JEE में पूरे देश में टॉप करने वाला ये लड़का IIT में एडमिशन क्यों नहीं लेगा?
चार साल की तैयारी के बाद एग्ज़ाम में पहला रैंक हासिल किया है.

जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन यानी JEE (एडवांस्ड) 2020 के नतीजे आ चुके हैं. 5 अक्टूबर को रिजल्ट का ऐलान हुआ. पुणे में रहने वाले 18 बरस के चिराग फालोर ने टॉप किया. 396 में से 352 नंबर लाते हुए उन्होंने ऑल इंडिया रैंक- 1 हासिल की. इतने सबके बाद अब चिराग ने फैसला किया है कि वो इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी IIT में एडमिशन ही नहीं लेंगे. क्योंकि वो पहले ही USA के मसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में एडमिशन ले चुके हैं और वहीं से अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं.
'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, चिराग अभी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से USA जा नहीं सके हैं, इसलिए वो MIT की ऑनलाइन क्लासेज के ज़रिए ही पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने IIT की तैयारी पर बात करते हुए कहा,
"जब 9वीं में था तभी से मैंने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी. 11वीं के आखिर तक मैंने JEE एडवांस्ड की पढ़ाई पूरी कर ली थी. मैं 12वीं के दौरान हर रोज़ मॉक टेस्ट देता रहा, जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा."
ऐसे तो चिराग का परिवार मूल रूप से राजस्थान का है, लेकिन चिराग जब दूसरी कक्षा में थे तब परिवार पुणे आ गया था. 10वीं तक की पढ़ाई पुणे से करने के बाद 11वीं और 12वीं की पढ़ाई चिराग ने दिल्ली से की.
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, फालोर कहते हैं कि MIT में एडमिशन मिलने के बाद भी उन्होंने IIT के लिए एग्जाम दिया, क्योंकि वो इसे भी एक्सपीरियंस करना चाहते थे. वो कहते हैं,
"चार साल तक मैंने IIT की तैयारी की, इसलिए इसका एग्जाम देना चाहता था. मैं ये यकीन से कह सकता हूं कि IIT एंट्रेंस सबसे कठिन एंट्रेंस एग्जाम है. MIT हर एक कैंडिडेट की पर्सनैलिटी और उन्होंने मिले हुए मौकों का कितना लाभ उठाया है, इसका आंकलन करता है, वहीं IIT एडमिशन पूरी तरह से अलग है. MIT एप्लीकेशन की लंबी-चौड़ी प्रोसेस है, उसमें निबंध भी शामिल है, पर्सनैलिटी और बैकग्राउंड की जानकारी भी शामिल होती है. वहीं IIT एंट्रेंस के लिए लंबी-चौड़ी तैयारी की ज़रूरत है."
खास अवॉर्ड भी मिल चुका है
चिराग को बाल शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. ये अवॉर्ड 18 बरस से छोटे भारतीयों को मिलने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड माना जाता है. जनवरी 2020 में चिराग को इससे सम्मानित किया गया था. तब पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके उन्हें बधाई दी थी. कहा था,
"मेरे दोस्त चिराग फालोर से मिलिए, जो बाल पुरस्कार विजेता हैं. नेशनल और इंटरनेशनल मैथ्स और साइंस कॉम्पटिशन के विजेता हैं, उन्होंने इंटरनेशनल ऑलम्पियाड अवॉर्ड ऑन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया. चिराग का भविष्य उज्वल है और मैं उनकी कामयाबी की दुआ करता हूं."
Meet my friend Chirag Falor, a Bal Puraskar awardee. Winner of national and international math and science competitions, he represented India in the International Olympiad Award on Astronomy and Astrophysics. Chirag has a bright future ahead and I wish him success. pic.twitter.com/B2YPdIsWb3
— Narendra Modi (@narendramodi) January 24, 2020
एस्ट्रोनॉट बनने का सपना है
चिराग को एस्ट्रोनॉमी में खासी दिलचस्पी है. वो ज्यादातर वक्त यूनिवर्स के बारे में पढ़ते रहते हैं. दूरबीन से रात में आसमान को देखना उन्हें बहुत पसंद है. हालांकि अभी एस्ट्रोफिजिक्स की दुनिया के बारे में बहुत कुछ जानना बाकी है, लेकिन वो भविष्य में एस्ट्रोनॉट बनने का सपना देखते हैं. वो कहते हैं,
"मैं हमेशा से अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता था, भले ही ये भावना वक्त के साथ थोड़ी कम हो गई है, लेकिन अगर मुमकिन हुआ तो मैं ज़रूर एस्ट्रोनॉट बनकर मंगल ग्रह पर जाना चाहूंगा."
JEE मेन्स एग्जाम में चिराग ने देशभर में 12वीं रैंक हासिल की थी. इसके नतीजे 11 सितंबर को आए थे. 27 सितंबर को JEE एडवांस्ड का एग्जाम हुआ, नतीजे 5 अक्टूबर को आए.
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