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भीषण गर्मी में भारतीय रेल के जनरल डिब्बों का हाल देख सर पकड़ लेंगे!

बालेश्वर हादसे में जनरल डिब्बों के यात्रियों को बहुत नुकसान पहुंचा था. इनमें यात्रा करने वाले किस हाल में सफर करते हैं, देख लीजिए.

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जनरल डिब्बों का हाल बेहाल (फोटो: आज तक)
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रविराज भारद्वाज
6 जून 2023 (Updated: 6 जून 2023, 01:00 AM IST) कॉमेंट्स
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ओडिशा के बालेश्वर में 2 जून को भयंकर रेल हादसा हुआ. जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इसके बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे के दावों पर सवाल उठना लाज़मी था, जो कि हो भी रहा है. लेकिन इसी के साथ एक ऐसी समस्या को भी रेखांकित किया जा रहा है, जिसपर कम ही बात होती है - भारतीय रेल के सामान्य कोच, जिन्हें हम सादी भाषा में जनरल डिब्बा कहते हैं. बालेश्वर हादसे में इन डिब्बों में सवार लोगों का बहुत नुकसान हुआ. क्योंकि ट्रेनों के दोनों छोरों पर जनरल डिब्बे ही होते हैं. अब देश भर से जनरल डिब्बों की तस्वीरें वायरल हैं.

जून की भीषण गर्मी में भी ट्रेनों के जनरल डिब्बों में भारी भीड़ है. और लोग इसी भीड़ के बीच यात्रा करने को विवश हैं. आलम ये है कि लोग इन डिब्बों में एक दूसरे पर चढ़े हुए दिखाई दे रहे हैं. आजतक से जुड़े उदय गुप्ता ने दिल्ली हावड़ा रेल रूट के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में शुमार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर जाकर कुछ ट्रेनों के जनरल डिब्बों का हाल जाना. जो देख आप खुद समझ जाएंगे कि यात्री सुविधा के रेलवे के दावों और असलियत में कितना अंतर है?

कोई दरवाज़े पर लटका, कोई टॉयलेट के पास बैठा

उदय सबसे पहले धनबाद से कोल्हापुर जाने वाली दीक्षाभूमि एक्सप्रेस की पड़ताल करते हैं. इस ट्रेन के जनरल कोच में यात्री एक दूसरे पर चढ़े हुए दिखाई दिए. इस दौरान कुछ पैसेंजर्स ट्रेन के दरवाजे के पास बैठे तो कुछ लटके हुए भी नजर आए. वहीं कुछ यात्री टॉयलेट के पास भी बैठकर यात्रा करने को मजबूर नजर आए.

इस हाल में यात्रा करने को मजबूर लोग (फोटो: आजतक)

 इस कोच में यात्रा कर रहे अजय नाम के पैसेंजर ने बताया,

'बिहार से कोल्हापुर की तरफ जाने वाली ट्रेनों की संख्या काफी कम है. जिसकी वजह से ट्रेनों में सीट नहीं मिल रही. ऐसे में मजबूरी में हम इस तरह यात्रा कर रहे. बोगी में भारी भीड़ है. ऐसे में गर्मी और उमस के बीच जनरल डिब्बे में सफर करना बहुत मुश्किल साबित हो रहा है.'

4 की सीट पर 9 लोग

अब कामाख्या से दिल्ली जा रही ब्रह्मपुत्र मेल की बात कर लेते हैं. इस ट्रेन के जनरल डिब्बों का हाल भी बिल्कुल दीक्षाभूमि एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे की तरह ही था. इस ट्रेन में सफर करने वाले कुछ यात्री खड़े थे तो कुछ गलियारे में बैठे हुए नजर आए. जबकि कुछ यात्री दरवाजे पर ही बैठे थे. अमूमन चार लोगों के बैठने लायक सीट पर 8-9 लोग बैठे हुए दिखाई दिए.

कुछ ऐसे यात्रा को करने को मजबूर हैं लोग (फोटो: आज तक)

इस ट्रेन के जनरल डिब्बे में सफर कर रहे गोविंद ऋषि नाम के पैसेंजर मालदा टाउन से दिल्ली का सफर कर रहे थे. कंफर्म टिकट नहीं मिलने की वजह से उन्हें जनरल टिकट के जरिए सफर करना पड़ा. और इस दौरान इनको सीट तक मयस्सर नहीं हुई. लगभग 25 घंटे की इस यात्रा में गोविंद ऋषि को सीट मिल जाए इसकी संभावना कम ही नजर आई.

लोगों को खड़े रहने में भी हो रही थी दिक्कतें (फोटो: आज तक)

ये समस्या ऐसे ही असंख्य यात्रियों की थी, जिन्हें कंंफर्म टिकट नहीं मिलने के कारण जनरल डिब्बे में यात्रा करनी पड़ा. और ये हालत सिर्फ जनरल डिब्बे ही नहीं, बल्कि स्लीपर डिब्बों में भी देखी जाती है. जहां कंफर्म टिकट होने के बावजूद कई लोगों को अपनी सीट तक पहुंचने में भी कड़ी मशक्कत करनी होती है. बीते दिनों ऐसी भीड़ थर्ड एसी में भी नज़र आने लगी है. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि तमाम दावों के बावजूद फिलहाल रेलवे की स्थिति क्या है.

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