लॉकडाउन खत्म होने की उम्मीद में हज़ारों मजदूर रेलवे स्टेशन पहुंच गए
प्रवासी मजदूर ट्रेन पकड़कर अपने गांव लौटना चाहते थे.

पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ अलग-थलग हो गई. इंडिया टुडे में छपी ख़बर मुताबिक़, स्थानीय नेताओं का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें यहां कोई दिक्कत नहीं होगी. हर संभव मदद की जाएगी. पुलिस अधिकारी ने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया-Bandra in Mumbai right now. Police probing what caused such a large crowd to gather. pic.twitter.com/04H1Mnggd2
— Padmaja joshi (@PadmajaJoshi) April 14, 2020
ये लोग दिहाड़ी मजदूर हैं. यहां 3 बजे करीब हज़ार से ज्यादा लोग जमा हो गए थे. ये लोग पटेल नगरी के आस पास के स्लम में रहते हैं. इनकी मांग थी कि इन्हें ट्रांसपोर्ट सुविधा मिले ताकि ये अपने घर लौट सकें. ये लोग मूलतः बंगाल और उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे.शिवसेना ने केंद्र पर आरोप लगाया पूरे मामले पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे ने केंद्र पर आरोप लगाया है, उन्होंने ट्वीट किया,
बांद्रा स्टेशन से अब मजदूरों को हटा दिया गया. हाल ही में सूरत में कुछ मजदूरों ने दंगा किया था. केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले सकी है. प्रवासी मजदूर खाना और शेल्टर नहीं चाहते हैं, वे घर जाना चाहते हैं.जिस दिन से ट्रेन को बंद किया गया उसी दिन हमने अगले 24 घंटे ट्रेन चलाने की गुजारिश की थी ताकि प्रवासी मजदूर घर पहुंच सकें. सीएम उद्धव ठाकरे ने भी पीएम मोदी से इस मसले को लेकर बात की थी. अभी 6 लाख से ज्यादा लोगों को महाराष्ट्र के कई शेल्टर कैंपों में रखा गया है.
इसी तरह सूरत के वराछा इलाके में भी 14 अप्रैल को करीब 500 मजदूर जमा हो गए. ये मजदूर सूरत की टेक्स्टाइल कंपनियों में काम करते हैं. उनकी मांग थी कि उन्हें उनके गांव जाने दिया जाए.The current situation at Bandra Station, now dispersed or even the rioting in Surat is a result of the Union Govt not being able to take a call on arranging a way back home for migrant labour. They don’t want food or shelter, they want to go back home
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) April 14, 2020
इन मजदूरों का कहना था कि सरकार इनकी जांच करवाकर उन्हें उनके गांव भेज दे. हालांकि, पुलिस ने इनकी मांगों को मानने से इनकार कर दिया.Just In: More than 500 migrant workers gathered in Surat’s Varachha area demanding that they be allowed to return their home. They are migrants employed in textiles embroidery units in Surat. @the_hindu @nistula @abaruah64 pic.twitter.com/TdC1IWEfDT
— Mahesh Langa (@LangaMahesh) April 14, 2020
विडियो- लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया गया, पर PM मोदी ने 20 अप्रैल के बाद छूट देने की बात क्यों कही?