Maharashtra MLC Election: कम संख्याबल के बावजूद बीजेपी ने गाड़ा झंडा, 10 में से 5 सीटें जीतीं
महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना और एनसीपी के दो-दो उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है.

महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के परिणाम आ गए हैं. कुल 10 सीटों पर हुए इस चुनाव में बीजेपी ने बड़ी बाजी मारी है. खबरों के मुताबिक बीजेपी ने पांच सीटों पर जीत हासिल कर ली है. वहीं शिवसेना और एनसीपी के दो-दो उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है.
चुनाव में बीजेपी ने अपनी तरफ से पांच उम्मीदवार उतारे थे, जबकि महा विकास अघाडी के 6 उम्मीदवार मैदान में थे. बीजेपी के विजयी उम्मीदवारों में प्रवीण डारेकर, राम शिंदे, श्रीकांत भारतीय, उमा खापरे और प्रसाद लाड शामिल हैं. वहीं एनसीपी की बात करें तो पार्टी की तरफ से एकनाथ खड़से और रामराजे नाइक निंबालकर ने जीत हासिल की है. शिवसेना के उम्मीदवार अमश्या पडवी और सचिन अहीर भी इस चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रहे.
राज्य मेें सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी अपने छठवें उम्मीदवार को निर्वाचित नहीं करा पाया. संख्या कम होने के बावजूद बीजेपी चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने में सफल रही.
चुनाव के पहले ही अघाडी की हालत थी नाजुकएमएलसी के चुनाव परिणाम बीजेपी के लिए उत्साह बढ़ाने वाले हैं. उसने कुल 5 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था और ये सभी विजयी हुए. कहा जा रहा है कि पर्याप्त संख्याबल न होने के बावजूद भाजपा की ये जीत अप्रत्याशित है. वहीं चुनाव में महा विकास अघाडी का प्रदर्शन उम्मीद से कमतर रहा. इसलिए 5 सीटों पर कब्जा करने के बाद भी इन परिणामों को गठबंधन दलों के लिए हार की तरह देखा जा रहा है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार चुनाव से पहले ही महा विकास अघाडी का समीकरण बिगड़ा हुआ था. हालत ये रही कि सहयोगी दलों में एक दूसरे को अपने सरप्लस वोट ट्रांसफर करने पर भी सहमति नहीं बन पाई थी. शिवसेना ने कहा था कि सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए खुद से वोट जुटाएंगे.
बहरहाल, महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव की वोटिंग 20 जून की शाम 4 बजे तक चली. इसमें कुल 288 सदस्यों में से 285 ने वोट डाले. बता दें कि शिवसेना के एक विधायक रमेश लटाके की पिछले महीने मौत हो गई थी, सो एक वोट उनका कम हो गया. बाकी बचे दो वोटों की बात करें तो वो थे एनसीपी विधायकों के, जो महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं. यानी अनिल देशमुख और नवाब मलिक. इन दोनों नेताओं को वोट डालने की इजाजत अदालत से नहीं मिली थी. ये दोनों कथित मनी लांड्रिंग के केस में न्यायिक हिरासत में हैं.
बता दें कि विधान परिषद के 9 सदस्यों का कार्यकाल आने वाली 7 जुलाई को समाप्त होने वाला है. वहीं, इस साल की शुरुआत में बीजेपी के एक सदस्य के निधन के कारण 10वीं सीट पर चुनाव कराया गया था.