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UN में चीन का पाक को फिर समर्थन, 26/11 के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी को बचाया

चीन ने इस प्रस्ताव का विरोध तब किया जब अगले दिन समरकंद में SCO समिट में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंच साझा करने वाले थे.

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चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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17 सितंबर 2022 (Updated: 17 सितंबर 2022, 12:34 IST)
Updated: 17 सितंबर 2022 12:34 IST
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संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन ने एक बार फिर से भारत के खिलाफ चाल चली है. चीन ने 15 सितंबर को UN में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के मेन हैंडलर साजिद मीर का बचाव करते हुए उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने से बचा लिया. साजिद मीर के खिलाफ UN में अमेरिका ने ये प्रस्ताव पेश किया था, भारत इसमें सह-प्रस्तावक था. लेकिन चीन ने इसे पारित नहीं होने दिया. साजिद मीर लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तानी आतंकी है.

भारत के इस मोस्ट वांटेड आतंकी साजिद मीर पर अमेरिका ने 5 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है. अमेरिका के इस प्रस्ताव में आतंकी की संपत्ति फ्रीज करना, उस पर ट्रैवेल बैन लगाया यानी आने-जाने पर रोक लगाना और हथियार मिलने पर भी प्रतिबंध लगाना शामिल था.

साजिद मीर वही आतंकी है जिसे बीते जून के महीने में पाकिस्तान ने टेरर-फंडिंग केस में 15 साल की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान के इस कदम की वजह, FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश बताई जा रही है. पाकिस्तान ने अब तक साजिद मीर को मुंबई हमले में आरोपी नहीं बनाया है.

चीन की तरफ से ये कदम तब उठाया गया जब भारत के पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग SCO समिट में मंच साझा कर रहे थे. इस समिट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल हुए, जहां से आतंकी साजिद मीर ताल्लुक रखता है. समरकंद की इस समिट के दौरान कयास लगाए जा रहे थे कि पीएम मोदी जिनपिंग और शहबाज शरीफ से द्विपक्षीय मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन हुआ नहीं. लद्दाख में चीन और भारतीय सेना के बीच झड़प के बाद पहली बार चीन के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री एक ही मंच पर थे. लेकिन चीन की इन्हीं चालबाजियों पर कड़ा संदेश देते हुए पीएम मोदी ने जिनपिंग ने अलग से मुलाकात नहीं की.

साजिद मीर को बचाने से कुछ दिन पहले ही चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई को भी बचाया था. पिछले महीने ही चीन ने अमेरिका और भारत के उस प्रस्ताव का विरोध किया था जिसमें मसूद अजहर के भाई अब्दुल रउफ अजहर को ब्लैक लिस्ट किया जाना था. बताया जाता है कि रउफ पर अमेरिका ने 2010 में प्रतिबंध लगा दिए थे.

नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक साजिद मीर पर अपने बयान में अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि लश्कर का ये आतंकी, 26/11 हमले में मैनेजर की तरह काम कर रहा था. मीर ने ही मुंबई में हमले की योजना बनाई थी और उसने ही इसे अंजाम तक पहुंचाया था.

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