बुराड़ी केस: 1 नहीं, 5 आत्माओं की मुक्ति के लिए फंदे पर लटका था परिवार!
वो रजिस्टर भी सामने आया, जिसमें फंदे पर चढ़ने का पूरा प्रोसेस लिखा है.

बुराड़ी में एक परिवार के 11 लोगों की मौत की गुत्थी अब लगभग सुलझती नजर आ रही है. घर में मिले रजिस्टरों में लिखी मिली बातों से यह साफ हो गया है कि परिवार के लोग अंधविश्वास का शिकार हो गए थे. उन्होंने यकीन कर लिया था कि ललित में उसके मृत पिता की आत्मा आती है. वो उसकी बातों को मानते थे. पुलिस ने इस परिवार के 100 से ज्यादा करीबियों से पूछताछ की है. साथ ही पड़ोसियों और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आखिरी दिनों में परिवार ने जो किया, उसका भी लेखा-जोखा तैयार कर लिया है.
आखिरी पांच दिनों में क्या-क्या किया?
25 जून- यह दिन सामान्य था. भूपी ने मंदिर दर्शन से आकर सुबह अपनी दुकान खोली. ललित के नौकर ने उसकी दुकान खोली. ललित देरी से अपनी दुकान पर आया. दुकान में भी रोज की तरह पूजा की गई. बताया जा रहा है कि ललित सुबह और रात को मंत्रों का जाप करता था. 25 को उसने रजिस्टर में लिखा है- 'एक हफ्ते दिल लगाकर पूजा करनी है. सबको एक साथ रहना है. एक-दूसरे की मदद करनी है.' अगले हफ्ते की प्लानिंग भी इसमें लिखी हुई है. इस दिन वट सावित्री के व्रत की शुरुआत का दिन भी था.
26 जून- यह दिन भी सामान्य ही था. परिवार की दिनचर्या भी रोज की तरह ही थी. लेकिन इस तारीख को रजिस्टर में कुछ नहीं लिखा गया है. पुलिस को मिले सीसीटीवी के वीडियो में सविता पूजा के लिए थाली और हवन की सामग्री घर में ले जाती दिख रही हैं. वीडियो में उनके हाथ में कुछ और सामान भी है, जिसे पुलिस इस तंत्र-मंत्र से जुड़ा मान रही है.

28 जून को एक शोरूम के सीसीटीवी में दिखाई दिया ललित. घर से मिला कैलेंडर जिसमें वट पूजा का जिक्र है.
27 जून- यह दिन भी सामान्य था. इस दिन वटसावित्री का व्रत भी था. घर में पूजा-पाठ हुआ. रजिस्टर में इस दिन भी कुछ नहीं लिखा गया. सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि ललित एक पॉलीथीन में सामान ला रहा है. पॉलीथीन में काले रंग का कपड़ा और डॉक्टर टेप नजर आ रही है. क्रिया के अंतिम दिन परिवार के सदस्यों के मुंह पर बांधने के लिए काले कपड़े और डॉक्टर टेप का इस्तेमाल किया गया था.
28 जून- इस दिन की रजिस्टर में एंट्री है. इसको पढ़कर लगता है कि परिवार का मरने का कोई इरादा नहीं था क्योंकि इसमें अगले महीने तक की प्लानिंग लिखी है. रजिस्टर में लिखा है- 'भूपी बैंक से पैसे निकालेगा. इस पैसे को दुकान में लगाया जाएगा. घर में इस पैसे का इस्तेमाल नहीं होगा.' आगे इस पैसे को कैसे इन्वेस्ट कैसे किया जाएगा ये भी लिखा गया है. साथ ही ललित शाम को अकेले कहीं जाते दिख रहा है. जब वह घर वापस आता है, तो उनके हाथ में सामान के दो बैग हैं. एक बैग में हवन सामग्री दिखाई दे रही है.
29 जून- इस तारीख की रजिस्टर में कोई एंट्री नहीं है. परिवार की गतिविधियां भी सामान्य रहीं.
Just hours before 11 members of a family were found dead at their home in Burari, mother and daughter were arranging for stools, which they eventually used to step on and hang themselves. A clip of the CCTV footage from Burari accessed by cops. pic.twitter.com/zin9sg4JPN
— Ananya Bhardwaj (@BhardwajAnanya) July 4, 2018
30 जून- 30 जून की रात को ही यह घटना घटी. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि प्रतिभा और प्रियंका सुबह मॉर्निंग वॉक पर गईं. भूपी सुबह 5.40 बजे मंदिर गया. 5.51 बजे मंदिर से वापस आ गया. 10 बजे ललित अपनी दुकान पर गया. दोपहर में एक मोबाइल की दुकान से अपना फोन रिचार्ज करवाया. रात करीब 10 बजे सीसीटीवी में घर की दो महिलाएं स्टूल लेकर आती दिख रही हैं. कुछ देर बाद बच्चे नीचे दुकान से तार ले जाते दिख रहे हैं. 10.40 बजे डिलीवरी बॉय खाना देकर जाता है. खाने में बस 20 रोटियां थीं.
मौत का तरीका रजिस्टर में ऐसे लिखा था
रजिस्टर में फंदे पर कैसे लटकना है इसका तरीका लिखा है. परिवार को यकीन था कि लटकने से वो मरेंगे नहीं, मृत पिता की आत्मा उन्हें बचा लेगी. इसलिए किसी ने इस सबका विरोध नहीं किया. रजिस्टर में लिखा है-

रजिस्टर में फंदे से लटकने का यह तरीका लिखा था.
- 7 दिन लगातार पूजा करनी है. थोड़ी श्रद्धा और लगन से. कोई घर में आ जाए तो अगले दिन पूजा.
- बेबी भी खड़ी नहीं हो सकती तो अलग कमरे में लेट सकती है. पट्टियां अच्छे से बांधनी हैं शून्य के अलावा कुछ नहीं.
-पहले हाथ प्रार्थना की मुद्रा में थे. अनशान भाव (अनिशासन भाव) की और शरीर को तार से लपेटना है. रस्सी के साथ सूती चुन्नी या साड़ी का ही प्रयोग करना है गले में.
-सब की सोच एक जैसी हो. पहले से ज्यादा दृढ़ता हो.
-स्नान करने की जरूरत नहीं है. मुंह हाथ धोकर ही.
-यह करते ही तुम्हारे आगे के काम दृढ़ता से होने शुरू होंगे.
-ढीलापन और अविश्वास नुकसानदायक होते हैं. श्रद्धा, तालमेल और आपसी सहयोग जरूरी होता है.
-मंगल, शनि, वीर, इतवार फिर आउंगा.
-विश्वास और दृढ़ता से करो, मध्यम रोशनी का प्रयोग करना है.
-हाथ की पट्टी बचेगी. उसे आखों पर डबल कर लेनी है. मुंह की पट्टी को भी रूमाल से डबल कर लेना है.
-जितना दृढ़ता और श्रद्धा दिखाओगे उतना उचित फल मिलेगा.
-जिस दिन यह प्रयोग करो तो फोन का प्रयोग कम से कम करना.
-मंगल और वीरवार आएंगे.
इस पन्ने पर एक तरफ 6.18 लिखा है. इसका अंदाजा जून 2018 लगाया जा रहा है. यह कब लिखा गया है स्पष्ट नहीं है.
रजिस्टर में आगे लिखा है- 'धरती कांपेगी आसमान हिलेगा लेकिन तुम घबराना मत मैं आऊंगा और बचा लूंगा.'
दूसरी आत्माओं का भी है जिक्र!एक रजिस्टर में 9 जुलाई, 2015 की तारीख से एक पन्ने में लिखा है- 'अपने सुधार में गति बढ़ा दो. यह भी तुम्हारा धन्यवाद करता हूं कि तुम भटक जाते हो पर फिर एक दूसरे की बात मानकर एक छत के नीचे मेल मिलाप कर लेते हो. 5 आत्माएं अभी मेरे साथ भटक रही है अगर तुम अपने मे सुधार करोगे तो उन्हें भी गति मिलेगी. तुम तो सोचते होंगे कि हरिद्वार जाके सब कुछ कर आएं तो गति मिल जाएगी. जैसे मैं इस चीज़ के लिए भटक रहा हूं ऐसे ही सज्जन सिंह , हीरा, दयानंद , गंगा देवी मेरे सहयोगी बने हुए हैं. ये भी यही चाहते हैं कि तुम सब सही कर्म करके अपना जीवन सफल बनाओ. अगर हमारे नियमित काम पूरे हो जाएंगे तो हम अपने वास को लौट जाएंगे.'

ललित के पिता भोपाल सिंह जिनकी 2007 में मौत हो गई.
इन नामों के बारे में पुलिस पता लगा रही है कि ये सब कौन हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह सब ललित ने अपने पिता के हवाले से लिखा होगा और ये सब उसने दूसरी आत्माओं के नाम बताए होंगे.
रजिस्टर खुद नहीं लिखता था ललित
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जो रजिस्टर बरामद हुए हैं उनमें एक से ज्यादा लोगों की राइटिंग हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि ललित जब अपने पिता की आवाज में बात करता था तो घर का कोई दूसरा मेंबर इसे लिखता था.
पुलिस जब घर में पहुंची थी तो ललित के बड़े भाई भूपी का एक हाथ फांसी से के फंदे से लगा दिख रहा था. अंदाजा लगाया जा रहा है कि फंदे से लटकते हुए उसने बचने की कोशिश की होगी पर बच नहीं सका. बहरहाल पुलिस इस मामले की जांच को धार्मिक अंधविश्वास के एंगल से ही आगे बढ़ा रही है.
इस केस में अबतक क्या-क्या हो चुका है वो आप नीचे देख और पढ़ सकते हैं-
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