MP के 'गंगा जमना' स्कूल केस में हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, कलावा-तिलक-हिजाब पर क्या बोल दिया?
MP में बच्चियों के लिए हिजाब अनिवार्य करने वाले गंगा-जमुना स्कूल पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने प्रिंसिपल समेत तीन आरोपियों को सशर्त जमानत दी है.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 'गंगा जमना' स्कूल (Ganga Jamna school) हिजाब मामले में अपना फैसला सुना दिया है. हाईकोर्ट (High Court) ने प्रिंसिपल समेत तीन आरोपियों को सशर्त जमानत दे दी है. जस्टिस डीके पालीवाल की पीठ ने शर्तें तय करते हुए कहा है कि हिंदू और जैन समुदाय की बच्चियों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर न किया जाए. साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब स्कूल में किसी भी छात्र को कलावा-तिलक देखकर रोका नहीं जाएगा और किसी तरह की धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी.
अदालत ने साथ ही कहा है कि शर्तों के उल्लंघन पर जमानत समाप्त हो जाएगी. कोर्ट ने आरोपियों पर 50 हजार का मुचलका भी लगाया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी प्रिंसिपल आफसा शेख, टीचर अनस अतहर और चौकीदार रुस्तम को इन शर्तों का पालन करना होगा. इससे पहले दमोह की जिला अदालत ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद आरोपियों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
दमोह के गंगा जमना स्कूल में क्या हुआ था?मध्य प्रदेश के दमोह में स्थित गंगा जमना स्कूल, छात्राओं को जबरन हिजाब पहनने, इस्लामिक शिक्षा देने सहित कई आरोपों को लेकर सुर्खियों में आया था. ये मामला तब सामने आया था जब स्कूल की तरफ से क्लास 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स का एक पोस्टर लगाया गया था. इस पोस्टर में सभी छात्राएं अपने सिर को स्कार्फ से ढकी हुई नजर आ रही थीं. इन छात्राओं में से कुछ मुस्लिम नहीं थीं.
इस दौरान आरोप लगा कि नर्सरी से क्लास 12 तक की छात्राओं को सलवार सूट और स्कार्फ पहनने के लिए मजबूर किया गया. साथ ही आरोप लगा कि स्कूल में मुस्लिम धर्म की प्रार्थना और उर्दू भाषा सभी के लिए अनिर्वाय की गई गई थी.
मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद पुलिस ने स्कूल के संचालक, प्रिंसिपल और टीचर्स समेत अन्य स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया. हाई प्रोफाइल इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. गिरफ्तार आरोपियों में स्कूल की प्रिंसिपल आफसा शेख, गणित विषय के टीचर अनस अतहर और चौकीदार रुस्तम शामिल थे. 11 जून को सीजेएम कोर्ट ने तीनों की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था.
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