कर्नाटक की सियासत में 'चड्ढी' की गूंज, कांग्रेस के खिलाफ अंडरवियर इकट्ठा कर रहे RSS के लोग
कर्नाटक में 'चड्ढी पॉलिटिक्स 'की कहानी सुन आप माथा पीट लेंगे!

मानव इतिहास में जब कपड़े पहनने का चलन शुरू हुआ होगा तो किसी ने ये नहीं सोचा होगा कि इस पर भी कोई राजनीति कर सकता है. वो भी चड्ढी (Chaddhi) पर. खबर कर्नाटक से है. RSS के कार्यकर्ता चड्ढी (अंडरवियर) इकट्ठा कर रहे हैं और उसे एक बक्से में भर कर कांग्रेस दफ्तर भेज रहे हैं. लेकिन क्यों?
कर्नाटक का चड्ढी विवाद?बात पिछले हफ्ते की है. कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनिटन ऑफ इंडिया (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने RSS के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इसमें उन्होंने खाकी हाफ पैंट्स जलाईं. कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश के घर के बाहर. NSUI के छात्रों का आरोप था कि स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों का 'भगवाकरण' किया जा रहा है. उनका कहना था कि स्कूली बच्चों के सिलेबस में RSS की विचारधारा को शामिल किया जा रहा है.
इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. अब इस पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया भड़क गए. पार्टी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा,
NSUI कार्यकर्ताओं ने चड्ढियां जलाईं. तो! क्या ये कोई अपराध है? ये असामाजिक कैसे हो गया? क्या सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना कानून का उल्लंघन है?
सिद्धारमैया यही नहीं रुके. उन्होंने तो इस पर अभियान चलाने की धमकी दे दी. कांग्रेस नेता ने कहा,
RSS-बीजेपी का पलटवारसंविधान हमें न्याय के लिए लड़ने का अधिकार देता है. अगर सरकार हमारे कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं करती है तो पूरे राज्य में अभियान चलाएंगे. 'बर्न हाफ खाकी पैंट. यानी चड्ढी जलाओ' अभियान.
जाहिर सी बात है सिद्धारमैया के इस रुख पर बीजेपी-RSS का जवाब आना ही था. तो सिद्धारमैया के बयान पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पलटवार किया. पलटवार तो किया ही, कुछ बातें ऐसी भी कह दीं जिन्हें ‘अवॉइड’ भी कर सकते थे. प्रह्लाद जोशी ने कहा,
सिद्धारमैया और कांग्रेस पार्टी की चड्ढी पहले से ही ढीली है. उनकी चड्ढी तो फट ही चुकी है, इसीलिए वो अब चड्ढी जला रहे हैं. उनकी चड्ढी यूपी में उतर गई. सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी में अपनी चड्ढी और लुंगी दोनों ढीली करवा ली. तो अब वो संघ की खाकी हाफ पैंट जलाने की कोशिश कर रहा है.
बता दें कि चामुंडेश्वरी, सिद्धारमैया की विधानसभा सीट है जहां वो 2018 के चुनाव में हार गए थे.
सिद्धारमैया के बयान पर बीजेपी नेता नारायणस्वामी की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने कहा,
अगर उनको चड्ढी जलानी है तो वो अपने घर में जलाएं ना. मैंने तो सभी जिलों के कार्यकर्ताओं से कहा है कि सिद्धारमैया को चड्ढी भेजने में मदद करें. लेकिन पहले सिद्धारमैया को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से इजाजत ले लेनी चाहिए.
बहरहाल, इस जुबानी जंग का नतीजा ये है कि मांड्या जिले के संघ कार्यकर्ता चड्ढियां इकट्ठा कर रहे हैं और सिद्धारमैया की टिप्पणी पर चड्ढियां कांग्रेस दफ्तर भेजने की बात कर रहे हैं.
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