The Lallantop
Advertisement

चीन के भेजे जासूसी जहाज़ से भारत को क्या ख़तरा है?

कई जानकार ये भी कह रहे हैं कि चीन इस जहाज के ज़रिए भारत के नौसैनिक अड्डों और परमाणु संयंत्रों की जासूसी कर रहा है.

Advertisement
इस जहाज़ को स्पेस और सेटेलाइट ट्रैकिंग में महारत हासिल है. (AP)
इस जहाज़ को स्पेस और सेटेलाइट ट्रैकिंग में महारत हासिल है. (AP)
17 अगस्त 2022 (Updated: 17 अगस्त 2022, 23:19 IST)
Updated: 17 अगस्त 2022 23:19 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

एक जहाज़, जो 700 किलोमीटर दूर तक के इलाके की निगरानी करता हो. ऐसा जहाज़, जो जासूसी के लिए कुख्यात हो. वो जहाज भारत के मुहाने पर दस्तक दे रहा है. इसका नाम है, युआन वांग-5. ये जहाज चीन का है. इसे फिलहाल श्रीलंका के हम्बनटोटा बंदरगाह पर तैनात किया गया है. इसके कारण भारत भी जहाज के दायरे में आ गया है.
इससे भारत को क्या ख़तरा है?

युआन वांग-5 के आने की सुगबुगाहट जुलाई 2022 में ही शुरू हो गई थी. जहाज़ धीरे-धीरे श्रीलंका की तरफ बढ़ रहा था. इस जहाज की मंज़िल जो पोर्ट था, भारत के मेनलैंड से उसकी दूरी कुछ सौ किलोमीटर ही है. इसपर भारत ने आपत्ति जताई. इसपर अमेरिका भी चिंता जता चुका है.

युआन वांग-5 की पहुंच साउथ इंडिया में मौजूद कई मुख्य सैन्य और परमाणु ठिकानों तक है. मसलन, कलपक्कम, कुडनकुलम जैसी साइट्स चीन की निगरानी के दायरे में हैं. इसके अलावा, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कई अहम पोर्ट चीन के रडार में पहुंच गए हैं. कई जानकार ये भी कह रहे हैं कि चीन इस जहाज के ज़रिए भारत के नौसैनिक अड्डों और परमाणु संयंत्रों की जासूसी कर रहा है.

विवाद के बीच श्रीलंका का बयान भी आया. उसका दावा है कि चीन ने उसे भरोसा दिलाया है कि जहाज का इस्तेमाल जासूसी के लिए नहीं किया जाएगा. मीडिया रपटों के मुताबिक, ये जहाज 02 अगस्त तक हम्बनटोटा में खड़ा रहेगा.

इन आपत्तियों के बीच चीन ने भी अपनी बात रखी. उसने कहा कि इस जहाज से किसी की भी सुरक्षा को कोई ख़तरा नहीं है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा,
जहाज की गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय कानून के दायरे में हैं. इससे किसी भी देश की सुरक्षा और आर्थिक हितों को नुकसान नहीं पहुंच रहा है. इसलिए, किसी थर्ड पार्टी को इसमें टांग नहीं अड़ाना चाहिए.

अब इस जहाज़ के बारे में भी जान लेते हैं.

युआन वांग-5 मिलिट्री नहीं बल्कि ट्रैकिंग जहाज़ है. इस जहाज़ को स्पेस और सेटेलाइट ट्रैकिंग में महारत हासिल है. चीन इसके ज़रिए सेटेलाइट और रॉकेट्स की लॉन्चिंग को ट्रैक करता है. अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस जहाज़ को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की स्ट्रैटजिक सपोर्ट फोर्स यानी SSF ऑपरेट करती है. शिप में छिपकर सुनने वाले उपकरण लगे हैं.

इस जहाज से भारत को जासूसी का खतरा तो है ही, लेकिन इससे  श्रीलंका के साथ रिश्ते बिगड़ने की आशंका भी है. भारत की आपत्ति के बाद भी श्रीलंका ने उसे अपने पोर्ट पर आने की इजाज़त दी. लेकिन इसके पीछे भी एक पेच फंसा हुआ है. पेच ये है कि श्रीलंका ने कर्ज न चुका पाने के कारण साल 2017 में हम्बनटोटा पोर्ट को 99 साल की लीज पर चीन को सौंप दिया था, जिसके बाद से यहां चीन का दबदबा बढ़ा हुआ है. जानकारों का कहना है कि चीनी जहाज़ के हम्बनटोटा पोर्ट में आने से श्रीलंका का कोई दोष नहीं है.

श्रीलंका से अब चलते हैं सीरिया,

तुर्की की सीमा से सटे सीरिया सेना की चौकियों पर हवाई हमले हुए हैं. इसमें कुल 18 लड़कों के मारे जाने की ख़बर है. इन हमलों का आरोप तुर्की पर लगा है. हालांकि ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि मारे गए लड़ाकों का सरकार या कुर्द बलों से संबंध था. ब्रिटेन में सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स नाम का एक संगठन काम करता है. ये संगठन वॉर मॉनिटरिंग का काम करता है. इसने हमले के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि तुर्की के इस हमले में कम से कम तीन सीरियाई सैनिक मारे गए और 6 घायल हो गए हैं. सीरिया ने कहा कि इस हमले का जवाब दिया जाएगा.

हमला कुर्दों के कब्जे वाले कोबाने शहर के पास हुआ, जहां तुर्की सेना और कुर्द नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज के बीच रात भर संघर्ष चला है. इन हमलों पर तुर्की ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है.

सीरिया के साथ आज दुनिया की ख़बरों में अमेरिका भी बना रहा. वजह?

अमेरिका ने मिनटमैन थ्री नाम की मिसाइल का सफल टेस्ट किया है, टेस्टिंग कैलिफोर्निया में सैंटा बार्बरा कंट्री स्थित वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से की गई. ये मिसाइल अपने लॉन्च की जगह से लगभग सात हज़ार किलोमीटर दूर मार्शल आइलैंड तक गई. इसे अमेरिका की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है. अमेरिकी वायुसेना ने कहा कि मिसाइल टेस्ट से ये पता चलता है कि अमेरिका का न्यूक्लियर हथियार तंत्र कितना प्रभावी और सुरक्षित है. क्या है इसकी खासियत? ये अमेरिका का जमीन से मार करने वाला एक इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है. अमेरिका के पास इस तरह की दो और मिसाइलें है, जिन्हें पनडुब्बी और बॉम्बर से लॉन्च किया जा सकता है. इसे बोइंग ने बनाया है. रूस-यूक्रेन और फिर चीन-ताइवान के बीच तनाव के चलते दो बार ये टेस्ट लॉन्च स्थगित कर दिया गया था. लेकिन अब इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. 

भारत की आज़ादी के मौके पर विदेशी मीडिया ने क्या छापा था?

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement