1950 के बाद अक्साई चिन में एक और हाइवे बना रहा चीन, कई विवादित क्षेत्र लपेटने की तैयारी
अक्साई चिन वो इलाका है जिस पर भारत अपना दावा करता है, लेकिन इस पर कब्जा चीन का है. यहां नए हाइवे के 2035 तक पूरा होने की उम्मीद है.
चीन (China) अब अक्साई चिन (Aksai Chin) वाले हिस्से से एक और हाइवे (Highway) बनाने की तैयारी में है. नाम है G695 नेशनल एक्सप्रेसवे (G695 National Expressway). ये एक्सप्रेसवे भारत की सीमा के साथ लगकर चीन के झिंजियांग को तिब्बत (Tibet) से जोड़ता है. इस बात की जानकारी हाल ही में जारी किए गई एक हाइवे कंस्ट्रक्शन प्लान में मिली है.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक G695 राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे विवादित अक्साई चिन क्षेत्र से गुजरने वाला दूसरा राष्ट्रीय हाइवे होगा. इससे पहले 1950 के दशक में G219 हाइवे का निर्माण हुआ था. अक्साई चिन वो इलाका है जिस पर भारत अपना दावा करता है, लेकिन इस पर कब्जा चीन का है. इस एरिया की 38,000 वर्ग किमी जमीन पर चीन का कंट्रोल है. रिपोर्ट के मुताबिक इस नए हाइवे के 2035 तक पूरा होने की उम्मीद है.
अखबार के मुताबिक फिलहाल प्रस्तावित हाउवे का कोई नक्शा जारी नहीं किया गया है, लेकिन चीनी अखबार की रिपोर्ट में बताए गए रास्ते से पता चलता है हाइवे अक्साई चिन से होते हुए गुजरेगा और कई विवादित क्षेत्रों को छुएगा जिनको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चलता आ रहा है.
बुधवार को जारी हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक-
नया हाइवे G219 की तुलना में LAC के और भी ज्यादा करीब से गुजरेगा. अक्साई चिन से होते हुए ये हाइवे भारत, नेपाल और भूटान की सीमाओं के साथ लगकर दक्षिण की ओर बढ़ रहा है. फिर नीचे ये अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगकर दक्षिण-पूर्वी तिब्बत में लुंज़े को जोड़ता है.
अखबार के मुताबिक-
नए निर्माण की डीटेल्स फिलहाल साफ नहीं है लेकिन हाइवे पूरा होने पर एलएसी पर देपसांग प्लेन्स, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग्स जैसे विवादित क्षेत्रों के पास भी जा सकता है.
इस हफ्ते चीन ने नई राष्ट्रीय सड़क नेटवर्क योजना का अनावरण किया था. इसका मकसद 2035 तक 4 लाख 61 हजार किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण करना है - जिसमें एक लाख 62 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे और 2 लाख 99 हजार किलोमीटर प्रांतीय हाइवे हैं. दो दिन पहले ही चीन की तरफ से एक वीडियो भी जारी किया गया जिसमें चीनी सैनिक विवादित पैंगोग झील के ऊपर सैन्य अभ्यास करते दिखे थे. माना जा रहा है कि पैंगोंग झील के पास चीन के इस सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के बीच LAC पर तनाव कम करने की कोशिशों को झटका लग सकता है.
दो साल पहले गलवान घाटी में एक झड़प के बाद चीन और भारत के बीच सैन्य गतिरोध शुरू हो गया था. रविवार को हुई सैन्य वार्ता में दोनों पक्षों के बीच 12 घंटे से भी लंबी चली बैठक बेनतीजा रही. सोमवार देर रात जारी एक संयुक्त बयान में दोनों सेनाओं की ओर से कहा गया कि वो LAC के साथ पश्चिमी क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए सहमत हुए हैं.
देखें वीडियो- पैंगोंग झील के पास चीनी सेना ने किया सैन्य अभ्यास, सामने आया वीडियो