The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • death penalty for 8 former ind...

कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा, क्या आरोप लगे थे?

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो फांसी की सजा के फैसले से हैरान है और इस मामले को कतर के अधिकारियों के समक्ष उठाएगी.

Advertisement
court in qatar sentences 8 ex indian navy officers to death mea exploring legal options
कतर ने जिन 8 नौसेना के पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई है, वो सभी नौसेना में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं. (सांकेतिक फोटो- PTI)
pic
प्रशांत सिंह
26 अक्तूबर 2023 (Published: 06:02 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई गई है (8 ex Indian Navy officers sentenced to death in Qatar). सभी अधिकारियों पर जासूसी के आरोप लगे थे. इन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. मामले पर भारत सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो फांसी की सजा के फैसले से हैरान है. साथ ही ये भी कहा है कि वो इस मामले को कतर के अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा,

“हम सभी अधिकारियों के परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं. साथ ही कानूनी विकल्प भी तलाश रहे हैं. मामले को हम काफी महत्वपूर्ण मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. अधिकारियों को कॉन्सुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे.”

विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि इस मामले की कार्रवाई की गोपनीयता के कारण, इस वक्त कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.

जासूसी के आरोप!

कतर ने 8 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है, वो सभी भारतीय नौसेना में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं. गिरफ्तार किए गए पूर्व अधिकारियों के नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश हैं. सभी डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे. ये एक प्राइवेट कंपनी है, जो कतरी सेना के जवानों को ट्रेनिंग और इससे जुड़ी मदद प्रदान करती है.

सभी पूर्व अधिकारियों को कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ‘स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो’ ने पिछले साल 30 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था. उन पर जासूसी के आरोप लगाए गए. भारतीय दूतावास को सभी की गिरफ्तारी की जानकारी सितंबर महीने में मिली. 

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार किए गए अधिकारियों को 30 सितंबर 2022 को अपने परिवार के लोगों से बात करने की इजाजत मिली. मामले में पहला कॉन्सुलर एक्सेस 3 अक्टूबर को दिया गया. इसमें भारतीय दूतावास का एक अधिकारी गिरफ्तार किए गए लोगों से जाकर मिला. इसके बाद से सभी अधिकारियों को हफ्ते में एक बार अपने परिवार से बात करने की इजाजत दी गई.

इस मामले में डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के मालिक की भी गिरफ्तारी हुई थी. वो ओमान का नागरिक बताया गया है और रॉयल ओमानी एयर फोर्स का रिटायर्ड अधिकारी है. उसे नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया था. समाचार एजेंसियों ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की ओर से फंसाए जाने की आशंका है.

(ये भी पढ़ें: क़तर के ऑफिशल ने खुद बता दी मेसी को 'काला लिबास' पहनाने की वजह!)

वीडियो: दुनियादारी: ईरान ने अमेरिका के 05 कैदियों के बदले 50 हज़ार करोड़ क्यों लिए?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement