कथित लव जिहाद: नहीं मिला सबूत, कोर्ट ने युवक को जेल से रिहा करने का आदेश दिया
मामला यूपी के मुरादाबाद का है.

यूपी का मुरादाबाद. यहां कथित 'लव जिहाद' मामले में एक युवक को उसके भाई के साथ गिरफ्तार किया गया था. साथ ही उसकी पत्नी को नारी निकेतन भेज दिया गया था. पत्नी ने आरोप लगाया गया था कि नारी निकेतन में उसे टॉर्चर किया गया, जिससे उसका गर्भपात हो गया. 15 दिन जेल में रहने के बाद राशिद के खिलाफ कोर्ट को कोई सबूत नहीं मिले. शनिवार 19 दिसंबर की सुबह 11 बजे राशिद और उसके भाई सलीम को 50-50 हज़ार रुपये की जमानत राशि पर रिहा कर दिया गया.
पूरा मामला क्या है?
मामले की जानकारी के लिए हमने इंडिया टुडे से जुड़े शरद गौतम से बात की. उन्होंने बताया कि पिंकी उर्फ मुस्कान जहां (धर्म परिवर्तन के बाद का नाम) और राशिद, दोनों मुरादाबाद आए थे. शादी रजिस्टर्ड करवाने. यहां उन्हें बजरंग दल के कुछ लोग मिल गए. उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया. पकड़कर थाने ले गए. केस दर्ज करवाने. इसके बाद पुलिस ने कहा कि वो किसी तीसरी पार्टी की तरफ से कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करेगी, जब तक कोई परिवार का सदस्य नहीं आता.
फिर पिंकी ने बताया कि उसने जब 24 जुलाई, 2020 को शादी की थी, तब उसने इस बारे में अपनी बहन को बताया था. पर परिवार शादी के खिलाफ थे. तो बातचीत बंद थी. इसके बाद बजरंग दल के ही लोग पिंकी की मां को थाने लाए. उनकी शिकायत के आधार पर राशिद और उसके भाई सलीम को धर्मांतरण कराने के आरोप में अरेस्ट किया गया और जेल भेज दिया गया. वहीं, पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया गया. इस दौरान 22 साल की पिंकी शादी के पेपर दिखाकर उन्हें समझाने का प्रयास करती रही. पर किसी ने नहीं सुनी.
कैसे मिले दोनों?
राशिद मुरादाबाद का रहने वाला है और पिंकी बिजनौर की. दोनों उत्तराखंड में मिले थे. राशिद वहां सैलून चलाता था और पिंकी पढ़ाई के लिए वहां गई थी. पिंकी का कहना है कि उसने 24 जुलाई को निकाह कर लिया था. और 5 दिसंबर को वो मुरादाबाद के कांठ अपनी शादी रजिस्टर करवाने के लिए मजिस्ट्रेट कोर्ट आई थी.
गर्भपात का क्या मामला है?
पिंकी के मुताबिक, नारी निकेतन में उसे पेट में दर्द हुआ, तो नारी निकेतन वालों ने कहा कि नाटक मत करो. और जब ब्लीडिंग शुरू हो गई, तब मुरादाबाद के जिला महिला अस्पताल ले जाया गया. आरोप है कि वहां उसे जो दवाई और इंजेक्शन दिए गए, उससे बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हुई और गर्भपात यानी मिसकैरेज हो गया.
वहीं, इस मामले में जब शरद गौतम ने महिला अस्पताल की CMS यानी चीफ महिला सुप्रीटेंडेंट से बात की, तो उन्होंने बताया,
पेट में दर्द और ब्लीडिंग की शिकायत को लेकर भर्ती किया गया था. हमने इलाज किया. अल्ट्रासाउंड करवाया, तो उसमें गर्भ में भ्रूण दिखाई दिया था. लेकिन धड़कन सुनाई नहीं दी. इसके लिए हमने दूसरा टेस्ट लिखा और मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. लेकिन सास और देवर आ गए थे. उन्होंने कहा कि वो अपने वाहन से पिंकी को ले जाएंगे. तो वो लेकर चले गए. अब टेस्ट हुआ या नहीं, पता नहीं.
फिर 14 दिसंबर को कोर्ट में पिंकी ने बयान दिया कि वो बालिग है, उसने अपनी मर्जी से शादी की है. पति के साथ रहना चाहती है. और अपने ससुराल जाना चाहती है. पिंकी के इस बयान के बाद पुलिस ने जेल में बंद उसके पति और जेठ के खिलाफ कोई सबूत न मिलने पर कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट पेश की. इसके बाद कोर्ट ने पिंकी के पति राशिद और उसके भाई को पचास-पचास हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दे दिया. उन्हें शनिवार की सुबह जेल से रिहा कर दिया गया.