है. राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश में मध्यम कोहरा रहेगा. पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में शीतलहर की स्थिति वैसी ही रहेगी.
अनुमान है कि 13 और 14 जनवरी को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ़्फ़राबाद और हिमाचल प्रदेश में बारिश या बर्फबारी होगी. 16 और 17 जनवरी को उत्तराखंड में भी बारिश संभव है.
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मध्य और पूर्वी भारत में इस ठंडी का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) है. दरअसल, भूमध्य सागर या कैस्पियन सागर में एक तरह का तूफ़ान उठता है. इससे एक लो-प्रेशर क्षेत्र बनता है और इस प्रोसेस को पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं. इसी की वजह से उत्तर-पश्चिम भारत की सर्दियों में बारिश-बर्फ़बारी होती है, कोहरा पड़ता है.
उत्तर की तुलना में पश्चिम भारत में मौसम ठीक है. राजस्थान में शीत-लहर चल रही है, उसके अलावा बाक़ी सभी पश्चिमी राज्यों में मौसम की कोई एक्सट्रीम स्थिति नहीं है.
लाल-पीले अलर्ट का क्या मतलब?IMD ज़िले-वार और राज्य-वार चेतावनियां चेतावनियां जारी करता है. इससे मौसम की मौजूदा स्थिति का पता चलता है. हमें भी और प्रशासन को भी.
- ग्रीन अलर्ट: मतलब मामला ठीक है. कोई कार्रवाई नहीं चाहिए.
- येलो अलर्ट: मतलब नज़र बनाए रखिए. अपडेटेड रहिए.
- ऑरेंज अलर्ट: माने अब अलर्ट हो जाइए. प्रशासन तैयार रहे.
- रेड अलर्ट: ये कार्रवाई करने के लिए एक 'चेतावनी' है. अब कुछ तो करना ही होगा.