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मुसलमान औरतों को नीलाम करने के आरोपियों को बेल देते हुए कोर्ट ने कहा - “सुनवाई में समय लग रहा”

मुंबई पुलिस ने बुल्ली बाई ऐप केस के तीनों आरोपियों को जनवरी, 2022 में हिरासत में ले लिया था.

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Bulli Bai app case three accused granted bail
बुल्ली बाई ऐप और आरोपी नीरज बिश्नोई (फोटो: पीटीआई)
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सुरभि गुप्ता
27 जून 2022 (Updated: 28 जून 2022, 12:06 PM IST) कॉमेंट्स
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मुंबई सेशन कोर्ट ने बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai app) केस में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों नीरज बिश्नोई, नीरज सिंह और ओंकारेश्वर ठाकुर को जमानत दे दी है. कोर्ट ने सुनवाई शुरू होने में अधिक समय लगने के कारण आरोपियों को बेल दिया है. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने तीनों आरोपियों को जनवरी, 2022 में हिरासत में ले लिया था. पुलिस के मुताबिक ओंकारेश्वर ठाकुर ने ऐप के लिए सोर्स कोड दिया था, नीरज बिश्नोई ने बुल्ली बाई ऐप बनाया था और नीरज सिंह ने तस्वीरें सर्कुलेट की थीं. इन तीनों आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, मानहानि, नफरत फैलाने और आपराधिक साजिश का आरोप लगा है.

बुल्ली बाई ऐप केस में आरोपियों को बेल देते हुए कोर्ट ने क्या कहा?

इंडिया टुडे की विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई सेशन कोर्ट में कहा गया, 

मुकदमा शुरू नहीं हुआ है और इसमें समय लगेगा. काफी समय बीत चुका है, तब तक, ऐसा नहीं लगता कि आरोपियों को इतने लंबे समय तक कैद में रखने से कोई मकसद पूरा होगा.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एबी शर्मा ने 21 जून को नीरज सिंह, नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर को दिए जमानत के आदेश में कहा,

मामले के अजीबोगरीब तथ्यों, परिस्थितियों और आरोपियों की उम्र को देखते हुए, अदालत ने छह महीने की कैद के बाद आरोपियों को जमानत देना उचित समझा.

'आरोपियों को हिरासत में रखने की जरूरत नहीं'

अदालत में यह भी कहा गया कि ऐसा लगता है, इस मामले की जांच पूरी हो गई है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. अदालत ने यह भी कहा, 

रिकॉर्ड में पेश किए गए डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि आरोपियों के खिलाफ कई राज्यों में इसी तरह के आरोप वाले 4 अन्य एफआईआर दर्ज की गई थीं. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दे दी है. इस मामले में तीन आरोपी पहले ही जमानत पर रिहा हो चुके हैं. आरोपियों की कथित संलिप्तता से जुड़े जिन सबूतों पर प्रॉसिक्यूशन निर्भर है, वे सबूत जुटाए जा चुके हैं. ऐसे में जांच एजेंसी को आरोपियों को हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है. 

बुल्ली बाई ऐप बनाने के आरोपी नीरज बिश्नोई के मामले में अदालत ने कहा,

आरोपी 6 महीने से अधिक समय से सलाखों के पीछे है. वह एक छात्र है और उसकी उम्र करीब 20 साल है. यह देखा गया है कि वह पहले ही अपने कॉलेज द्वारा निलंबित कर दिया गया है और ऐसी परिस्थितियों में, उसकी लंबी हिरासत उसके शैक्षिक करियर को खराब कर देगी.

ओंकारेश्वर ठाकुर और नीरज सिंह के मामलों में भी अदालत ने कहा कि आरोपी 6 महीने से अधिक समय से सलाखों के पीछे थे और उनकी उम्र क्रमश: 26 और 28 साल है और यह भी कहा कि यह अपराध मजिस्ट्रेट की अदालत में विचारणीय है.

बुल्ली बाई ऐप केस क्या है?

बुल्ली बाई ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं के नाम "नीलामी" के लिए लिस्ट किए गए थे. उनकी तस्वीरों को बिना मंजूरी के इस्तेमाल किया गया था और साथ ही, उन तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की चार्जशीट में कहा गया कि सबसे पहले नीरज बिश्नोई ने बुल्ली बाई ऐप का लिंक अपने ट्विटर ग्रुप पर शेयर किया था. उस ग्रुप के सदस्य इस बात से पूरी तरह वाकिफ थे कि इसका इस्तेमाल मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने के लिए किया जाएगा. इसमें कोई वास्तविक नीलामी या बिक्री नहीं हुई थी, ऐप का मकसद सोशल मीडिया पर एक्टिव कई मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करना और डराना था.

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