रेलवे एग्जाम में भेजा नकली कैंडिडेट, अंगूठे की खाल काटकर दी, ऐसे पकड़ा गया
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से पार पाने के लिए रचा खेल. खाल को पॉलीथीन बैग में भरकर लाए.

गुजरात के वडोदरा (Vadodara) में हुए रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड आरसीसी (RCC) लेवल-1 एग्जाम में एक कैंडिडेट ने अपनी जगह किसी दूसरे शख्स को भेज दिया. बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में उसकी ये धांधली पकड़ में न आए, इसके लिए उसने अपने बाएं अंगूठे की स्किन काट कर एग्जाम देने वाले शख्स को दे दी. और इस तरह वो फर्जी कैंडिडेट अपने अंगूठे पर असली कैंडिडेट के अंगूठे की स्किन चिपका कर एग्जाम देने पहुंच गया. लेकिन सैनिटाइजर ने उनकी पोल खोल दी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कैंडिडेट की पहचान मनीष कुमार शंभुनाथ के तौर पर हुई है. मनीष ने अपनी जगह एग्जाम देने के लिए राजगुरु गुप्ता को भेजा था. ये दोनों बिहार के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर बुधवार, 24 अगस्त को कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने इन्हें तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है.
सैनिटाइजर ने खोली पोलरिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के वडोदरा (Vadodara) में बीती 22 अगस्त को रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड आरसीसी (RCC) लेवल-1 की परीक्षा थी. एग्जाम की तीसरी शिफ्ट शाम 5 से 6.30 बजे तक थी. कैंडिडेट्स को एक परीक्षा केंद्र की चौथी मंजिल पर बने परीक्षा हॉल में जाना था. हॉल में एंट्री से पहले कैंडिडेट्स के आधार कार्ड डेटा का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन चल रहा था. इस दौरान एक कैंडिडेट के बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में दिक्कत आ रही थी. जब परीक्षा निरीक्षक ने उस कैंडिडेट के बाएं अंगूठे को सैनिटाइजर से साफ किया, तो अंगूठे की स्किन निकल आई. उस कैंडिडेट ने अपने अंगूठे पर असली कैंडिडेट के अंगूठे की स्किन चिपका रखी थी.
पॉलीथीन बैग में लेकर आया था स्किनरिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस की पूछताछ में नकली कैंडिडेट ने अपना नाम राजगुरु गुप्ता बताया है. वो असली कैंडिडेट मनीष कुमार के नाम पर परीक्षा देने जा रहा था.
लक्ष्मीपुरा पुलिस स्टेशन की इंस्पेक्टर पूजा तिवारी ने बताया,
आरोपी ने हमें बताया कि मनीष कुमार ने 19 अगस्त को अपने बाएं अंगूठे की स्किन काट कर निकाली थी. वो मनीष के साथ ट्रेन से वडोदरा आया. वो लोग अंगूठे की स्किन एक पॉलीथीन बैग में लेकर आए थे.
इस मामले में वडोदरा की लक्ष्मीपुरा पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने, धोखा देने के उद्देश्य से जालसाजी और आपराधिक साजिश और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
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