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F-35B फाइटर जेट वापस लौटा, ब्रिटेन की फजीहत कराने के अलावा भारत का फायदा करा गया

यूं तो F-35B एक उन्नत Fighter Jet है लेकिन इसके खराब होने के कारण इंटरनेट पर लोगों ने इसकी मौज ले ली. खासकर Kerala Tourism Department ने.

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केरल एयरपोर्ट पर खड़ा F-35B (PHOTO- Kerala Tourism)
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मानस राज
22 जुलाई 2025 (Published: 04:53 PM IST) कॉमेंट्स
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14 जून 2025 की रात भारत केे दक्षिणी छोर पर एक अनजान विमान भारतीय भारत के एयर डिफेंस आईडेंटिफिकेशन जोन (ADIZ) के बाहर स्पॉट हुआ. ये ब्रिटेन की रॉयल नेवी का सबसे उन्नत विमान F-35B था जो एयरक्राफ्ट कैरियर प्रिंस ऑफ वेल्स (HMS Prince Of Wales) से ऑपरेट कर रहा था. अचानक इसमें कुछ खराबी आई. इस वजह जेट को प्रिंस ऑफ वेल्स की जगह केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करना पड़ा. काफी कोशिशों को बावजूद ये जेट वापस उड़ान नहीं भर सका. आखिरकार 37 दिन ‘हॉलिडे’ मनाने के बाद F-35 घर वापस लौट रहा है. लेकिन जाते-जाते छोड़ गया खूब सारे मीम्स और 37 दिनों का किराया. तो जानते हैं इस जेट के भारत में रहने के दौरान क्या-क्या देखने को मिला?

इंडियन एयरफोर्स ने ट्रैक किया

ये किस्सा शुरू हुआ 14 जून की रात को. इंडियन एयरफोर्स अपने इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) से निगरानी कर रही थी. ये एक रेगुलर प्रोसेस है जो एयरफोर्स हमेशा करती रहती है. निगरानी के दौरान एयरफोर्स को रडार पर एक विमान दिखा. ये रॉयल नेवी का सबसे उन्नत विमान F-35B था जो एयरक्राफ्ट कैरियर प्रिंस ऑफ वेल्स (HMS Prince Of Wales) से ऑपरेट कर रहा था. इसमें कुछ तकनीकी खराबी आ गई. ब्रिटेन भारत का मित्र है तो भारत ने अपने एयरपोर्ट पर F-35B की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई. साथ ही हर तरह की मदद जैसे ईंधन और सीआईएसएफ की सुरक्षा भी मुहैया करवाई.

इसके बाद अगले दिन यानी 15 जून को इंडियन एयरफोर्स ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. इसी दिन प्रिंस ऑफ वेल्स पर तैनात रॉयल नेवी के टेक्निशियन भारत आए और जेट को ठीक करने की कोशिश की. लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं. अगले 10 दिनों तक ये जेट भारत में खड़ा रहा. 25 जून को ब्रिटेन के अधिअकारियों ने माना कि जेट को ठीक करने की कोशिश जारी है. साथ ही उन्होंने भारतीय अधिकारियों का मदद के लिए शुक्रिया भी अदा किया. इस दौरान पूरे समय ये जेट केरल के मानसून (भारी बारिश) में खुले में खड़ा रहा. इस बीच भारतीय अधिकारियों ने कई बार जेट को हैंगर के अंदर ले जाने की पेशकश की. लेकिन ब्रिटिश अधिकारी इसके लिए राजी नहीं हुए.

केरल टूरिज्म ने मौज ले ली

यूं तो F-35B एक उन्नत जेट है लेकिन इसके खराब होने के कारण इंटरनेट पर लोगों ने इसकी मौज ले ली. खासकर केरल के पर्यटन विभाग ने 2 जुलाई को एक पोस्ट किया. इस पोस्ट में कैप्शन लिखा 

केरल, एक ऐसा टूरिस्ट डेस्टिनेशन जिसे आप कभी छोड़कर नहीं जाना चाहेंगे. 

साथ में F-35B की एक तस्वीर भी थी. तस्वीर में 5 स्टार रेटिंग के साथ लिखा था 

केरल वाकई में शानदार जगह है. मैं तो यहां से जाना ही नहीं चाहता. आपको भी ये डेस्टिनेशन सजेस्ट करता हूं.

37 दिनों का किराया

अब ब्रिटेन से भारत के संबंध अच्छे हैं. लेकिन एक पुरानी कहावत है 'मांगो खुदा से बंदे से नहीं, दोस्ती हमसे, धंधे से नहीं.' कुल 37 दिनों तक ये विमान तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर खड़ा रहा. एयरपोर्ट पर पार्क रहने के लिए हर दिन इस जेट को 26 हजार 261 रुपये का किराया देना था. कुल 37 दिनों को देखें तो 9 लाख, 71 हजार, 657 रुपये का किराया F-35B को देना पड़ा. लेकिन ये तो बस किराया है. कुछ अतिरिक्त चार्ज जैसे हैंगर का किराया भी अभी F-35B को भरना होगा. साथ ही एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज के हैंगर, जहां इसकी मरम्मत हुई, उसका चार्ज भी अदा करना होगा.

घर लौटा परदेसी 

6 जुलाई को रॉयल एयरफोर्स से 24 लोगों की एक टीम भारत आई. इसमें 14 इंजीनियर और 10 सपोर्ट स्टाफ थे. फाइटर जेट को एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज के हैंगर में शिफ्ट किया गया जहां इसकी मरम्मत शुरू हुई. आखिरकार 21 जुलाई को खबर आई कि विमान पूरी तरह से ठीक हो चुका है और उड़ान के लिए तैयार है. 22 जुलाई को विमान ने अपने घर यानी प्रिंस ऑफ वेल्स के लिए उड़ान भरी.

F-35B - स्टेल्थ का बादशाह 

F-35 एक स्टेल्थ फाइटर जेट है. रॉयल नेवी जो F-35 इस्तेमाल करती है, वो उसका B यानी नेवल वेरिएंट है. इसे एयरक्राफ्ट कैरियर पर ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया जाता है. इस विमान को अमेरिका की कंपनी लॉकहीड मार्टिन बनाती है. स्टेल्थ विमानों में देखें तो इस जेट को जबरदस्त ख्याति प्राप्त है. कहते हैं कि किसी भी रडार के लिए इसे डिटेक्ट कर पाना बहुत मुश्किल है. बावजूद इसके, ये इंडियन एयरफोर्स की रडार के पकड़ में आ गया. 

फिलहाल रॉयल नेवी में ये विमान यूरोफाइटर टाइफून के साथ ऑपरेट कर रहा है. ये एक मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है. यानी इससे कई तरह के मिशंस मसलन हवा से हवा (Air to Air), हवा से जमीन (Air to Surface), और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर; हर तरह के मिशन को अंजाम दिया जा सकता है. इसके कुछ फीचर्स को देखें तो-

  • इंजन: Pratt Whitney F135 टर्बोफैन 
  • थ्रस्ट: 180 Kn
  • लंबाई: 15.6 मीटर 
  • हाईट: 4.36 मीटर
  • विंगस्पैन: 10.7 मीटर 
  • स्पीड: मैक 1.6 (1975.68 किलोमीटर प्रति घंटा)
  • सीट: सिंगल पायलट 
  • अधिकतम ऊंचाई(सर्विस सीलिंग): 50 हजार फीट
  • हथियार: Meteor, AMRAAM, ASRAAM मिसाइल (एयर टू एयर) ; Paveway IV (एयर टू सर्फेस)
  • रडार: AN/APG81 AESA रडार ; IR सर्च ट्रैक

कुल मिलाकर देखें तो ये एक काफी महंगा और उन्नत सिस्टम है. इसलिए इसकी ऑपरेशनल कॉस्ट भी अधिक है. स्टेल्थ फीचर की वजह से इसे दुश्मन के इलाके में भी ऑपरेट किया जा सकता है. इसमें लगे इंटीग्रेटेड सेंसर पायलट को पूरे बैटलफील्ड (युद्ध के मैदान) की एक तस्वीर बनाकर देता है. साथ ही संभावित खतरों और उनसे निपटने के लिए कौन सा हथियार चलाना है, ये जानकारी भी पायलट की स्क्रीन पर होती है. इससे पायलट अपने बेस को बेहतर जानकारी भेजता है. 

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 ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात F-35B फाइटर जेट (PHOTO- X/Royal Navy)

(यह भी पढ़ें: भारत के लिए क्यों घाटे का सौदा है अमेरिका वाला F-35 Fighter Jet?)

चूंकि ये नेवल वेरिएंट है, इसलिए इसमें वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग का खास फीचर मिलता है. अगर आप एयरफोर्स के विमानों को देखें तो आमतौर पर उनके पास उड़ान भरने और लैंड करने के लिए बड़ा रनवे होता है. पर नेवी के विमानों के पास ऐसी सहूलियत नहीं होती. उन्हें एयरक्राफ्ट कैरियर के छोटे रनवे पर टेक-ऑफ और लैंड करना होता है. इसी वजह से F-35B में एक ही जगह से टेक-ऑफ और लैंडिंंग का फीचर मिलता है. रॉयल नेवी की वेबसाइट के मुताबिक फिलहाल इसकी 4 स्क्वाड्रन रॉयल नेवी में ऑपरेशनल हैं.

वीडियो: ब्रिटिश नेवी के अटके जहाज के सहारे केरल टूरिज्म का प्रमोशन, पोस्ट हुआ वायरल

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