कोरोना वैक्सीन के इंतजार में दुनिया भर के लोग एक-एक दिन गुजार रहे हैं. तमाम वैज्ञानिक और संस्थाएं इस वैक्सीन के निर्माण और शोध के कामों में जुटी हैं. भारत में भी कई जगहों पर इसको लेकर रिसर्च चल रही है. पिछले दिनों पीएम मोदी ने कुछ संस्थानों का दौरा करके उम्मीद जताई थी कि इस महीने के आखिर में या नए साल की शुरुआत में देशवासियों को कोरोना की वैक्सीन मिल सकती है. हालांकि अब कुछ ऐसा हुआ है कि वैक्सीन मिलने में कुछ देरी की आशंका पैदा हो गई है.
हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने एक दिन पहले बताया था कि देश में 6 कोरोना वैक्सीन ट्रायल के अलग-अलग चरणों में हैं. इनमें सीरम इंस्टीट्यूट Covishield नाम से वैक्सीन का परीक्षण कर रहा है. भारत बायोटेक की संभावित वैक्सीन का नाम Covaxin है. जाइडस कैडिला ने ZyCoV-D नाम से और डॉ. रेड्डी लैब ने Sputnik V के नाम से वैक्सीन बनाई है. सीरम इंस्टीट्यूट एक और वैक्सीन का ट्रायल कर रहा है, जिसका अभी तकनीकी नाम है NVX-CoV2373. इनके अलावा कुछ और कंपनियां भी वैक्सीन बनाने की होड़ में हैं.
इनमें से Covishield और Covaxin के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्रूवल मांगा गया है. हेल्थ सेक्रेटरी ने उम्मीद जताई कि कुछ वैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में लाइसेंस मिल सकता है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को इन्हें मंजूरी देनी है. हाल में सेंट्रल ड्रग्स स्टेंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने फाइज़र, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की एप्लीकेशन को रिव्यू करने के लिए बैठक बुलाई थी. इसके बाद बुधवार 9 दिसंबर को SEC ने कहा कि आपातकालीन स्थिति में वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी के लिए भारत बायोटेक और सीरम संस्थान को थोड़ा और डाटा सबमिट करना होगा. यही कमिटी वैक्सीन को लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को अपनी सिफारिश देती है. इससे वैक्सीन की मंजूरी को लेकर कुछ देरी की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं.
हालांकि SEC की ओर से दोनों कंपनियों से अतिरिक्त डाटा मांगने की खबरों के साथ कुछ जगहों पर ये खबर चलने लगी कि भारत बायोटेक और सीरम संस्थान के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय ने तुरंत ही इन खबरो को फर्जी करार दिया.
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भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई कोविड-19 की वैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी है. भारत बायोटेक ऐसी पहली कंपनी है, जिसने स्वदेशी टीका विकसित किया है और इमरजेंसी उपयोग की मंजूरी मांगी है. भारत बायोटेक की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर सुचित्रा एल्ला ने कहा,
"हम उम्मीद करते हैं कि सुरक्षा और एफिसिएंसी डेटा के साथ कोवैक्सीन अगले साल के पहले तीन महीनों के अंदर उपलब्ध हो जाएगी."
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60 से अधिक विदेश राजनयिकों ने किया भारत बायोटेक का दौरा
बुधवार 9 दिसंबर को भारत बायोटेक कंपनी का दौरा करने के लिए 60 से अधिक देशों के राजनयिक पहुंचे, और कोरोना वैक्सीन पर अपडेट लिए. भारत बायोटेक के चेयरमैन और एमडी ने अपने यहां विकसित की जा रही वैक्सीन के बारे में इन्हें जानकारी दी.
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वैक्सीन का कितना हो सकता है दाम?
अगर सीरम इंस्टिट्यूट और सरकार के बीच क़रार साइन हो गया तो अन्दाज़ा लगाया जा रहा है कि इसकी वैक्सीन 250 रुपये तक की मिल सकती है. इससे पहले सीरम के चेयरमैन अदार पूनावाला ने कहा था कि कोरोना की वैक्सीन 500-600 रुपए तक की पड़ सकती है, जबकि सरकारी ख़रीद में वैक्सीन का दाम 225-300 के बीच हो सकता है.