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बदायूं डबल मर्डर की पूरी टाइमलाइन: साजिद का एनकाउंटर- जावेद की गिरफ्तारी, कब-क्या हुआ?

Budaun Double Murder: दोनों बच्चों की हत्या का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. आरोपी Sajid के एनकाउंटर के बाद से ही क़त्ल का मकसद जानने के लिए दूसरे आरोपी Javed की गिरफ़्तारी का इंतज़ार हो रहा था. अब जावेद से पूछताछ की जा रही है.

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Budaun double murder
एक आरोपी पुलिस एनकाउंटर में मारा गया, दूसरा पुलिस की गिरफ़्त में है. (फ़ोटो - PTI)
21 मार्च 2024 (Updated: 21 मार्च 2024, 02:35 PM IST)
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उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले में दो बच्चों की हत्या के आरोपी जावेद को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. इससे पहले, घटना का मुख्य आरोपी साजिद पुलिस एनकाउंटर में मार दिया गया था. जावेद, साजिद का ही भाई है. घटना के बाद उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया था, और फ़रार था. पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी. अब उसे गिरफ़्त में लेकर पूछताछ की जा रही है.

इससे पहले क्या-क्या हुआ?

बदायूं की बाबा कॉलोनी. विनोद कुमार सिंह और संगीता अपने तीन बच्चों और मां के साथ यहीं रहते हैं. उनके घर के सामने साजिद और जावेद की हज़ामत की दुकान थी. दर्ज FIR के मुताबिक़, 19 मार्च की शाम क़रीब 7 बजे साजिद और जावेद, संगीता के घर पहुंचे. उस वक़्त घर पर संगीता, उनके तीन बेटे - 12 साल का आयुष, 6 साल का आहान, 9 साल का पीयूष - और इन बच्चों की दादी मुन्नी देवी मौजूद थीं.

साजिद ने संगीता से अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए पांच हज़ार रुपये मांगे. साजिद का भाई जावेद मोटर साइकिल के साथ बाहर खड़ा था. संगीता ने अपनी पति को फ़ोन कर मामला बताया. जब संगीता ने पैसे देने की बात कही, तो साजिद ने मंझले बेटे पीयूष को गुटखा लाने के लिए बाहर भेज दिया. इसके बाद 'तबीयत ठीक नहीं है' कह कर साजिद छत पर चला गया. अपने साथ परिवार के सबसे छोटे बेटे आहान को भी ले गया. कुछ देर बाद उसने आहान के बड़े भाई पीयूष को पानी लाने के लिए कहा और बाहर खड़े अपने भाई जावेद को भी बुला लिया.

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FIR के मुताबिक़, जब संगीता कमरे से पैसे बाहर ले कर आईं, तो उनकी नज़र साजिद और जावेद पर पड़ी. दोनों सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे. उनके पास छुरी थी. ख़ून से सनी हुई.

संगीता भाग कर ऊपर छत पर पहुंची. तब तक उनके दो बेटे आयुष और आहान की मौत हो चुकी थी. पूरा कमरा ख़ून से लथपथ था. उनका तीसरा बेटा पीयूष गुटखा लेकर घर पहुंचा, तो उस पर भी हमला हुआ. लेकिन वो किसी तरह बच निकला. संगीता चिल्लाईं, मोहल्ले के लोग जुटने लगे. मौक़े पर मौजूद लोगों ने दोनों आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की. लेकिन भीड़ और अंधेरे में वो भाग गए.

घटना के तुरंत बाद इलाक़े में तनाव फैल गया. संगीता के बच्चों की हत्या के बाद लोगों ने इस सैलून को उजाड़ दिया है. सारा सामान भी सड़क पर फेंक कर जला दिया. इसके कुछ ही देर बाद ख़बर आई कि पुलिस ने आरोपी साजिद को एनकाउंटर में मार दिया है.

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बदायूं के SSP आलोक प्रियदर्शनी ने बताया कि जैसे ही उन्हें घटना के बारे में पता चला, उन्होंने जांच शुरू करवा दी.

पुलिस को सूचना मिली की शेखूपुर के जंगल के पास कोई शख्स भाग रहा है. जहां पुलिस टीम ने पहुंच कर उसे पकड़ने की कोशिश की. इस दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग की. पुलिस की जवाबी फायरिंग में आरोपी साजिद की मौत हो गई.

फ़ायरिंग में इस्तेमाल किया गया ग़ैर-लाइसेंसी तमंचा और बच्चों की हत्या में इस्तेमाल हुए हथियार को ज़ब्त कर लिया है.

हत्या का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. बच्चों के पिता विनोद सिंह का कहना है कि उनकी साजिद और जावेद से कोई दुश्मनी नहीं थी. आरोपी साजिद और जावेद की मां नाज़िन ने भी कहा कि उन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं है कि उनके बेटों ने ऐसा क्यों किया. घरवालों का कहना है कि साजिद बहुत ग़ुस्सैल था. घर में किसी की बात नहीं सुनता था. घरवाले भी उससे ज़्यादा मतलब नहीं रखते थे.

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इलाक़े में और बाहर भी लोग स्तब्ध हैं कि आख़िर क्या वजह रही होगी कि साजिद ने दो मासूम बच्चों की हत्या कर दी. इन सवालों के जवाब के लिए आरोपी जावेद की गिरफ़्तारी का इंतज़ार हो रहा था.

जांच से इतर राजनीति भरपूर चल रही है. राज्य सरकार कह रही है कि इस तरह के कृत्य के लिए ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है, कोई बख़्शा नहीं जाएगा. वहीं, विपक्ष का कहना है कि एनकाउंटर के आड़ में आप सूबे की क़ानून व्यवस्था की नाकामियां नहीं छिपा सकते. 

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