कांग्रेस शासित राजस्थान में अडानी-अंबानी का गदर इन्वेस्टमेंट प्लान, रकम होश उड़ा देगी!
दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की कंपनियों ने कांग्रेस शासित राजस्थान में अरबों रूपए के इन्वेस्टमेंट का वादा किया है.

मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की कंपनियों ने राजस्थान में अरबों रूपए के इन्वेस्टमेंट का वादा किया है. एक RTI के जवाब में आया डेटा बताता है कि दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की कंपनियों ने राजस्थान में भारी निवेश करने की बात कही है. इस खबर को लोग कांग्रेस और राहुल गांधी से जोड़ रहे हैं, क्योंकि राजस्थान में फिलहाल कांग्रेस की ही सरकार है. इसकी वजह ये भी है कि राहुल गांधी नाम लिए बिना इन उद्योगपतियों के बहाने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं.
निवेश का वादाइस साल जनवरी में राजस्थान में 'इन्वेस्ट राजस्थान समिट' होना था. जिसे कोविड के चलते स्थगित कर दिया गया. अब ये सम्मेलन जयपुर में 7 से 8 अक्टूबर 2022 को होना तय हुआ है. इस सम्मेलन से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गौतम अडानी और बाकी कई उद्योगपतियों से मुलाकात भी की थी. गहलोत के इस आउटरीच कार्यक्रम में कई दिग्गज कंपनियों की तरफ़ से निवेश के वादे किए गए.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को RTI के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक़, गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने 60,000 करोड़, अडानी इन्फ्रा लिमिटेड ने 5,000 करोड़ रुपए, अडानी टोटल गैस लिमिटेड ने 3,000 करोड़ रुपए और अडानी विल्मर लिमिटेड ने करीब 246 करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया है. वहीं मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड ने 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का वादा किया है.
अख़बार के मुताबिक राजस्थान के ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (BoIP) के डेटा से ये जानकारी मिली है. BoIP की वेबसाइट के मुताबिक़ ‘इन्वेस्ट राजस्थान प्रोग्राम’ राज्य में निवेशकों तक पहुंचने का एक माध्यम है. इस प्रोग्राम में देश-विदेश के बड़े निवेशकों की मीटिंग्स होती हैं, एम्बेसी कनेक्ट प्रोग्राम और वर्चुअल सेमिनार होते हैं. प्रोग्राम का उद्देश्य है निवेशकों से निवेश के प्रस्तावों की मांग करना और उन्हें क्रियान्वित करना.
राहुल क्या कहते हैं?अडानी-अंबानी का कांग्रेस शासित राजस्थान में इन्वेस्टमेंट प्लान इसलिए चर्चा में आ गया है क्योंकि पार्टी आलाकमान उद्योगपतियों और मौजूदा केंद्र सरकार के कथित गठजोड़ का आरोप लगाकर सियासी बयानबाजी करता रहा है. इसी साल फरवरी की बात है. लोकसभा में राहुल गांधी बोल रहे थे. तब उन्होंने देश के दो बड़े उद्योगपतियों को ‘डबल ए वैरिएंट’ बता दिया था. कहा,
‘कोरोना के दौरान अलग-अलग वैरिएंट्स आते हैं. ये दोनों वैरिएंट्स देश की अर्थव्यवस्था में फ़ैल रहे हैं. एक व्यक्ति को हिंदुस्तान के सारे पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स, पावर, ट्रांसमिशन, माइनिंग, गैस, ग्रीन एनर्जी, एडिबल आयल वगैरा दे दिए गए. देश में जो भी होता है, उधर अडानी दिखाई देते हैं.’
ये पहली बार नहीं था जब राहुल गांधी ने अडानी, अंबानी और उनके प्रोजेक्ट्स को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा हो. मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल के दौरान राहुल कई बार उस पर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा चुके हैं. दिसंबर 2021 की बात है. राहुल गांधी जयपुर में बढ़ती कीमतों के खिलाफ़ चल रहे एक प्रोटेस्ट में शरीक थे. उस दौरान उन्होंने कहा था,
‘आ गए अच्छे दिन. किसके? हम दो हमारे दो, उनके. एयरपोर्ट देखो, पोर्ट देखो, टेलीफोन देखो, सुपरमार्केट देखो, जहां भी देखो भैया दो लोग दिखेंगे आपको, अडानी जी, अंबानी जी. उनकी कोई गलती नहीं है. देखो भैया अगर आपको कोई मुफ्त में कुछ दे, आप क्या वापस दे दोगे? नहीं दोगे. उनकी गलती थोड़ी है. गलती तो प्रधानमंत्री की है.’
बहरहाल, BoIP के डेटा के मुताबिक़ राज्य सरकार के साथ तमाम कंपनियों ने कुल मिलाकर करीब 9 लाख 40 हजार 453 करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया है. जबकि अडानी और अंबानी की कंपनियों की तरफ़ से राजस्थान सरकार के साथ साइन किए गए MOUs में करीब 1 लाख 68 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करने की बात कही गई है. ये कुल निवेश के वादों की रकम का करीब 18 फ़ीसद है.
राजस्थान BoIP की वेबसाइट पर कुल 4,016 कंपनियां लिस्टेड हैं. इनमें से बड़े निवेशकों में और भी कुछ कंपनियां हैं. मसलन JSW फ्यूचर एनर्जी लिमिटेड ने 40 हजार करोड़ रुपए, वेदान्त ग्रुप की हिन्दुस्तान जिंक ने 33 हजार 350 करोड़ रुपए, एक्सिस एनर्जी वेंचर्स लिमिटेड ने 30 हजार करोड़ रुपए और टाटा पावर ने 15 हजार करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया है.